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बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर अलर्ट: लार्वा मिला तो लगेगा जुर्माना, आइसोलेशन वार्ड होगा स्थापित

साल 2018 में डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी थी. कागजों पर सब काम नजर आया, लेकिन जब डेंगू के मामले लगातार बढ़े तो जमीन पर कुछ नहीं. यही कारण रहा कि साल 2018 में 2008 डेंगू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों सहित सरकार के कान खड़े कर दिए थे. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग साल दर साल डेंगू को लेकर काफी समय पहले से तैयारियां शुरू कर रहा (preparations for dengue) है.

डेंगू को लेकर अलर्ट
डेंगू को लेकर अलर्ट
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Published : Jun 14, 2022, 9:36 AM IST

बिलासपुर: साल 2018 में डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी थी. कागजों पर सब काम नजर आया, लेकिन जब डेंगू के मामले लगातार बढ़े तो जमीन पर कुछ नहीं. यही कारण रहा कि साल 2018 में 2008 डेंगू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों सहित सरकार के कान खड़े कर दिए थे. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग साल दर साल डेंगू को लेकर काफी समय पहले से तैयारियां शुरू कर रहा (preparations for dengue) है.


2 फॉगिंग मशीन खरीदेगा विभाग: स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए दो नई फॉगिंग मशीन खरीदेगा, ताकि पूरे शहर में फॉगिंग बेहतर तरीके से समय-समय पर होती रहे. इसको लेकर डीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर परिषद, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए. विभागों को कहा गया है कि अपने-अपने स्टोर में रखे गए सामानों में पानी इक्ठ्ठा नहीं होने दे. अगर किसी विभाग में डेंगू का लार्वा पाया जाएगा तो कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट किया गया है.

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हल्के लक्षण पर होगी जांच: स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों को डेंगू के प्रति अलर्ट कर दिया गया. चिकित्सकों को आदेश जारी किए गए कि किसी भी मरीज में अगर हल्का सा भी लक्षण पाया जाता है तो उसको प्राथमिकता के आधार पर डेंगू यानि एलाइजा टेस्ट कराने को कहा जाए. स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू बीमारी से संबंधित दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई है.

आइसोलेशन वार्ड बनेगा: जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग जल्द हीआइसोलेशन वार्ड स्थापित करेगा. इस वार्ड में डेंगू से ग्रसित मरीजों को रखा जाएगा. जिसमें डेंगू बीमारी से संबंधित सभी दवाइयां रखी जाएगी और यहां पर स्टाफ नर्स से लेकर विशेषज्ञों की 24 घंटे तैनाती रहेगी.

एपिडेमिक एक्ट लागू: स्वास्थ्य विभाग ने शहर में एपिडेमिक एक्ट लागू कर दिया है, जिसके लिए टीमों का गठन किया गया है, जिसमें आशावर्कर व स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की गई है. यह टीम लोगों के घरों में जाकर साफ-सफाई की सारी व्यवस्थाएं जाचेंगी. अगर किसी भी घर पर में डेंगू का लार्वा मिलेगी तो जुर्माना लगाया जाएगा.

हिमाचल में रहे थे सबसे ज्यादा मामले: जिले में डेंगू के मामलों ने साल 2017 और 2018 में लोगों को काफी परेशान किया. साल 2018 में प्रदेश में सबसे ज्यादा 2008 डेंगू के मामले सामने आए.वहीं, 2017 में 157, 2016 में 21 मामले सामने आए थे. वहीं, 2019 में 30, 2020 में आकंड़ा सिफर रहा.

डेंगू को हल्के में नहीं लिया जा सकता: जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंद्र सिंह ने कहा कि डेंगू को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है. कुछ सालों पहले ही बिलासपुर डेंगू प्रभावित जिलों में हिमाचल प्रदेश में टॉप पर था. उन्होंने बताया कि नगर परिषद को शहर में फॉगिंग करवाने के आदेश जारी किए गए. इसी के साथ पंचायती एरिया में संबंधित पंचायत प्रधान अपने क्षेत्र में फॉगिंग कराएगा.

