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बिलासपुर के कोटलू ब्राह्मणा में शिव-पार्वती की पिंडियों के दर्शनों को उमड़े श्रद्धालु, नैना देवी में भी लगी भक्तों की कतार

बिलासपुर के कोटलु ब्राह्मणा मंदिर (Kotlu Brahmna of Bilaspur) में शिव-पार्वती की पिंडियां एकसाथ विराजमान होनो के चलते हर साल शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु काफी संख्या में यहां पहुंचते हैं. इस बार भी शिवरात्रि (Shivratri in Bilaspur) के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ी और श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी (Naina devi temple Bilaspur) में भी महाशिवरात्रि के अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे.

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शिवरात्रि पर मंदिरों श्रद्धालुओं का तांता.
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Published : Mar 1, 2022, 4:10 PM IST

बिलासपुर/नैना देवी: बिलासपुर के कोटलु ब्राह्मणा मंदिर (Kotlu Brahmna of Bilaspur) में शिव-पार्वती की पिंडियां एकसाथ विराजमान होनो के चलते हर साल शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु काफी संख्या में यहां पहुंचते हैं. इस बार भी शिवरात्रि (Shivratri in Bilaspur) के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ी और श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की. बता दें की यह मंदिर ग्राम पंचायत कोटलू ब्राह्मणा के गांव ब्राह्मणा में स्थित है. यह मंदिर पांडवों के समय का है और यहां पर माता पार्वती और बाबा भोलेनाथ स्वयं भू पिंडी के रूप में विराजमान है.

इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही प्राचीन है. पूर्वजों के कथा अनुसार बहुत समय पहले गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा इन पिंडियों को अन्य स्थानों पर ले जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन खुदाई करते समय पिंडिया और गहरी होती चली गई. अंत में भोले बाबा ने गांव के व्यक्ति के स्वपन में दर्शन देकर कहा कि मुझे अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश न करें. मैं इस स्थान पर विराजमान रहूंगा और यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण करता रहूंगा. उसी समय से लोग इस मंदिर में भोले बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं. यह मंदिर निहारी से बरठि सड़क पर निहारी से लगभग 7 किलोमीटर दूर कोटलु नामक स्थान पर स्थित है.

वहीं, महाशिवरात्रि के अवसर पर मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी (Naina devi temple Bilaspur) में भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. श्री नैना देवी मंदिर में शिव पुराण शिव महापुराण की कथा के दौरान व्यास पंकज हरी गोपाल बड़सर ने शिव महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिवरात्रि के उपलक्ष्य पर शिव व्रत पूजा और चार पहर की पूजा जरूर करनी चाहिए, ताकि शिव भगवान की कृपा भक्तों पर पूरा वर्ष बनी रहे. इसके अलावा इस आयोजन के दौरान सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन बखूबी किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: महाशिवरात्रि 2022: मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा शिवालय

बिलासपुर/नैना देवी: बिलासपुर के कोटलु ब्राह्मणा मंदिर (Kotlu Brahmna of Bilaspur) में शिव-पार्वती की पिंडियां एकसाथ विराजमान होनो के चलते हर साल शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु काफी संख्या में यहां पहुंचते हैं. इस बार भी शिवरात्रि (Shivratri in Bilaspur) के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ी और श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की. बता दें की यह मंदिर ग्राम पंचायत कोटलू ब्राह्मणा के गांव ब्राह्मणा में स्थित है. यह मंदिर पांडवों के समय का है और यहां पर माता पार्वती और बाबा भोलेनाथ स्वयं भू पिंडी के रूप में विराजमान है.

इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही प्राचीन है. पूर्वजों के कथा अनुसार बहुत समय पहले गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा इन पिंडियों को अन्य स्थानों पर ले जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन खुदाई करते समय पिंडिया और गहरी होती चली गई. अंत में भोले बाबा ने गांव के व्यक्ति के स्वपन में दर्शन देकर कहा कि मुझे अन्य स्थान पर ले जाने की कोशिश न करें. मैं इस स्थान पर विराजमान रहूंगा और यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण करता रहूंगा. उसी समय से लोग इस मंदिर में भोले बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं. यह मंदिर निहारी से बरठि सड़क पर निहारी से लगभग 7 किलोमीटर दूर कोटलु नामक स्थान पर स्थित है.

वहीं, महाशिवरात्रि के अवसर पर मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी (Naina devi temple Bilaspur) में भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. श्री नैना देवी मंदिर में शिव पुराण शिव महापुराण की कथा के दौरान व्यास पंकज हरी गोपाल बड़सर ने शिव महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिवरात्रि के उपलक्ष्य पर शिव व्रत पूजा और चार पहर की पूजा जरूर करनी चाहिए, ताकि शिव भगवान की कृपा भक्तों पर पूरा वर्ष बनी रहे. इसके अलावा इस आयोजन के दौरान सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन बखूबी किया जा रहा है.

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