नई दिल्ली : हमास और इजरायल के बीच युद्ध जारी है. हमास की ओर से शनिवार को इजराइल पर हमले से अब तक करीब 600 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, इसके जवाब में इजराइल के पलटवार में गाजा पट्टी से करीब 350 मौतों की बात सामने आ रही है. इस बीच भारत-अमेरिका सहीत कई देशों ने इजराइल पर हुए हमले की निंदा की है. हमास के हमले के बाद से ही इजराइल का एक्शन जारी है.
हमास ने इजराइल पर लगभग 5000 रॉकेट से हमला किया. हमास के हमले के बाद भारत के ओर से इजराइल की मदद की बात कही गई है. बता दें कि भारत इजराइल का सबसे पुराने और मजबूत सहयोगी में से एक है. यदि Israel-Palestine के बीच आतंकवादी हमला और प्रतिशोध एक पूरे तरीके से युद्ध में बदल जाता है, तो आर्थिक परिणाम कुछ हद तक रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के दौरान अनुभव किए गए समान हो सकते हैं.
इजराइल भारत का तीसरा सबसे बड़ा एशियाई व्यापार भागीदार
इससे दुनिया भर में इंफेल्शन पैदा हो सकती है. इजराइल-हमास युद्ध का गंभीर असर भारत पर पड़ सकता है, क्योंकि इजराइल और भारत एक प्रमुख व्यापार भागीदारी है. बता दें कि इजराइल भारत का तीसरा सबसे बड़ा एशियाई व्यापार भागीदार है और कुल मिलाकर 10वां है. रुस के बाद, इजराइल भारत को सबसे अधिक सैन्य उपकरण आपूर्ति में मदद करता है, दोनों देशों के बीच 74,000 करोड़ रुपये से अधिक का सैन्य कारोबार हर साल होता है.
Israel-Palestine के बीच युद्ध भारत के साथ उसके व्यापार समझौते पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे उसकी रक्षा प्रणाली और बजट को बड़ा झटका लगेगा. इसका मतलब यह है कि भारत को रूसी सैन्य उपकरणों पर अधिक निर्भर रहना पड़ सकता है, जो अधिक महंगे हैं. इजराइल से भारत को सही कीमत पर सैन्य उपकरण मिलते है, लेकिन अगर यह पूर्ण युद्ध में बदला तो इसका गहरा प्रभाव भारत के अर्थव्यस्था पर पड़ेगी.
भारतीय कारखानों पर दिख सकता युद्ध का असर
बता दें कि Israel भारत को कीमती पत्थर और धातु, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, उर्वरक, मशीनें, इंजन, पंप, चिकित्सा और तकनीकी उपकरण, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, नमक, सल्फर, पत्थर, सीमेंट और प्लास्टिक निर्यात करता है. ये सभी भारतीय कारखानों में आवश्यक रुप से उपयोग किए जाते है. फिलहाल, इजराइलभारत को 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक मूल्य के सामान और उपकरण एक्सर्पोट करता है.
इसका सीधा मतलब है कि अगर Israel-Hamas के बीच युद्ध बरकारर रहता है तो भारत-इजराइल के बीच द्विपक्षीय व्यापार बंद हो सकते है. इससे भारत को 25,000 करोड़ रुपये के सामान का नुकसान हो सकता है, जिससे कुछ भारतीय घरेलू वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी. रूस-यूक्रेन के कारण हुई महंगाई का असर दुनिया भर में महसूस किया गया था, लेकिन युद्ध के बावजूद रूस ने भारत को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति जारी रखने का फैसला किया था. फिलहाल, यह उम्मीद की जा रही है कि इजराइल अपनी अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर कायम रख सकता है.