केंद्र से पहुंची थी टीम: साल 2018 में मामले बढ़ने के चलते केंद्र सरकार की तरफ से पुडुचेरी के विशेषज्ञों की टीम बिलासपुर पहुंची थी. इस टीम ने पूरे बिलासपुर का दौरा करके यहां पर डेंगू फैलने के मुख्य कारणों का पता लगाया था. साथ ही जांच के लिए मच्छरों को पुडुचेरी लैब में लेकर गए थे. इसके अलावा उस समय प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने दौरा कर लोगों को जागरूक किया था.

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बिलासपुर: साल 2018 में डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी थी. कागजों पर सब काम नजर आया, लेकिन जब डेंगू के मामले लगातार बढ़े तो जमीन पर कुछ नहीं. यही कारण रहा कि साल 2018 में 2008 डेंगू के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों सहित सरकार के कान खड़े कर दिए थे. उसके बाद स्वास्थ्य विभाग साल दर साल डेंगू को लेकर काफी समय पहले से तैयारियां शुरू कर रहा (preparations for dengue) है.


2 फॉगिंग मशीन खरीदेगा विभाग: स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए दो नई फॉगिंग मशीन खरीदेगा, ताकि पूरे शहर में फॉगिंग बेहतर तरीके से समय-समय पर होती रहे. इसको लेकर डीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर परिषद, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए. विभागों को कहा गया है कि अपने-अपने स्टोर में रखे गए सामानों में पानी इक्ठ्ठा नहीं होने दे. अगर किसी विभाग में डेंगू का लार्वा पाया जाएगा तो कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट किया गया है.

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हल्के लक्षण पर होगी जांच: स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों को डेंगू के प्रति अलर्ट कर दिया गया. चिकित्सकों को आदेश जारी किए गए कि किसी भी मरीज में अगर हल्का सा भी लक्षण पाया जाता है तो उसको प्राथमिकता के आधार पर डेंगू यानि एलाइजा टेस्ट कराने को कहा जाए. स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू बीमारी से संबंधित दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई है.

आइसोलेशन वार्ड बनेगा: जिला अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग जल्द हीआइसोलेशन वार्ड स्थापित करेगा. इस वार्ड में डेंगू से ग्रसित मरीजों को रखा जाएगा. जिसमें डेंगू बीमारी से संबंधित सभी दवाइयां रखी जाएगी और यहां पर स्टाफ नर्स से लेकर विशेषज्ञों की 24 घंटे तैनाती रहेगी.

एपिडेमिक एक्ट लागू: स्वास्थ्य विभाग ने शहर में एपिडेमिक एक्ट लागू कर दिया है, जिसके लिए टीमों का गठन किया गया है, जिसमें आशावर्कर व स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की गई है. यह टीम लोगों के घरों में जाकर साफ-सफाई की सारी व्यवस्थाएं जाचेंगी. अगर किसी भी घर पर में डेंगू का लार्वा मिलेगी तो जुर्माना लगाया जाएगा.

हिमाचल में रहे थे सबसे ज्यादा मामले: जिले में डेंगू के मामलों ने साल 2017 और 2018 में लोगों को काफी परेशान किया. साल 2018 में प्रदेश में सबसे ज्यादा 2008 डेंगू के मामले सामने आए.वहीं, 2017 में 157, 2016 में 21 मामले सामने आए थे. वहीं, 2019 में 30, 2020 में आकंड़ा सिफर रहा.

डेंगू को हल्के में नहीं लिया जा सकता: जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परविंद्र सिंह ने कहा कि डेंगू को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है. कुछ सालों पहले ही बिलासपुर डेंगू प्रभावित जिलों में हिमाचल प्रदेश में टॉप पर था. उन्होंने बताया कि नगर परिषद को शहर में फॉगिंग करवाने के आदेश जारी किए गए. इसी के साथ पंचायती एरिया में संबंधित पंचायत प्रधान अपने क्षेत्र में फॉगिंग कराएगा.

केंद्र से पहुंची थी टीम: साल 2018 में मामले बढ़ने के चलते केंद्र सरकार की तरफ से पुडुचेरी के विशेषज्ञों की टीम बिलासपुर पहुंची थी. इस टीम ने पूरे बिलासपुर का दौरा करके यहां पर डेंगू फैलने के मुख्य कारणों का पता लगाया था. साथ ही जांच के लिए मच्छरों को पुडुचेरी लैब में लेकर गए थे. इसके अलावा उस समय प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने दौरा कर लोगों को जागरूक किया था.

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