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आढ़तियों के बकाया भुगतान न करने पर बागवान परेशान, सरकार को दी प्रदर्शन की चेतावनी

आढ़तियों द्वारा बकाया भुगतान न करने पर बागवान परेशान सरकार को दी प्रदर्शन की चेतावनी

किसान संघर्ष समिति की बैठक में लगभग 13 पंचायतों के बागवानों ने भाग लिया.
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Published : Mar 24, 2019, 8:42 PM IST

शिमला: रविवार को आयोजित किसान संघर्ष समिति की बैठक में लगभग 13 पंचायतों के बागवानों ने भाग लिया. कोटखाई के गुम्मा में आयोजित इस बैठक में किसानों व बागवानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई. बैठक में बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान पर विशेष रूप से चर्चा की गई. अधिकांश बागवानों ने चर्चा में ये मुद्दा रखा कि कृषि उत्पादन की मार्केटिंग में गंभीर समस्याएं पैदा हो रही है. बागवान सेब व अन्य फलों को प्रदेश की विभन्न मंडियों में बेचने के लिए ले जाते हैं, लेकिन उन्हें न ही इसके उचित दाम मिलते हैं और न ही सालों तक किसानों व बागवानों को आढ़ती उनकाबकाया भुगतान करते हैं.

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किसान संघर्ष समिति की बैठक में लगभग 13 पंचायतों के बागवानों ने भाग लिया.

बैठक में बागवानों ने कहा कि तीन-चार सालों से आढ़तियों के पास उनका बकाया फंसा है और भुगतान देने की दरख्वास्त पर आढ़ती उन्हें टाल देते हैं. आढ़तियों के पास बागवानों के करोड़ों रुपये फंसे है. किसानों का कहना है कि कृषि उत्पादन की लागत कीमत दिन प्रति दिन बढ़ रही है और दूसरी ओर मंडियों में किसानों व बागवानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिलता.किसानों और बागवानों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा कृषि मंडियों को रेगुलेट करने के लिए एपीएमसी अधिनियम 2005 बनाया है. इसमें स्पष्ट रूप से ये प्रावधान है कि किसानों व बागवानों का मंडियों में शोषण नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन आढ़तियों व लदानियो के दबाव में प्रावधानों को लागू नहीं किया जा रहा है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि आढ़तियों से बकाया भुगतान लेने के लिए जिस प्रकार से बाघी व ठियोग के 11 बागवानों द्वारा एफआईआरकी गई थी, उसी तरह बकाया न मिलने पर बागवानों द्वारा पुलिस के पास एफआईआर दर्ज की गई थी. बीते दिनों बागवानों की संगठित ताकत के द्वारा पुलिस के साथ कार्रवाई करने पर ही इन बागवानों को पिछले दो सालों से फंसे सेब का बकाया भुगतान हो पाया. इसके साथ ही एपीएमसी को भी इन आरोपी आढ़तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाने का निर्णय लिया गया. बागवानों का कहना है कि 22 अप्रैल को एपीएमसी कार्यालय ढली में बागवान एपीएमसी अधिनियम, 2005 लागू करने के लिए प्रदर्शन करेंगे.

शिमला: रविवार को आयोजित किसान संघर्ष समिति की बैठक में लगभग 13 पंचायतों के बागवानों ने भाग लिया. कोटखाई के गुम्मा में आयोजित इस बैठक में किसानों व बागवानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई. बैठक में बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान पर विशेष रूप से चर्चा की गई. अधिकांश बागवानों ने चर्चा में ये मुद्दा रखा कि कृषि उत्पादन की मार्केटिंग में गंभीर समस्याएं पैदा हो रही है. बागवान सेब व अन्य फलों को प्रदेश की विभन्न मंडियों में बेचने के लिए ले जाते हैं, लेकिन उन्हें न ही इसके उचित दाम मिलते हैं और न ही सालों तक किसानों व बागवानों को आढ़ती उनकाबकाया भुगतान करते हैं.

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किसान संघर्ष समिति की बैठक में लगभग 13 पंचायतों के बागवानों ने भाग लिया.

