बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश का विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी प्रदेश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. कहते हैं कि यहां पर माता सती के नेत्र गिरे हैं, इसलिए इस तीर्थ स्थल पर श्री नैना देवी के नाम से जाना जाता है.
13 अक्टूबर को नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है. मान्यता है कि महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
प्रदेश के मंदिरों में श्रद्धालु नवरात्रि में माता की पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. विश्व विख्यात शक्ति पीठ श्री नैना देवी में प्रदेश सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी बिहार और अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु सुबह से ही माता के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. अष्टमी के कारण मंदिर में भक्तों का तांता लग गया है. शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष्य पर श्री नैना देवी मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है.
आज बाजारों में काफी रौनक है. दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने की खूब खरीदारी की है. हालांकि अष्टमी पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ के दृष्टिगत प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. हालांकि, नवरात्रि के दौरान इस बार भी मंदिर में नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर मनाही है.
मंदिर के पुजारी का कहना है कि अष्टमी का दिन माता को सर्वप्रिय है. जो भी श्रद्धालु अष्टमी के दिन मां के दीदार करता है, मां उसकी मनोकामना पूर्ण करती है. श्री नैना देवी का पूरा क्षेत्र जयकारों से गुंजनमय हो चुका है. नवरात्रों में बाजारों में भी रौनक लगी है. लोग खरीदारी करने बाजार में निकल रहे हैं.
डीआईजी मदुसुधन ने नैना देवी मंदिर में व्यवस्था का लिया जायजा: नवरात्रि के मौके पर विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज अष्टमी के दिन डीआईजी मंडी मधुसूदन ने माता श्री नैना देवी की पूजा-अर्चना की. इसके बाद डीआईजी ने मंदिर में कानून व्यवस्था का निरीक्षण किया. डीआईजी ने बस अड्डा से लेकर मंदिर तक निरीक्षण किया साथ ही कानून व्यवस्था का भी जायजा लिया.
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