बिलासपुर: साइबर ठगी एक संगठित अपराध है. साइबर ठगों के निशाने पर हर वो शख्स है जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है. बाबा बालक नाथ की तपोभूमि शाहतलाई के मरुड़ा गांव में रहने वाले एक रिटायर कर्मी से साइबर अपराधियों ने बैंक टोल फ्री नंबर के माध्यम से ठगी करने का समाचार प्राप्त हुआ है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साइबर ठगों ने पीड़ित से नेट बैंकिंग एक्टिवेट के नाम पर 15 लाख रुपये पंजाब नेशनल बैंक के खाते से निकाल (Cyber Crime in Bilaspur) लिए. पीड़ित व्यक्ति पेंशन खाता चेक करवाने के लिए नेट बैंकिंग एक्टिवेट करवाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक हरसौर गया. जहां ब्रांच मैनेजर ने कहा कि आप खुद पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट पर जाकर नेट बैंकिंग एक्टिवेट कर सकते हैं.
जानकारी के अनुसार पीड़ित दीवान चंद भारद्वाज ने गूगल सर्च किया जिसमें टोल फ्री नंबर PNB Helpline no. 8250636975 पाया. इस नंबर पर कॉल करने के बाद व्यक्ति से जैसे-जैसे ऑनलाइन रजिस्टर करने को कहा, उन्होंने वैसा ही किया. लेकिन वे असफल रहे और शातिर ने धोखाधड़ी से इनसे ओटीपी ले लिया. इसी दौरान जब इसने अपना खाता चेक किया तो जो पहले 40,99,210.24 से 26,00,209.24 हो गया उसमें से 5,00,000/- और धोखाधड़ी से कट होकर 21,00,209.24 रुपये हो गया. यानी कि व्यक्ति के साथ धोखाधडी से बिना कुछ जानकारी दिये लगभग 15,00,000/- रुपये की ठगी हो गयी.
पीड़ित दीवान चंद भारद्वाज ने बताया कि 31 जनवरी 2022 को भारतीय जल सेना (नेवी) से सेवानिवृत्त हुआ है. उसने कुछ लोगों को पेमेंट देनी थी, लेकिन उसके पास बैंक की चेक बुक नहीं थी जिस कारण उसने शाखा प्रबंधक से नेट बैंकिंग के बारे में शाखा प्रबंधक से पूछा तो उन्होंने गूगल से ऑनलाइन नेट बैंकिंग करने की सलाह दी. जिसके बाद ठगी का मामला उसके साथ पेश आया. उसने बताया कि ठगों ने पहले उसके खाते से एक रुपये निकले. उसके बाद 4,99,999 खाते से निकाले. इसके साथ ही कुछ ही देर में ठगों ने 5-5 लाख की निकासी उसके साथ खाते से अवैध रूप कर ली गई. जिस पर पीड़ित ने पुलिस को मामले की शिकायत दी. थाना शाहतलाई पुलिस ने U/S 420 IPC & Sec. 66-D IT के तहत मामला दर्ज (cyber crime complaints registered in hp) किया है. डीएसपी राजकुमार ने मामले की पुष्टि की है.
बैंक खाते से जुड़ी जानकारी साझा न करें: बैंक खाते से जुड़ी ठगी के लिए साइबर क्रिमिनल आपके बैंक खाते और एटीएम से जुड़ी जरूरी जानकारियों के ही सहारे होते हैं. कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता इसलिए आप अपने खाते से जुड़ी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें. फ्रॉड कॉल आने पर इसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि पुलिस उस ठग तक पहुंच सके और भविष्य में वो किसी और के साथ ठगी न कर सके.
ठग लॉटरी, इनाम, एटीएम ब्लॉक होना, बैंक खाता वेरिफिकेशन कराने जैसी बातों में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. शातिर लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर बैंक खातों से पैसा उड़ा रहे हैं. बैंक, आरबीआई, इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी बनकर डेबिट, क्रेडिट कार्ड, आधार और पैन कार्ड की डिटेल लेकर शातिर लोगों को चूना लगा रहे हैं.
सावधानी ही है बचाव का तरीका: सावधानी से ही साइबर क्राइम से बचा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी निजी जानकारियां साझा न करें. अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें. सबसे ज्यादा अपराध इसी वजह से होते हैं.इसके साथ ही यह ध्यान रखें कि ऑनलाइन खरीददारी अच्छे प्लेटफॉर्म से ही करें. अज्ञात नंबर से भेजे गए वेब लिंक पर क्लिक करने से बचें. पैसे ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न एप के लालच में न पड़ें. अन्यथा आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.
ठगी हो तो क्या करें ?: अगर कभी भी आपके साथ साइबर ठगी हो तो जल्द से जल्द इसकी जानकारी अपने नजदीकी साइबर थाने में शिकायत करें. वरना ठगी की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में करें. साइबर ठगी होने पर NCRB के पोर्टल से लेकर अपने राज्य की साइबर सेल या साइबर पुलिस की वेबसाइट पर भी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा टोल फ्री नंबर और मेल करके भी इसकी शिकायत की जा सकती है. ठगी होने पर तुरंत अपने बैंक खाते को बंद करवाएं. अगर आप पुलिस में शिकायत करते हैं तो पुलिस भी बैंक को बोलकर आपके खाते को फ्रीज करवाती है ताकि ठग उस खाते से और पैसा न निकाल पाएं.
शिकायत के लिए इस नंबर पर कॉल करें: डायल 112 पर संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करें. राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें / 155260 पर कॉल करें. Email address...cybercrcell-hp@nic.in.