बैठक में बागवानों ने कहा कि तीन-चार सालों से आढ़तियों के पास उनका बकाया फंसा है और भुगतान देने की दरख्वास्त पर आढ़ती उन्हें टाल देते हैं. आढ़तियों के पास बागवानों के करोड़ों रुपये फंसे है. किसानों का कहना है कि कृषि उत्पादन की लागत कीमत दिन प्रति दिन बढ़ रही है और दूसरी ओर मंडियों में किसानों व बागवानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिलता.किसानों और बागवानों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा कृषि मंडियों को रेगुलेट करने के लिए एपीएमसी अधिनियम 2005 बनाया है. इसमें स्पष्ट रूप से ये प्रावधान है कि किसानों व बागवानों का मंडियों में शोषण नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन आढ़तियों व लदानियो के दबाव में प्रावधानों को लागू नहीं किया जा रहा है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि आढ़तियों से बकाया भुगतान लेने के लिए जिस प्रकार से बाघी व ठियोग के 11 बागवानों द्वारा एफआईआरकी गई थी, उसी तरह बकाया न मिलने पर बागवानों द्वारा पुलिस के पास एफआईआर दर्ज की गई थी. बीते दिनों बागवानों की संगठित ताकत के द्वारा पुलिस के साथ कार्रवाई करने पर ही इन बागवानों को पिछले दो सालों से फंसे सेब का बकाया भुगतान हो पाया. इसके साथ ही एपीएमसी को भी इन आरोपी आढ़तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाने का निर्णय लिया गया. बागवानों का कहना है कि 22 अप्रैल को एपीएमसी कार्यालय ढली में बागवान एपीएमसी अधिनियम, 2005 लागू करने के लिए प्रदर्शन करेंगे.

बागवानों के करोड़ो रुपए आढ़तियों के पास फसे । बागवान 22अप्रैल को ढलीं में एपीएसमी के बाहर देंगे धरना

शिमला।

किसान संघर्ष समिति की बैठक रविवार को कोटखाई के गुम्मा में आयोजित की गई जिसमें लगभग 13 पंचायतों के बागवानों ने भाग लिया। इस बैठक में किसान संघर्ष समिति के सचिव संजय चौहान, सदस्य संजय शर्मा, सुंदर सिंह नैंटा, ईश्वर चौहान व कृष्ण लाल रोंगटा विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसमें किसानों व बागवानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। विशेष रूप से बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान पर चर्चा की गई। अधिकांश बागवानों ने चर्चा में कहा कि आज कृषि उत्पादन की मार्केटिंग में बहुत से ही गम्भीर समस्या पैदा हो गई है।
बागवान सेब व अन्य फलों को प्रदेश की विभन्न मण्डियों में बेचने के लिए ले जाते हैं, न तो उनको इसके उचित दाम मिलते हैं और न ही कई कई वर्षों तक किसानों व बागवानों को आढ़ती उनका  बकाया भुगतान भी नहीं करते हैं। बैठक में अधिकांश बागवानों ने कहा कि आज उनके पिछले 3-4 वर्षों से आढ़तियों के पास बकाया भुगतान हैं न तो आढ़ती बागवानों का भुगतान कर रहें हैं। यदि आढ़तियों को सम्पर्क करने का प्रयास करते हैं तो आढ़ती या तो उनका फ़ोन ही नहीं सुनते और यदि कभी कभार फोन सुनते है तो धमकियां दी जाती हैं।
एक ओर प्रदेश का किसानबागवान भी कृषि संकट के चलते निराश हैं क्योंकि इसके चलते कृषि उत्पादन की लागत कीमत दिन प्रति दिन बढ़ रही है और दूसरी ओर मण्डियों में किसानों व बागवानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिलता है। इसके अलावा किसानों को उनके उत्पादन का बकाया भुगतान भी कई वर्षों तक नहीं दिया जाता है। आज हजारों सेब बागवानों कर कई करोडों रुपये आढ़तियों के पास बकाया हैं।
प्रदेश में सरकार द्वारा कृषि मण्डियों को रेगुलेट करने के लिए ए पी एम सी अधिनियम, 2005 बनाया है। इसमें स्पष्ट रूप से प्रावधान अंकित किये है कि किसानों व बागवानों का मण्डियों में शोषण नही होने दिया जाएगा। परन्तु आढ़तियों व लदानियो के दबाव में न तो सरकार और न ही ए पी एम सी इन प्रावधानों को लागू कर रही है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि आढ़तियों से बकाया भुगतान लेने के लिए जिस प्रकार से बाघी व ठियोग के 11 बागवानों द्वारा एफआईआर  की गई थी उसी प्रकार से सभी बागवान द्वारा जिनका बकाया भुगतान आढ़तियों के पास है पुलिस थानों में इन दोषी आढ़तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। क्योंकि गत दिनों बागवानों की संगठित ताकत के द्वारा पुलिस के साथ कार्यवाही करने पर ही इन बागवानों को पिछले 2 वर्षों से फंसे सेब का बकाया भुगतान हो पाया है। इसके साथ ही ए पी एम सी को भी इन दोषी आढ़तियों के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही करने के लिए दबाव बनाने का निर्णय लिया गया तथा 22 अप्रैल, 2019 को ए पी एम सी कार्यालय ढली पर बागवान ए पी एम सी अधिनियम, 2005 लागू करने के लिए प्रदर्शन करेंगे।

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