नई दिल्ली : इस्पात मंत्रालय और कोयला मंत्रालय के बीच सहयोगात्मक प्रयासों से घरेलू कोकिंग कोयले की दिशा में सकारात्मक परिणाम मिले हैं. कोकिंग कोयले की उपलब्धता बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद मिली है. घरेलू कच्चे कोकिंग कोयले का उत्पादन 2030 तक 140 मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है. हालांकि ढुलाई के बाद लगभग 48 मीट्रिक टन ही कोकिंग कोयला इस्तेमाल के लायक प्राप्त होगा.
इस्पात उत्पादन के लिए कोकिंग कोल की उपलब्धता में बढ़ोत्तरी हुई है, जो देश में इस्पात उत्पादन से संचालित औद्योगिक विकास की गति को बनाए रखने के लिए जरूरी है. कोयला मंत्रालय ने राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 में अनुमानित कोकिंग कोल की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में 'मिशन कोकिंग कोल' लॉन्च किया. जिसके तहत रिसर्च, टेक्नोलॉजी को अपनाना, कोकिंग कोयला ब्लॉकों में निजी क्षेत्र की भागीदारी, नई वॉशरी की स्थापना करना, रिसर्च और डेवलपमेंट संबंधी गतिविधियों को बढ़ाना और गुणवत्ता में वृद्धि करना शामिल है.
इस्पात क्षेत्र के लिए स्वदेशी कोकिंग कोल की आपूर्ति को मजबूत करने और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कई रणनीतिक कार्रवाई की गई है. कोकिंग कोल पहल को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं-
- कोकिंग कोल ब्लॉकों की नीलामी
कोयला मंत्रालय ने 16 कोकिंग कोल ब्लॉकों के आवंटन के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. जिसमें से 4 ब्लॉकों की नीलामी 2022-23 में हुई. जेएसडब्ल्यू को दो ब्लॉक मिले. इसका कोकिंग कोल उत्पादन में 1.54 मीट्रिक टन का योगदान मिलने का अनुमान है. - बंद पड़ी खदानों को दोबारा शुरू करना
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने अपने स्वामित्व वाली बंद पड़ी खदानों से कोकिंग कोयला निकालने के लिए एजेंसियों और कंपनियों को आमंत्रित किया. जिसमें रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के माध्यम से 8 बंद पड़ी खदानों को शुरू करने की संभावना है. विदित हो कि चार खदानों के लिए पहले ही सहमति पत्र जारी किए जा चुके हैं. जबकि चार अन्य खदानों के लिए टेंडर प्रोसेस में हैं. - सेल के साथ रणनीतिक सहयोग
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने कोकिंग कोल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 1.8 मीट्रिक टन कोकिंग कोल की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. बीसीसीएल द्वारा निर्माणाधीन 4 नई कोकिंग कोल वॉशरी के चालू होने के बाद, ढुले हुए कोकिंग कोल की आपूर्ति में और वृद्धि होगी. - कच्चे कोकिंग कोयले की नीलामी
बीसीसीएल और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने जून 2023 में नीलामी का आयोजन किया. टाटा स्टील ने घरेलू स्रोत को लेकर प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए सीसीएल खदानों से 50,000 टन कच्चे कोकिंग कोयले की नीलामी हासिल की. - इनोवेटिव ग्रीनफील्ड वाशरीज
कोयला मंत्रालय कोकिंग कोल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ग्रीनफील्ड वाशरीज की स्थापना या मौजूदा बीसीसीएल वाशरीज के नवीनीकरण को बढ़ाने पर जोर दे रहा है. बीसीसीएल द्वारा नियुक्त एक ट्रांजेक्शन एडवाइजर, मौजूदा बंद पड़े वाशरियों को फिर से शुरू करने के लिए प्लान तैयार कर रहा है.
ये रणनीतिक पहल घरेलू कोकिंग कोल उत्पादन को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता के व्यापक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की दिशा में समर्पण पर जोर देती है. जिसके तहत कोकिंग कोल भारत में औद्योगिक विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है.