बिलासपुर: नगर के परिधि गृह के नजदीक स्वतंत्रता सेनानी पार्क में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मंत्री दौलत राम सांख्यायन की 102वीं जयंती मनाई गई. जयंती पर विभिन्न संस्थाओं और राजनीतिक दलों के नेताओं व प्रतिनिधियों ने स्व. सांख्यायन की मानवाकार प्रतिमा पर पुष्प मालाएं अर्पित करके स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी अभूतपूर्व एवं अग्रणी भूमिका के प्रति उनका आभार व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि (Sankhyayan birth anniversary celebrate in bilaspur) अर्पित की.
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त राज्य पत्रकार महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष जयकुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता ए एल नड्डा, खुशी राम गर्ग, नगर परिषद अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप और उपाध्यक्ष कमल गौतम, जिला पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष रामसिंह और पूर्व विधायक बाबुराम गौतम सहित उनके सभी परिजन भी विशेष रूप से उपस्थित थे.
स्वतंत्रता सेनानी समारोह में पत्रकार महासंघ के राज्य अध्यक्ष जयकुमार ने आपात काल के दौरान जेल में सांख्यायन के साथ बिताए दिनों की चर्चा करते हुए उनकी निर्भीकता अथवा निडरता, मानवीयता, स्वतंत्रता और लोगों की समस्याओं को सुलझाने में प्राथमिकता देने जैसे गुणों की प्रशंसा की. उन्होंने भाखड़ा विस्थापितों के नए बिलासपुर नगर में उनके बसाव में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की.
इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी स्मारक समिति के संयोजक डॉक्टर नरेंद्र सांख्यायन ने दौलत राम सांख्यायन द्वारा निभाई गई भूमिका की विस्तार से चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और हिमाचल में सीमेंट फैक्ट्री (cement factory in himachal) में ट्रकों के माध्यम से काम दिलाने में उनकी सर्वाधिक भूमिका रही हैं. उन्होंने इस मानवाकार मूर्ति की स्थापना के लिए बरमाना ट्रक यूनियन के नेताओं का आभार जताया. वहीं समारोह के अंत में दो मिनट का मौन रख कर दौलतराम सांख्यायन सहित देश–प्रदेश के सभी स्व. स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
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