नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई. केंद्र ने 12 जुलाई को न्यायमूर्ति भुइयां और भट्टी को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त किया था. इन न्यायाधीशों की नियुक्तियों के साथ शीर्ष अदालत की ताकत बढ़कर 32 हो गई और दो और रिक्तियां शेष रह गईं हैं. इस संबंध में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्वीट किया है.
5 जुलाई को शीर्ष अदालत कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी.
17 अक्टूबर, 2011 को न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां को गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. वह अपने मूल उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश थे और वह 28 जून, 2022 से तेलंगाना राज्य के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे.
12 अप्रैल 2013 को न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और वह अपने मूल उच्च न्यायालय में सबसे वरिष्ठ हैं. कॉलेजियम ने कहा था कि अगस्त 2022 से आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का सुप्रीम कोर्ट की बेंच में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. मार्च 2019 में उन्हें केरल उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और 01 जून 2023 से वह वहां मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे.