शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब महिला पुलिस कांस्टेबल भी बिगुलर बनेंगी. बता दें कि ऐसा इतिहास में पहली बार होने जा रहा है. बिगुल पहले सिर्फ पुरुष की बजाते थे, लेकिन अब महिलाएं पीछे रहने वाली नहीं हैं. हिमाचल प्रदेश में गार्ड ऑफ ऑनर और अन्य समारोहों में महिला बिगुलर होंगी. हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग की ओर से महिला पुलिस कर्मियों को बिगुलर कोर्स की ट्रेनिंग दी जाएगी.
वर्तमान में तीन महिला कांस्टेबल- शिवानी नंबर 421, श्वेता नंबर 507 और नीशू नंबर 528 (5वीं आईआरबीएन बस्सी) हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, डरोह में बेसिक बिगुलर कोर्स कर रही हैं. ऐसे में अब ज्यादा महिला कांस्टेबल इस कोर्स में रुचि दिखा रही हैं और जल्द ही उनके भी शामिल होने की उम्मीद है.
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“हिमाचल प्रदेश पुलिस की पहल"
— Himachal Pradesh Police (@himachalpolice) December 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग को हिमाचल प्रदेश पुलिस बल के इतिहास में पहली महिला बिगुलर्स के प्रशिक्षण की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है।
जल्द ही हिमाचल प्रदेश राज्य में गार्ड ऑफ ऑनर तथा अन्य समारोहों में महिला बिगुलर होंगी।@himachalpolice pic.twitter.com/WEse2ZArMC
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— Himachal Pradesh Police (@himachalpolice) December 6, 2023
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग को हिमाचल प्रदेश पुलिस बल के इतिहास में पहली महिला बिगुलर्स के प्रशिक्षण की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है।
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हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग को हिमाचल प्रदेश पुलिस बल के इतिहास में पहली महिला बिगुलर्स के प्रशिक्षण की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है।
जल्द ही हिमाचल प्रदेश राज्य में गार्ड ऑफ ऑनर तथा अन्य समारोहों में महिला बिगुलर होंगी।@himachalpolice pic.twitter.com/WEse2ZArMC
जल्द ही हिमाचल प्रदेश राज्य में गार्ड ऑफ ऑनर और अन्य समारोहों में महिला बिगुलर होंगी. बता दें कि अब तक बिगुलर एक पुरुष प्रधान शिल्प हुआ करता था. बिगुल बजाने के लिए फेफड़ों की बहुत अधिक शक्ति, गहरी सांस और शारीरिक और मानसिक नियंत्रण की आवश्यकता होती है. बिगुल एक महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण है, जहां बिगुल कॉल का उपयोग शिविर की दैनिक दिनचर्या को इंगित करने के लिए किया जाता है.
''ये देश में पहला पुलिस बल है, जिनकी महिला कॉन्स्टेबल्स बिगुलर का कोर्स कर रही हैं. वर्तमान में तीन शिवानी, श्वेता और नीशू नाम की महिला कॉन्स्टेबल बिगुल बजाने की ट्रेनिंग कांगड़ा जिले के डरोह स्थित पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय से ले रही हैं''- बिमल गुप्ता, प्रधानाचार्य डीआईजी, हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह''.
ऐतिहासिक रूप से, युद्ध के दौरान अधिकारियों से सैनिकों तक निर्देश प्रसारित करने के लिए सेना में बिगुल का उपयोग किया जाता था. बिगुल का उपयोग लीडर्स/अधिकारीयों को इकट्ठा करने और शिविरों में मार्च करने का आदेश देने के लिए किया जाता था. गौरतलब है कि हिमाचल महिला पुलिस हर क्षेत्र में आगे है और हर जगह अपनी पहचान बना रही है. ऐसे में अब बिगुल भी भी बजाएंगी.
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