बिलासपुर: जिला बिलासपुर में इस बार भी खैर कटान को लेकर विभाग सर्तकता बरत रहा है. हालांकि, अभी तक सिर्फ एक ही रेंज में खैर के दस सालाना कटान की मंजूरी मिली है लेकिन विभाग ने एहतियातन अब जिले के दूसरे हिस्सों में भी रात की गश्त बढ़ा दी है.
संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग की नाकाबंदी
इसके साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में रात को नाकाबंदी भी की जा रही है. बता दें कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नयनादेवी, सदर विधानसभा हलके के पंजगाई, कोठीपुरा, नगर के आसपास के इलाकों व कोटधार क्षेत्र में अवैध कटान की कई घटनाएं सामने आई थी. वन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिले में खैर के पेड़ों के कटान के मामले नयनादेवी में कुछ वर्षों में काफी सामने आए हैं.
जिले में कुल वन संपदा का क्षेत्र 1140 वर्ग किलोमीटर
इन मामलों में विजिलेंस जांच जारी है और एफआइआर भी दर्ज है. कुछ लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई थीं. इन मामलों में जांच को पूरा नहीं किया जा सका है और यह मामले लंबित है. पंजगाई इलाके में भी खैर का खूब अवैध कटान हुआ. गौरतलब है कि जिले में कुल वन संपदा का क्षेत्र 1140 वर्ग किलोमीटर है. यहां पर 83 बीट में कुल 250 वन विभाग के कर्मचारियों की तैनाती है. इनमें हर रेंज के आरओ तैनात है.
जिले में पिछले साल अवैध कटान के पांच केस दर्ज
जिले में अभी तक सिर्फ भराड़ी रेंज की मोहड़ा व बद्दाघाट बीट में ही दस सालाना अवैध कटान की अनुमति दी गई है. बिलासपुर में पिछले वर्ष अवैध कटान के पांच केस दर्ज हुए थे. इनमें सभी आरोपित जमानत पर हैं और मामला न्यायालय के विचाराधीन है. बिलासपुर जिले में अभी तक सेटेलाइट से निगरानी का विभागीय तंत्र काम नहीं कर रहा है.
सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त पर वन विभाग
वहीं, बिलासपुर डीएफओ अवनी भूषण राय ने बताया कि जिला बिलासपुर खैर के अवैध कटान के मामले में संवेदनशील रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई गई है. जिले के दूसरे क्षेत्रों मे भी खुद निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि वन माफिया को जंगलों के आसपास भी फटकने नहीं दिया जाएगा.
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