ETV Bharat / bharat

रिक्शा चालक को आयकर का नोटिस, करीब साढ़े तीन करोड़ की टैक्स चोरी के आरोप

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक रिक्शा चालक ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. रिक्शा चालक के घर टैक्स चोरी (Mathura Rickshaw puller Tax) का नोटिस पहुंचने से हड़कंप मच गया. इनकम टैक्स के अधिकारियों ने रिक्शा चालक (Income Tax Notice Rickshaw Puller) को लगभग साढ़े तीन करोड़ की टैक्स चोरी का नोटिस थमाया है. रिक्शा चालक ने राजमार्ग थाने (Rickshaw puller Rajmarg Thana) में तहरीर देकर जांच की मांग की है.

pratapmathura
pratapmathura
author img

By

Published : Oct 25, 2021, 7:56 AM IST

Updated : Oct 28, 2021, 9:10 PM IST

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक रिक्शा चालक को आयकर (Rickshaw puller Income Tax) विभाग ने तीन करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का नोटिस दिया है. रिक्शा चालक को आईटी का नोटिस (Income Tax Notice Rickshaw Puller) मिलने के बाद मामला पुलिस के पास पहुंच गया है.

दरअसल, मथुरा के बाकलपुर (Bakalpur Mathura) क्षेत्र की अमर कॉलोनी के प्रताप सिंह ने राजमार्ग थाने (Rickshaw puller Pratap Singh Rajmarg Thana) में शिकायत दर्ज करायी है. उन्होंने ठगे जाने का दावा किया है. रिक्शा चालक प्रताप सिंह ने कहा है कि उन्हें तीन करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का नोटिस मिला है.

आयकर का नोटिस मिलने के बाद रिक्शा चालक प्रताप सिंह (Rickshaw puller Pratap Singh) ने रविवार, 24 अक्टूबर को पुलिस से संपर्क किया. रिक्शा चालक को आयकर का नोटिस मिलने के संबंध में थाना प्रभारी अनुज कुमार ने बताया कि प्रताप सिंह की शिकायत के आधार पर कोई मामला तो दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस इस विषय पर गौर जरूर करेगी.

पीड़ित प्रताप अपने परिवार का पालन-पोषण रिक्शा चला कर करता है. उसके परिवार में पत्नी के अलावा तीन बच्चे और एक बूढ़ी मां है. पीड़ित प्रताप के पास न तो पैन कार्ड है, न ही कोई बड़ा कारोबार है. घर में टूटी चारपाई है, तो वहीं रसोई में गिने-चुने बर्तन. अब न्याय की आस में प्रताप टकटकी लगाए बैठा है. नोटिस का वो कैसे जवाब दे, उसकी समझ में नहीं आ रहा है. सात दिन बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

न्याय की आस में प्रताप.

इस बीच रिक्शा चालक प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर अपनी कहानी बताई है. प्रताप का कहना है कि उसने बाकलपुर में तेज प्रताप उपाध्याय के जन सुविधा केंद्र में पैन कार्ड के लिए आवेदन दिया था, क्योंकि उसके बैंक ने उससे पैनकार्ड जमा करने को कहा था.

प्रताप सिंह के अनुसार उसे बाकलपुर के संजय सिंह के मोबाइल नंबर से रंगीन पैनकार्ड की प्रति मिली. चूंकि वह पढ़ा-लिखा नहीं है इसलिए वह मूल पैन और उसकी रंगीन प्रति में भेद नहीं कर पाया.

बकौल रिक्शा चालक प्रताप सिंह, उसे अपना पैनकार्ड पाने के लिए तीन महीने तक जगह जगह चक्कर काटना पड़ा. उन्होंने बताया कि 19 अक्टूबर को आयकर अधिकारियों से फोन आया और उसे नोटिस दिया गया कि उसे 3,47,54,896 रुपये का भुगतान करना है.

