बिलासपुरः प्रदेश में 125 सरकारी अफसर बीपीएल और अंत्योदय के फर्जीवाड़ा मामले पर खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने हस्तक्षेप किया है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में हुए इस तरह के मामले को एक बड़ा घोटाला बताया है.
मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि साधन संपन्न अधिकारी बीपीएल व अंत्योदय में शामिल होना एक आश्चर्य की बात है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस मामले पर सख्त कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
इस मामले में जुड़े सभी अधिकारी व कर्मचारियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. जिस भी अधिकारी ने इन 125 सरकारी अफसरों का इस श्रेणी में चयन किया है उन पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
बता दें इस फर्जीवाड़ा में 125 सरकारी अफसर ऐसे पाए गए हैं, जो स्कूल प्रवक्ता, मेडिकल अफसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एक्साइज टेक्नीशियन और अधीक्षक पद पर तैनात होने के बावजूद गरीब लोगों को मिलने वाला सस्ता राशन ले रहे हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री खुद विधायकों-मंत्रियों, अफसरों से राशन सब्सिडी छोड़ने की अपील कर चुके हैं. खाद्य आपूर्ति विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखकर पूछा है कि किस आधार पर इन्हें अंत्योदय और बीपीएल की श्रेणी में लाया गया है. विभाग के भेजे पत्र से अब हड़कंप मच गया है.
इससे पंचायत प्रधानों, पंचायत सचिवों, बीडीओ की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है. ग्रामीण विकास विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित बीडीओ से रिकॉर्ड तलब किया है. सरकार में बड़े ओहदे पर बैठे अफसर भी अंत्योदय और बीपीएल में शामिल हुए हैं. रिकॉर्ड में यह बात सामने आई है.
ये भी पढ़ेंः चार्ली पैंग के दो 'जासूस' पूछताछ के लिए तलब, दलाई लामा की कर रहे थे मुखबिरी