बिलासपुरः कृषि विभाग की ओर से इस वर्ष गेहूं का बीज बिलासपुर में ही उत्पादित करवाया जाएगा. इसके लिए विभाग ने पूरी योजना तैयार कर ली है. 175 हैक्टेयर भूमि का चयन भी गेहूं के लिया किया गया है.
जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार के दिशा -निर्देशों और किसानों की ने जिला के किसानों से गेहूं का बीज उत्पादित करवाया जाएगा. इससे जहां कृषि विभाग को जिला में ही उन्नत किस्म का बीज मिलेगा. वहीं, बाहरी राज्यों से भी बीज खरीदने के लिए दिए जाने वाला पैसा भी जिला में ही रहेगा.
इसके अलावा संबंधित पैसा जिला के किसानों में ही बंटेगा, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी. विभाग ने जिला के नैणा देवी के साथ लगते बस्सी, मजारी, जुखाला व औहर के पास गेहूं के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है. साथ विभाग ने संबंधित किसानों को इसके लिए उत्तम किस्म का बीज उपलब्ध करवाया जाएगा.
विभाग ने चयनित किसानों को झरना ग्रेड का बीज उत्पादित करवाया जाएगा. यहां सबसे अहम बात यह है कि विभाग की ओर से किसानों से उनके घर द्वार पर ही बीज को क्रय किया जाएगा. जिससे न केवल किसानों के समय की बचत होगी. बल्कि उनका ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी बचेगा. जानकारी के अनुसार बस्सी व मजारी के किसानों उत्पादित किए जाने वाले बीज को घर द्वार पर खरीदने की विभाग से मांग कर रहे थे.
किसानों का तर्क था कि बिलासपुर में आकर बीज देने से न केवल उनका समय बर्बाद होता है. बल्कि ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा देने से उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. जिस पर विभाग ने यह निर्णय लिया है.
जानकारी के अनुसार जिला में करीब 27 हजार हैक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की जाती है और इसके लिए विभागीय स्त्तर पर किसानों को बांटने के लिए करीब 4 हजार क्विंटल बीज की जरूरत रहती है. बताया जा रहा है कि कृषि विभाग की ओर से गत वर्ष किसानों से 2350 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं के बीज की खरीद की गई थी.
कृषि विभाग बिलासपुर के उपनिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह पटियाल ने बताया कि बीज उत्पादन के लिए किसानों की 175 हैक्टेयर भूमि का चयन किया गया है. उन्होंने बताया कि विभाग ने समय-समय पर संबंधित किसानों के खेतों में जाकर गेहूं के बीज की फसल का आंकलन किया जाएगा.
इसके अलावा विभागीय विशेषज्ञों कि ओर से किसानों को समय-समय पर इसके लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि किसान बीजाई के समय ही खाद का प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि जिला में ही बीज तैयार होने से किसानों की आय में वृद्धि होगी.