यह भी पढ़ें- सोनू सूद के घर और ऑफिस पर दूसरे दिन भी आयकर का सर्वे

प्रताप सिंह के अनुसार अधिकारियों ने उसे बताया कि किसी ने उसकी जगह लेकर उनके नाम पर जीएसटी नंबर प्राप्त किया और उसने 2018-19 में 43,44,36,201 रुपये का कारोबार किया. सिंह ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने ही उन्हें प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह दी है.

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक रिक्शा चालक को आयकर (Rickshaw puller Income Tax) विभाग ने तीन करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का नोटिस दिया है. रिक्शा चालक को आईटी का नोटिस (Income Tax Notice Rickshaw Puller) मिलने के बाद मामला पुलिस के पास पहुंच गया है.

दरअसल, मथुरा के बाकलपुर (Bakalpur Mathura) क्षेत्र की अमर कॉलोनी के प्रताप सिंह ने राजमार्ग थाने (Rickshaw puller Pratap Singh Rajmarg Thana) में शिकायत दर्ज करायी है. उन्होंने ठगे जाने का दावा किया है. रिक्शा चालक प्रताप सिंह ने कहा है कि उन्हें तीन करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का नोटिस मिला है.

आयकर का नोटिस मिलने के बाद रिक्शा चालक प्रताप सिंह (Rickshaw puller Pratap Singh) ने रविवार, 24 अक्टूबर को पुलिस से संपर्क किया. रिक्शा चालक को आयकर का नोटिस मिलने के संबंध में थाना प्रभारी अनुज कुमार ने बताया कि प्रताप सिंह की शिकायत के आधार पर कोई मामला तो दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस इस विषय पर गौर जरूर करेगी.

पीड़ित प्रताप अपने परिवार का पालन-पोषण रिक्शा चला कर करता है. उसके परिवार में पत्नी के अलावा तीन बच्चे और एक बूढ़ी मां है. पीड़ित प्रताप के पास न तो पैन कार्ड है, न ही कोई बड़ा कारोबार है. घर में टूटी चारपाई है, तो वहीं रसोई में गिने-चुने बर्तन. अब न्याय की आस में प्रताप टकटकी लगाए बैठा है. नोटिस का वो कैसे जवाब दे, उसकी समझ में नहीं आ रहा है. सात दिन बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

न्याय की आस में प्रताप.

इस बीच रिक्शा चालक प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर अपनी कहानी बताई है. प्रताप का कहना है कि उसने बाकलपुर में तेज प्रताप उपाध्याय के जन सुविधा केंद्र में पैन कार्ड के लिए आवेदन दिया था, क्योंकि उसके बैंक ने उससे पैनकार्ड जमा करने को कहा था.

प्रताप सिंह के अनुसार उसे बाकलपुर के संजय सिंह के मोबाइल नंबर से रंगीन पैनकार्ड की प्रति मिली. चूंकि वह पढ़ा-लिखा नहीं है इसलिए वह मूल पैन और उसकी रंगीन प्रति में भेद नहीं कर पाया.

बकौल रिक्शा चालक प्रताप सिंह, उसे अपना पैनकार्ड पाने के लिए तीन महीने तक जगह जगह चक्कर काटना पड़ा. उन्होंने बताया कि 19 अक्टूबर को आयकर अधिकारियों से फोन आया और उसे नोटिस दिया गया कि उसे 3,47,54,896 रुपये का भुगतान करना है.

यह भी पढ़ें- सोनू सूद के घर और ऑफिस पर दूसरे दिन भी आयकर का सर्वे

प्रताप सिंह के अनुसार अधिकारियों ने उसे बताया कि किसी ने उसकी जगह लेकर उनके नाम पर जीएसटी नंबर प्राप्त किया और उसने 2018-19 में 43,44,36,201 रुपये का कारोबार किया. सिंह ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने ही उन्हें प्राथमिकी दर्ज कराने की सलाह दी है.

Last Updated : Oct 28, 2021, 9:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.