जम्मू: दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के प्रभावशाली समूह जी-20 की बैठक 2023 में जम्मू कश्मीर में होगी. केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने बैठकों के समग्र समन्वय के लिए बृहस्पतिवार को पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया.
केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के तहत तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को प्राप्त विशेष दर्जे की समाप्ति और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाला यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा.
पिछले साल सितंबर में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को जी-20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया गया था. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत एक दिसंबर, 2022 से जी-20 की अध्यक्षता करेगा और 2023 में पहली बार जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा.
यहां जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश के आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव समिति के अध्यक्ष होंगे, जिसका गठन विदेश मंत्रालय के 4 जून के पत्र के बाद किया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार द्विवेदी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में होने वाली जी-20 बैठकों के समग्र समन्वय के लिए एक समिति के गठन को मंजूरी दी जाती है.'
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समिति के सदस्यों में आयुक्त सचिव (परिवहन), प्रशासनिक सचिव (पर्यटन), प्रशासनिक सचिव (आतिथ्य एवं प्रोटोकॉल) और प्रशासनिक सचिव (संस्कृति) शामिल हैं. आदेश में कहा गया है, ‘इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जी-20 बैठकों की व्यवस्था के समन्वय के लिए सरकार के प्रधान सचिव (आवास और शहरी विकास विभाग) को केंद्र शासित प्रदेश स्तर के नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधित्व का नेतृत्व कर रहे हैं. भारत 1999 में जी-20 की स्थापना के बाद से इसका सदस्य है.