चेन्नई : विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि कोई भी सरकार जो संविधान पर एवं धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास रखती है और हिंदुत्व पर नहीं,वह इस देश में सुरक्षित नहीं है. सिन्हा ने द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके गठबंधन सहयोगियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें (भारतीय जनता पार्टी को) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की 'ऊंची कुर्सी' हथियाने के लिए एक 'बलि का बकरा' मिल गया है.
उन्होंने कहा, 'लेकिन यह क्या दिखाता है? यह दिखाता है कि केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी और भारत सरकार को हमारे संविधान के संघीय ढांचे के प्रति कोई सम्मान नहीं है.' सिन्हा ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेता का भाषण सुन रहा था और वह लगातार हिंदुत्व की बातें कर रहे थे और कह रहे थे कि हमने इस सरकार को गिरा दिया क्योंकि वह हिंदुत्व पर विश्वास नहीं करती थी. इसका मतलब है कि कोई भी सरकार जो संविधान पर एवं धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास रखती है और हिंदुत्व पर नहीं,वह इस देश में सुरक्षित नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'मेरा राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने के लिए राजी होना केंद्र सरकार और भाजपा की कथित ज्यादतियों के खिलाफ सतत संघर्ष है. 2014 तक मैं वित्त पर संसद की स्थाई समिति का प्रमुख था और परंपरा थी कि विपक्ष का कोई सदस्य इसका मुखिया होगा. लेकिन अब सत्तारूढ़ दल का सदस्य समिति का प्रमुख है. यह अलग बात है कि वह मेरा बेटा (जयंत सिन्हा) है. लेकिन मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह गलत परंपरा है.'
सिन्हा ने यहां पहुंचने पर द्रमुक प्रमुख एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मुलाकात की और चुनाव में उनसे समर्थन देने का अनुरोध किया. सिन्हा के द्रमुक मुख्यालय 'अन्ना अरिवालयम' पहुंचने पर स्टालिन ने उनका स्वागत किया. स्टालिन ने वहां अपनी पार्टी और सहयोगी दलों की एक बैठक को संबोधित किया और उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया.
इस दौरान स्टालिन ने सिन्हा को 'प्रतिष्ठित व्यक्ति' बताया, वहीं एमडीएमके प्रमुख एवं राज्यसभा सदस्य वाइको ने कहा,'हम सब आपके साथ हैं.' कांग्रेस के नेता के. सेल्वापेरुनथगई सहित द्रमुक के सहयोगी दलों के सभी नेताओं ने भी सिन्हा को समर्थन देने की बात कही. वाम दलों के प्रतिनिधियों और विदुतलाई चिरुताइगल काच्चि ने भी सिन्हा को समर्थन देने का आश्वासन दिया.
पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव में सिन्हा के प्रचार के लिए विपक्षी दलों ने बनाई 11 सदस्यीय समिति