नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने कहा कि चुनाव को देखते हुए विपक्षी दल लखीमपुर खीरी की घटना पर राजनीति कर रहे हैं. उत्तराखंड और पंजाब के प्रभारी ने दावा किया कि इस राज्यों में इस घटना का असर नही पड़ेगा और बीजेपी को अच्छी सीटें मिलेंगी.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दुष्यंत गौतम ने कहा कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में टूरिज्म राजनीति कर रहे हैं. जहां तक लखीमपुर खीरी की घटना का सवाल है तो योगी सरकार ने वहां समय पर कार्रवाई की और जांच की प्रक्रिया चल रही है.
इस सवाल पर कि केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा क्यों नहीं लिया गया? गौतम का कहना है कि जब तक कोई साक्ष्य नहीं है किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकती. मंत्री के बेटे से जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही है और पूरे दिन उन्होंने जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है. भारतीय जनता पार्टी में जीरो टॉलरेंस है और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ पार्टी कार्रवाई करेगी.
पंजाब से जाकर लखीमपुर खीरी में कांग्रेस नेता सिद्धू द्वारा दिए गए धरने और मौनव्रत के सवाल पर गौतम ने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं सिद्धू जी को 1984 के दंगा पीड़ितों से भी जाकर गले मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि पीड़ितों से मिलना अच्छी बात है लेकिन सियासत के लिए नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सिद्धू जी ने 1984 के पीड़ितों के लिए धरना दिया.
उन्होंने कहा कि लखीमपुर की जनता जानती है कि बीजेपी के नेता कैसे उनके साथ खड़े रहे. योगी जी और मोदी जी की कई नीतियां उनके फायदे के लिए बनीं. इस सवाल पर कि पंजाब के नेता लखीमपुर जाकर राजनीति कर रहे तो क्या इससे 2022 के चुनाव पर या फिर पंजाब के चुनाव पर कोई असर पड़ेगा? उन्होंने कहा कि लखीमपुर जाकर राजनीति करने से पंजाब कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि पंजाब की कांग्रेस में क्या चल रहा है यह सभी जानते हैं.
केंद्र सरकार ने अभी तक अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा क्यों नहीं लिया? इस सवाल पर उनका कहना है कि किसी के कहने मात्र से इस्तीफा देना नहीं बनता. कानून अपना काम कर रहा है और सरकार अपना काम कर रही है. इस सवाल पर की क्या अमरिंदर सिंह के साथ भारतीय जनता पार्टी चुनाव के बाद कोई गठबंधन करेगी, क्योंकि वह अंदरखाने की कई वरिष्ठ नेताओं से मिले हैं? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रियों से कोई भी मिल सकता है लेकिन राजनीति में आना-जाना लगा रहता है.
हमारी पार्टी में पहले भी कई दलों से नेता आ रहे हैं और लगातार लोगों का आना जारी है. जहां तक बात गठबंधन की है तो यह पार्टी आगे जाकर तय करेगी कौन किसको सहयोग दे रहा है. फिलहाल इस विषय पर कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगी.
इस सवाल पर कि क्या उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा और उत्तराखंड में जो सियासी हलचल थी अब खत्म हो चुकी है? उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सभी नेता एकजुट होकर काम कर रहे हैं और जहां तक चुनाव का प्रश्न है पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा. एक के बाद एक जो उन्होंने जनता के हित में निर्णय लिए हैं वह काफी अच्छे निर्णय है और वहां पर फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी.