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fodder scam : लालू प्रसाद यादव दोषी करार, 21 फरवरी को सजा पर सुनवाई - former Bihar CM Jagannath Mishra

चारा घोटाला (fodder scam) से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी (withdrawal from doranda treasury) मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया (lalu convicted of fraudulent withdrawal) है. अदालत लालू की सजा पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी. मार्च, 1990 से मार्च 1995 और अप्रैल, 1995 से जुलाई, 1997 के बीच लालू बिहार के मुख्यमंत्री (former Bihar chief minister Lalu Prasad) रह चुके हैं.

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लालू प्रसाद यादव
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Published : Feb 15, 2022, 12:03 PM IST

Updated : Feb 15, 2022, 2:59 PM IST

रांची : डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामला (fraudulent withdrawal from doranda treasury) बहुचर्चित चारा घोटाला केस (fodder scam) का सबसे बड़ा मामला है. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया (lalu convicted of fraudulent withdrawal) है. लालू कितने समय जेल में रहेंगे (lalu quantum of punishment) अदालत इस पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी.

मंगलवार को चारा घोटाला केस में सीबीआई कोर्ट के फैसले के समय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने वकील प्रभात कुमार (lalu lawyer prabhat kumar) के साथ अदालत परिसर में मौजूद रहे. सीबीआई के वकील ने कहा, लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया है. विशेष सीबीआई के न्यायाधीश एस के शशि (Special CBI Judge S K Shashi) की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी. अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस 29 जनवरी को पूरी हुई. अदालत ने गत 29 जनवरी को दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में प्रत्यक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था.

24 आरोपी बरी, 36 को तीन साल या उससे कम सजा
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी (Doranda treasury embezzlement case) मामले में कुल 99 आरोपी थे. इनमें से 24 आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को बरी कर दिया. जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत समेत 36 दोषियों को 3 साल या इससे कम की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है. लालू समेत 39 आरोपियों की सजा पर 21 फरवरी को सुनवाई होगी.

मंगलवार को दोषी करार दिए गए लोगों का विवरण-

  • अशोक कुमार साहू- तीन साल की जेल और 50 हजार रुपया जुर्माना
  • सुनील कुमार सिन्हा- तीन साल की जेल और दो लाख रुपये जुर्माना
  • मो. तौहीद- तीन साल की जेल और 75 हजार रुपये का जुर्माना
  • श्यामानंद, नंद किशोर प्रसाद, संदीप मल्लिक, अशोक कुमार सिन्हा (तीन साल की जेल और जुर्माना)

लालू को सजा के बाद जमानत का प्रावधान
सजा सुनाए जाने के कितने दिन बाद लालू यादव को जमानत मिल सकती है. इसके जवाब में लालू के वकील प्रभात कुमार ने ईटीवी भारत से बताया कि इस प्रक्रिया को पूरी करने में तीन से चार सप्ताह लग सकते हैं. जिस दिन हाईकोर्ट में सुनवाई हो जाएगी, उसी दिन उन्हें जमानत मिल जाएगी क्योंकि लालू की सजा की आधी अवधि पूरी हो चुकी है.

सजा होने के बाद के विकल्पों पर लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार से विशेष बातचीत

लालू की तबीयत ठीक नहीं
बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. वह किडनी की परेशानी से जूझ रहे हैं. उन्हें चिकित्सकों ने 24 घंटे में महज 500 मि.ली लिक्विड लेने को कहा है. एम्स के चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है. खबरों के मुताबिक लालू डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, किडनी की समस्या, थैलीसीमिया, यूरिक एसिड और ब्रेन से संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं. इसके साथ ही कमजोरी, इम्युनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आंख की समस्या से जूझ रहे हैं.

रिम्स में लालू के इलाज की तैयारी

लालू प्रसाद ने दोषी करार होते ही कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें जेल भेजने के बदले रिम्स में भर्ती करने का आग्रह किया है. हालांकि, लालू प्रसाद जेल जाएंगे या फिर रिम्स में भर्ती होंगे. यह तय नहीं हुआ है. लेकिन रिम्स प्रशासन अलर्ट पर है. रिम्स के पेइंग वार्ड के कमरा संख्या 11 की सफाई करवाई गई है. इसके साथ ही कमरे में फ्रिज, टीवी, एसी, गीजर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. रिम्स प्रबंधन ने कहा है कि रिम्स में लालू के इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है.

लालू यादव कब-कब जा चुके हैं जेल

  1. 30 जुलाई, 1997- लालू यादव को सलाखों के पीछे जाना पड़ा. 135 दिन जेल में रहने के बाद मिली जमानत.
  2. 28 अक्टूबर, 1998- 73 दिनों के लिए जेल गए लालू प्रसाद.
  3. 5 अप्रैल, 2000- 11 दिनों तक जेल में बंद रहे लालू.
  4. 28 नवंबर, 2000- आय से अधिक संपत्ति मामले में एक दिन की जेल.
  5. 26 नवंबर- सलाखों के पीछे गुजरे 23 दिन.
  6. 3 अक्टूबर, 2014- जेल में गुजरे 70 दिन.
  7. 23 दिसंबर, 2017- जेल गए लालू, अप्रैल 2021 में सजा की आधी मियाद पूरी करने के आधार पर मिली बेल.

26 साल तक जांच
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले की जांच लगभग 26 वर्ष तक चली. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर 139.35 करोड़ की अवैध निकासी की गई. बता दें कि चारा घोटाला के 53 मामलों में 5 केस में लालू प्रसाद एवं अन्य राजनीतिज्ञों को आरोपी बनाया गया था. सीबीआई कोर्ट ने अब तक 4 चारा घोटाला मामलों में लालू प्रसाद को दोषी करार दिया है.

575 गवाहों की पेशी, 16 ट्रंक डॉक्यूमेंट
सीबीआई ने लालू प्रसाद पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा- 120B, 420, 409, 467, 468, 471, 477A, और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (PC Act) की धारा 13(2), 13(1)(c) के तहत आरोप लगाए. लालू प्रसाद एवं अन्य आरोपियों का दोष साबित करने के लिए सीबीआई ने 575 गवाहों को पेश किया. डोरंडा ट्रेजरी मामले में सीबीआई की ओर से 16 ट्रंक (बक्से) दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए.

तीन महीने में आठ करोड़ का बिल
लालू प्रसाद ने अपने बचाव में 14 गवाह पेश किए गए. सीबीआई ने जांच के क्रम में यह पाया कि डोरंडा ट्रेजरी से निकाली गई राशि, पशुपालन विभाग के बजट से 229 % अधिक थी. पैसे निकालने के लिए फर्जी मांग पत्र, आवंटन पत्र और इसके आधार पर फर्जी आपूर्ति आदेश भी निर्गत किये गए. पशुपालन विभाग के तत्कालीन डॉक्टर माल प्राप्त किए बिना ही आपूर्ति विपत्र पर माल पावती का सर्टिफिकेट निर्गत कर देते थे. सीनियर डॉक्टर भी बिना आपत्ति इसे प्रमाणित कर देते थे. सीबीआई के मुताबिक पशुपालन विभाग के अलावा डोरंडा ट्रेजरी की भूमिका भी संदेहास्पद रही. साल 1990 में डोरंडा ट्रेजरी से अधिकतम 50 हजार रुपये तक के बिल पास करने का प्रावधान था. हालांकि, चारा घोटाले में शामिल लोग बिल अमाउंट 50 हजार से थोड़ा कम दिखाते थे. बिल अलग-अलग भागों में बांटकर बनाये जाते थे. इसी षडयंत्र के तहत डोरंडा ट्रेजरी से केवल 3 महीने में 8 करोड़ रुपये का बिल पास कर दिया गया.

यह भी पढ़ें- Fodder Scam: डोरंडा कोषागर से हुआ सबसे बड़ा चारा घोटाला, जानिए कैसे अलग है यह स्कैम

लालू को 14 साल जेल, 60 लाख का जुर्माना
950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है. बता दें कि लालू प्रसाद को इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. इसके अलावा कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

दूसरे मामलों में लालू को जमानत
राजद सुप्रीमो लालू को चारा घोटाला से जुड़े- दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार वाले केसों में जमानत मिल गई है. अप्रैल, 2021 में चारा घोटाला मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से लालू को जमानत मिली थी. चारा घोटाला से संबंधित एक मामला- दुमका कोषागार से धोखाधड़ी कर निकासी का है. इसी मामले में लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. फॉडर स्कैम का एक मामला चाईबासा ट्रेजरी घोटाला है. इस मामले में अक्टूबर, 2020 में, जबकि देवघर ट्रेजरी घोटाला में फरवरी, 2020 में लालू को जमानत मिली थी. 1990-97 के बीच बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में ही दुमका कोषागार से धोखाधड़ी का मामला भी सामने आया. सीबीआई जांच के बाद अदालत ने लालू को दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये निकालने के दोषी पाया.

यह भी पढ़ें- चारा घोटाला केस: लालू प्रसाद के लिए आज का दिन अहम, होगा मंगल या जाना होगा जेल, पढ़ें ये रिपोर्ट

चारा घोटाला केस सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट
1996 में चारा घोटाला कांड दर्ज होने के बाद केस की सुनवाई के लिए सीबीआई की विशेष अदालत गठित की गई. रांची सिविल कोर्ट कैंपस में सेवेन (7) कोर्ट बिल्डिंग के नाम से मशहूर इस अदालत परिसर में चारा घोटाला केस की सुनवाई होती है. डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े मामले में अभियुक्तों और गवाहों की बड़ी संख्या के कारण सुनवाई पूरी होने में 26 वर्ष लगे. गत 26 साल में चारा घोटाला के अन्य केस में अदालत फैसले सुनाती गई.

लंबी अदालती कार्यवाही, 55 आरोपियों की मौत
चारा घोटाला मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं, छह फरार हैं. लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत (Public Accounts Committee chairman Dhruv Bhagat), पशुपालन सचिव बेक जूलियस (Animal Husbandry Secretary Beck Julius) और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद (Animal Husbandry Assistant Director Dr K M Prasad) मुख्य आरोपी हैं.

28 साल पहले हुआ चारा घोटाले का पर्दाफाश
गौरतलब है कि चारा घोटाला जनवरी, 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था. सीबीआई ने जून, 1997 में लालू प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया था. सीबीआई ने जांच के बाद लालू और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा (former Bihar CM Jagannath Mishra) के खिलाफ आरोप तय किए थे.

9 साल पहले लालू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
सितंबर, 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया था. इसके बाद लालू को रांची जेल भेज दिया गया था. दिसंबर, 2013 में चारा घोटाला मामले में लालू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, जबकि दिसंबर, 2017 में सीबीआई अदालत ने लालू और 15 अन्य को दोषी पाया था.

चारा घोटाला में सजा पर एक नजर

पहला केस : चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला
चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर, 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर, 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.

दूसरा केस : देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला
देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

तीसरा केस : चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला
चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

चौथा केस: दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला
ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च, 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी.

रांची : डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामला (fraudulent withdrawal from doranda treasury) बहुचर्चित चारा घोटाला केस (fodder scam) का सबसे बड़ा मामला है. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया (lalu convicted of fraudulent withdrawal) है. लालू कितने समय जेल में रहेंगे (lalu quantum of punishment) अदालत इस पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी.

मंगलवार को चारा घोटाला केस में सीबीआई कोर्ट के फैसले के समय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने वकील प्रभात कुमार (lalu lawyer prabhat kumar) के साथ अदालत परिसर में मौजूद रहे. सीबीआई के वकील ने कहा, लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया है. विशेष सीबीआई के न्यायाधीश एस के शशि (Special CBI Judge S K Shashi) की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी. अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस 29 जनवरी को पूरी हुई. अदालत ने गत 29 जनवरी को दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में प्रत्यक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था.

24 आरोपी बरी, 36 को तीन साल या उससे कम सजा
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी (Doranda treasury embezzlement case) मामले में कुल 99 आरोपी थे. इनमें से 24 आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को बरी कर दिया. जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत समेत 36 दोषियों को 3 साल या इससे कम की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है. लालू समेत 39 आरोपियों की सजा पर 21 फरवरी को सुनवाई होगी.

मंगलवार को दोषी करार दिए गए लोगों का विवरण-

  • अशोक कुमार साहू- तीन साल की जेल और 50 हजार रुपया जुर्माना
  • सुनील कुमार सिन्हा- तीन साल की जेल और दो लाख रुपये जुर्माना
  • मो. तौहीद- तीन साल की जेल और 75 हजार रुपये का जुर्माना
  • श्यामानंद, नंद किशोर प्रसाद, संदीप मल्लिक, अशोक कुमार सिन्हा (तीन साल की जेल और जुर्माना)

लालू को सजा के बाद जमानत का प्रावधान
सजा सुनाए जाने के कितने दिन बाद लालू यादव को जमानत मिल सकती है. इसके जवाब में लालू के वकील प्रभात कुमार ने ईटीवी भारत से बताया कि इस प्रक्रिया को पूरी करने में तीन से चार सप्ताह लग सकते हैं. जिस दिन हाईकोर्ट में सुनवाई हो जाएगी, उसी दिन उन्हें जमानत मिल जाएगी क्योंकि लालू की सजा की आधी अवधि पूरी हो चुकी है.

सजा होने के बाद के विकल्पों पर लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार से विशेष बातचीत

लालू की तबीयत ठीक नहीं
बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. वह किडनी की परेशानी से जूझ रहे हैं. उन्हें चिकित्सकों ने 24 घंटे में महज 500 मि.ली लिक्विड लेने को कहा है. एम्स के चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है. खबरों के मुताबिक लालू डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, किडनी की समस्या, थैलीसीमिया, यूरिक एसिड और ब्रेन से संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं. इसके साथ ही कमजोरी, इम्युनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आंख की समस्या से जूझ रहे हैं.

रिम्स में लालू के इलाज की तैयारी

लालू प्रसाद ने दोषी करार होते ही कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें जेल भेजने के बदले रिम्स में भर्ती करने का आग्रह किया है. हालांकि, लालू प्रसाद जेल जाएंगे या फिर रिम्स में भर्ती होंगे. यह तय नहीं हुआ है. लेकिन रिम्स प्रशासन अलर्ट पर है. रिम्स के पेइंग वार्ड के कमरा संख्या 11 की सफाई करवाई गई है. इसके साथ ही कमरे में फ्रिज, टीवी, एसी, गीजर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. रिम्स प्रबंधन ने कहा है कि रिम्स में लालू के इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है.

लालू यादव कब-कब जा चुके हैं जेल

  1. 30 जुलाई, 1997- लालू यादव को सलाखों के पीछे जाना पड़ा. 135 दिन जेल में रहने के बाद मिली जमानत.
  2. 28 अक्टूबर, 1998- 73 दिनों के लिए जेल गए लालू प्रसाद.
  3. 5 अप्रैल, 2000- 11 दिनों तक जेल में बंद रहे लालू.
  4. 28 नवंबर, 2000- आय से अधिक संपत्ति मामले में एक दिन की जेल.
  5. 26 नवंबर- सलाखों के पीछे गुजरे 23 दिन.
  6. 3 अक्टूबर, 2014- जेल में गुजरे 70 दिन.
  7. 23 दिसंबर, 2017- जेल गए लालू, अप्रैल 2021 में सजा की आधी मियाद पूरी करने के आधार पर मिली बेल.

26 साल तक जांच
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले की जांच लगभग 26 वर्ष तक चली. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर 139.35 करोड़ की अवैध निकासी की गई. बता दें कि चारा घोटाला के 53 मामलों में 5 केस में लालू प्रसाद एवं अन्य राजनीतिज्ञों को आरोपी बनाया गया था. सीबीआई कोर्ट ने अब तक 4 चारा घोटाला मामलों में लालू प्रसाद को दोषी करार दिया है.

575 गवाहों की पेशी, 16 ट्रंक डॉक्यूमेंट
सीबीआई ने लालू प्रसाद पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा- 120B, 420, 409, 467, 468, 471, 477A, और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (PC Act) की धारा 13(2), 13(1)(c) के तहत आरोप लगाए. लालू प्रसाद एवं अन्य आरोपियों का दोष साबित करने के लिए सीबीआई ने 575 गवाहों को पेश किया. डोरंडा ट्रेजरी मामले में सीबीआई की ओर से 16 ट्रंक (बक्से) दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए.

तीन महीने में आठ करोड़ का बिल
लालू प्रसाद ने अपने बचाव में 14 गवाह पेश किए गए. सीबीआई ने जांच के क्रम में यह पाया कि डोरंडा ट्रेजरी से निकाली गई राशि, पशुपालन विभाग के बजट से 229 % अधिक थी. पैसे निकालने के लिए फर्जी मांग पत्र, आवंटन पत्र और इसके आधार पर फर्जी आपूर्ति आदेश भी निर्गत किये गए. पशुपालन विभाग के तत्कालीन डॉक्टर माल प्राप्त किए बिना ही आपूर्ति विपत्र पर माल पावती का सर्टिफिकेट निर्गत कर देते थे. सीनियर डॉक्टर भी बिना आपत्ति इसे प्रमाणित कर देते थे. सीबीआई के मुताबिक पशुपालन विभाग के अलावा डोरंडा ट्रेजरी की भूमिका भी संदेहास्पद रही. साल 1990 में डोरंडा ट्रेजरी से अधिकतम 50 हजार रुपये तक के बिल पास करने का प्रावधान था. हालांकि, चारा घोटाले में शामिल लोग बिल अमाउंट 50 हजार से थोड़ा कम दिखाते थे. बिल अलग-अलग भागों में बांटकर बनाये जाते थे. इसी षडयंत्र के तहत डोरंडा ट्रेजरी से केवल 3 महीने में 8 करोड़ रुपये का बिल पास कर दिया गया.

यह भी पढ़ें- Fodder Scam: डोरंडा कोषागर से हुआ सबसे बड़ा चारा घोटाला, जानिए कैसे अलग है यह स्कैम

लालू को 14 साल जेल, 60 लाख का जुर्माना
950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है. बता दें कि लालू प्रसाद को इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. इसके अलावा कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

दूसरे मामलों में लालू को जमानत
राजद सुप्रीमो लालू को चारा घोटाला से जुड़े- दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार वाले केसों में जमानत मिल गई है. अप्रैल, 2021 में चारा घोटाला मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से लालू को जमानत मिली थी. चारा घोटाला से संबंधित एक मामला- दुमका कोषागार से धोखाधड़ी कर निकासी का है. इसी मामले में लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. फॉडर स्कैम का एक मामला चाईबासा ट्रेजरी घोटाला है. इस मामले में अक्टूबर, 2020 में, जबकि देवघर ट्रेजरी घोटाला में फरवरी, 2020 में लालू को जमानत मिली थी. 1990-97 के बीच बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में ही दुमका कोषागार से धोखाधड़ी का मामला भी सामने आया. सीबीआई जांच के बाद अदालत ने लालू को दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये निकालने के दोषी पाया.

यह भी पढ़ें- चारा घोटाला केस: लालू प्रसाद के लिए आज का दिन अहम, होगा मंगल या जाना होगा जेल, पढ़ें ये रिपोर्ट

चारा घोटाला केस सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट
1996 में चारा घोटाला कांड दर्ज होने के बाद केस की सुनवाई के लिए सीबीआई की विशेष अदालत गठित की गई. रांची सिविल कोर्ट कैंपस में सेवेन (7) कोर्ट बिल्डिंग के नाम से मशहूर इस अदालत परिसर में चारा घोटाला केस की सुनवाई होती है. डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े मामले में अभियुक्तों और गवाहों की बड़ी संख्या के कारण सुनवाई पूरी होने में 26 वर्ष लगे. गत 26 साल में चारा घोटाला के अन्य केस में अदालत फैसले सुनाती गई.

लंबी अदालती कार्यवाही, 55 आरोपियों की मौत
चारा घोटाला मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं, छह फरार हैं. लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत (Public Accounts Committee chairman Dhruv Bhagat), पशुपालन सचिव बेक जूलियस (Animal Husbandry Secretary Beck Julius) और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद (Animal Husbandry Assistant Director Dr K M Prasad) मुख्य आरोपी हैं.

28 साल पहले हुआ चारा घोटाले का पर्दाफाश
गौरतलब है कि चारा घोटाला जनवरी, 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था. सीबीआई ने जून, 1997 में लालू प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया था. सीबीआई ने जांच के बाद लालू और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा (former Bihar CM Jagannath Mishra) के खिलाफ आरोप तय किए थे.

9 साल पहले लालू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
सितंबर, 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया था. इसके बाद लालू को रांची जेल भेज दिया गया था. दिसंबर, 2013 में चारा घोटाला मामले में लालू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, जबकि दिसंबर, 2017 में सीबीआई अदालत ने लालू और 15 अन्य को दोषी पाया था.

चारा घोटाला में सजा पर एक नजर

पहला केस : चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला
चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर, 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर, 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.

दूसरा केस : देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला
देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

तीसरा केस : चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला
चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

चौथा केस: दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला
ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च, 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी.

Last Updated : Feb 15, 2022, 2:59 PM IST
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