बिलासपुर: जायका परियोजना के तहत वन विभाग की चार नई नर्सरियां तैयार की जा रही हैं. हर एक नर्सरी में 60 हजार से लेकर एक लाख तक पौधे तैयार करने की क्षमता होगी. एक नर्सरी चार हेक्टेयर एरिया में विकसित की जा रही है.
इन नर्सरियों में औषधीय और फलदार पौधे तैयार किए जाएंगे. जंगलों में पौधों के रोपण के अलावा किसान बागवानों को भी पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे. चार नई नर्सरियां विकसित होने के बाद जिला बिलासपुर में इनकी संख्या 16 हो गई है.
बिलासपुर के वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने बताया कि जो चार नई नर्सरियां तैयार की गई हैं उनमें घुमारवीं के बल्ली, जुखाला क्षेत्र के जब्बल, झंडूता और स्वारघाट शामिल हैं. यह नर्सरियां एक अलग तरह का मॉडल होंगी जिनमें बैंबू, खैर, आंवला, बेहड़ा, हरड़, शीशम, दाडू, रीठा, अर्जुन, जामुन, नीम और कचनार इत्यादि पौधे तैयार किए जाएंगे.
सरोज भाई पटेल ने बताया कि इन नर्सरियों की क्षमता एक लाख तक पौधे तैयार करने की है जिससे आने वाले समय में जंगलों में ज्यादा से ज्यादा फलदार और औषधीय पौधे रोपे जा सकेंगे. जिससे बंदरों को जंगलों में ही उचित आहार मिल सके और शहरों का रूख न करें.
वन मंडल अधिकारी सरोज भाई पटेल ने बताया कि अभी तक जिला में एक दर्जन नर्सरियां हैं लेकिन क्षमता ज्यादा न होने की वजह से उम्मीद के मुताबिक पौधे तैयार नहीं हो पा रहे हैं. जिसके चलते अब चार नई नर्सरियां तैयार करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि अब तो नर्सरियों में चीड़ के पौधे भी तैयार किए जा रहे हैं.
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