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तरन तारन 2019 बम विस्फोट मामला : प्रमुख षड्यंत्रकारी बिक्रमजीत गिरफ्तार

अधिकारी ने कहा कि बिक्रमजीत सिंह ने पंजाब में हमले करने के लिए अपने करीबी सहयोगियों के साथ एक आतंकी समूह बनाया था. प्रवक्ता ने कहा कि मोहाली में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा गैर-जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उसे ऑस्ट्रिया के लिंज़ शहर में 22 मार्च 2021 को हिरासत में लिया गया था.

National Investigation Agency
प्रमुख षड्यंत्रकारी बिक्रमजीत गिरफ्तार
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Published : Dec 9, 2022, 6:47 AM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पंजाब के तरन तारन में 2019 में हुए बम विस्फोट मामले के मुख्य षड्यंत्रकारी बिक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. एनआईए के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. बिक्रमजीत सिंह को वियना से प्रत्यर्पित कर गुरुवार को दिल्ली लाया गया और एनआईए ने उसे हवाईअड्डे से गिरफ्तार कर लिया. एनआईए के एक आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक, जांच एजेंसी ने बिक्रमजीत सिंह उर्फ बिक्कर बाबा को भारत वापस लाने के लिए ऑस्ट्रिया में एक टीम भेजी थी.

  • WANTED ACCUSED BIKRAMJIT SINGH @ BIKKAR PANJWAR @ BIKKAR BABA EXTRADITED FROM VIENNA (AUSTRIA) TO INDIA AND ARRESTED BY NIA AT DELHI pic.twitter.com/QreZxwhhkJ

    — NIA India (@NIA_India) December 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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अधिकारी ने कहा कि बिक्रमजीत सिंह ने पंजाब में हमले करने के लिए अपने करीबी सहयोगियों के साथ एक आतंकी समूह बनाया था. प्रवक्ता ने कहा कि मोहाली में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा गैर-जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उसे ऑस्ट्रिया के लिंज़ शहर में 22 मार्च 2021 को हिरासत में लिया गया था. एनआईए अधिकारी ने कहा कि लिंज क्षेत्रीय अदालत ने कानूनी कार्यवाही पूरी होने के बाद उसे प्रत्यर्पित किया.

पढ़ें: गुजरात ने तो कमाल ही कर दिया, रिकॉर्ड तोड़ने में भी रिकॉर्ड बना दिया : मोदी

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुसार इसकी जांच से पता चला है कि बिक्रमजीत सिंह ने न केवल मामले में सह-अभियुक्तों और अन्य लोगों को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाया बल्कि विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बनाने और उनका इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण भी दिया. इसमें कहा गया है कि विभिन्न जुलूसों और आंदोलनों के दौरान वह बम लेकर चलता था और बड़े पैमाने पर लोगों को आतंकित करने और सरकारी एजेंसियों पर हमला करने के लिए अन्य प्रतिभागियों को भड़काता था.

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एनआईए ने कहा कि डेरा मुरादपुरा को निशाना बनाने की साजिश में बिक्रमजीत सिंह प्रमुख साजिशकर्ता है. एनआईए ने 'खालिस्तान समर्थक' नौ युवाओं के खिलाफ 2019 में पंजाब के तरन तारन विस्फोट में उनकी कथित संलिप्तता के लिए आरोप पत्र दायर किया था. आरोप-पत्र में बिक्रमजीत सिंह, मस्सा सिंह, हरजीत सिंह, गुरजंट सिंह और मनप्रीत सिंह के नाम शामिल हैं, सभी तरनतारन के निवासी हैं. इसके अलावा गुरदासपुर के चंददीप सिंह, अमृतसर के मलकीत सिंह व अमरजीत सिंह तथा एक किशोर का नाम भी है.

पढ़ें: भूपेश बघेल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहुंचे चंडीगढ़, कांग्रेस विधायकों का पहुंचना शुरू

गौरतलब है कि चार सितंबर, 2019 को तरन तारन के पंडोरी गोला गांव के बाहरी इलाके में एक खाली जमीन पर एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसमें दो लोग मारे गए और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

पढ़ें: साईबाबा की रिहाई के खिलाफ महाराष्ट्र की अपील पर 17 जनवरी को सुनवाई करेगा SC

नई दिल्ली : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पंजाब के तरन तारन में 2019 में हुए बम विस्फोट मामले के मुख्य षड्यंत्रकारी बिक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. एनआईए के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. बिक्रमजीत सिंह को वियना से प्रत्यर्पित कर गुरुवार को दिल्ली लाया गया और एनआईए ने उसे हवाईअड्डे से गिरफ्तार कर लिया. एनआईए के एक आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक, जांच एजेंसी ने बिक्रमजीत सिंह उर्फ बिक्कर बाबा को भारत वापस लाने के लिए ऑस्ट्रिया में एक टीम भेजी थी.

  • WANTED ACCUSED BIKRAMJIT SINGH @ BIKKAR PANJWAR @ BIKKAR BABA EXTRADITED FROM VIENNA (AUSTRIA) TO INDIA AND ARRESTED BY NIA AT DELHI pic.twitter.com/QreZxwhhkJ

    — NIA India (@NIA_India) December 8, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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अधिकारी ने कहा कि बिक्रमजीत सिंह ने पंजाब में हमले करने के लिए अपने करीबी सहयोगियों के साथ एक आतंकी समूह बनाया था. प्रवक्ता ने कहा कि मोहाली में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा गैर-जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उसे ऑस्ट्रिया के लिंज़ शहर में 22 मार्च 2021 को हिरासत में लिया गया था. एनआईए अधिकारी ने कहा कि लिंज क्षेत्रीय अदालत ने कानूनी कार्यवाही पूरी होने के बाद उसे प्रत्यर्पित किया.

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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुसार इसकी जांच से पता चला है कि बिक्रमजीत सिंह ने न केवल मामले में सह-अभियुक्तों और अन्य लोगों को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाया बल्कि विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बनाने और उनका इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण भी दिया. इसमें कहा गया है कि विभिन्न जुलूसों और आंदोलनों के दौरान वह बम लेकर चलता था और बड़े पैमाने पर लोगों को आतंकित करने और सरकारी एजेंसियों पर हमला करने के लिए अन्य प्रतिभागियों को भड़काता था.

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एनआईए ने कहा कि डेरा मुरादपुरा को निशाना बनाने की साजिश में बिक्रमजीत सिंह प्रमुख साजिशकर्ता है. एनआईए ने 'खालिस्तान समर्थक' नौ युवाओं के खिलाफ 2019 में पंजाब के तरन तारन विस्फोट में उनकी कथित संलिप्तता के लिए आरोप पत्र दायर किया था. आरोप-पत्र में बिक्रमजीत सिंह, मस्सा सिंह, हरजीत सिंह, गुरजंट सिंह और मनप्रीत सिंह के नाम शामिल हैं, सभी तरनतारन के निवासी हैं. इसके अलावा गुरदासपुर के चंददीप सिंह, अमृतसर के मलकीत सिंह व अमरजीत सिंह तथा एक किशोर का नाम भी है.

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गौरतलब है कि चार सितंबर, 2019 को तरन तारन के पंडोरी गोला गांव के बाहरी इलाके में एक खाली जमीन पर एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसमें दो लोग मारे गए और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

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