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Chandrayaan 3 : पूर्व राजनयिक ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग की सराहना की, कहा- भारत की तकनीकी क्षमता से परिचित हुई दुनिया - चंद्रयान 3 भारत ने रचा इतिहास

भारत ने कल अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. चंद्रयान तीन के चांद पर सफल लैंडिंग के बाद देश और दुनिया भर के जाने-माने लोग इस के भारत और इसरो को बधाई दे रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 6:39 AM IST

नई दिल्ली : बुधवार को चंद्रमा पर तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है. अविभाजित रूस, चीन और अमेरिका के बाद भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश भी बन गया है. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग की सराहना करते हुए, भारत के पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी ने ईटीवी भारत को एक साक्षात्कार में बताया कि यह न केवल भारत की बल्कि भारतीयों की तकनीकी क्षमताओं के बारे में दुनिया के लिए एक संदेश है.

पार्थसारथी ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. समग्र रूप से मानवता के लिए भारत का योगदान है. पार्थसारथी ने कहा, यह पहली बार है कि कोई चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा है और इससे भारत को भविष्य के मिशनों पर काम करने और चंद्रमा से परे देखने का मौका मिला है.

इसके अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय के भौतिकी और खगोल भौतिकी विभाग के प्रोफेसर संजय चमोली ने कहा कि आज चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 विक्रम लैंडर की लैंडिंग न केवल इसरो के लिए एक सफलता की कहानी है, बल्कि पूरी दुनिया हमें ऐसी सफलता हासिल करते हुए देख रही है. लैंडर बिल्कुल योजनाबद्ध तरीके से चंद्रमा की सतह पर उतरा है. यह शेष विश्व के लिए भी एक बड़ी सफलता की कहानी है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत का चंद्रयान 3 मिशन है, कोरिया, जापान जैसे देशों के पास भी ऐसे ही मिशन हैं लेकिन वे तकनीकी कारणों से सफल नहीं हो सके. प्रोफेसर ने कहा कि इसलिए, चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से जापान, कोरिया और यूएई जैसे अन्य देशों को भारत की मदद से अपने अंतरिक्ष मिशन की योजना बनाने में बड़ी मदद मिलेगी.

इस बीच, भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत की अंतरिक्ष महिमा की सराहना की और कहा कि चंद्रयान 3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से एक ऐतिहासिक जीत सामने आई है. अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए मानवता की खोज एक बड़ी छलांग लगाती है. इस उल्लेखनीय उपलब्धि के पीछे प्रतिभाशाली दिमागों को बधाई. इसी तरह नई दिल्ली में इजराइल, फ्रांस, रूस, स्वीडन, जापान, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के दूतों और दूतावासों ने चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग पर भारत को बधाई दी.

हालांकि, चंद्रमा की सफलता के बाद, पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ से बात की और उन्हें बधाई संदेश भेजा. एक्स पर पीएम मोदी ने कहा, “चंद्रयान -3 की विजय 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और क्षमताओं को दर्शाती है. नये क्षितिज और उससे आगे तक! भारत के लिए गर्व का क्षण.

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भारत का तीसरा चंद्र मिशन, चंद्रयान-3 14 जुलाई, 2023 को आंध्र प्रदेश राज्य के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. यह चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जो चंद्रमा पर उतरने का भारत का पहला प्रयास था, जो6 सितंबर, 2019 को विफल हो गया था.

नई दिल्ली : बुधवार को चंद्रमा पर तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है. अविभाजित रूस, चीन और अमेरिका के बाद भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश भी बन गया है. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग की सराहना करते हुए, भारत के पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी ने ईटीवी भारत को एक साक्षात्कार में बताया कि यह न केवल भारत की बल्कि भारतीयों की तकनीकी क्षमताओं के बारे में दुनिया के लिए एक संदेश है.

पार्थसारथी ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. समग्र रूप से मानवता के लिए भारत का योगदान है. पार्थसारथी ने कहा, यह पहली बार है कि कोई चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा है और इससे भारत को भविष्य के मिशनों पर काम करने और चंद्रमा से परे देखने का मौका मिला है.

इसके अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय के भौतिकी और खगोल भौतिकी विभाग के प्रोफेसर संजय चमोली ने कहा कि आज चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 विक्रम लैंडर की लैंडिंग न केवल इसरो के लिए एक सफलता की कहानी है, बल्कि पूरी दुनिया हमें ऐसी सफलता हासिल करते हुए देख रही है. लैंडर बिल्कुल योजनाबद्ध तरीके से चंद्रमा की सतह पर उतरा है. यह शेष विश्व के लिए भी एक बड़ी सफलता की कहानी है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत का चंद्रयान 3 मिशन है, कोरिया, जापान जैसे देशों के पास भी ऐसे ही मिशन हैं लेकिन वे तकनीकी कारणों से सफल नहीं हो सके. प्रोफेसर ने कहा कि इसलिए, चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से जापान, कोरिया और यूएई जैसे अन्य देशों को भारत की मदद से अपने अंतरिक्ष मिशन की योजना बनाने में बड़ी मदद मिलेगी.

इस बीच, भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत की अंतरिक्ष महिमा की सराहना की और कहा कि चंद्रयान 3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से एक ऐतिहासिक जीत सामने आई है. अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए मानवता की खोज एक बड़ी छलांग लगाती है. इस उल्लेखनीय उपलब्धि के पीछे प्रतिभाशाली दिमागों को बधाई. इसी तरह नई दिल्ली में इजराइल, फ्रांस, रूस, स्वीडन, जापान, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के दूतों और दूतावासों ने चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग पर भारत को बधाई दी.

हालांकि, चंद्रमा की सफलता के बाद, पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ से बात की और उन्हें बधाई संदेश भेजा. एक्स पर पीएम मोदी ने कहा, “चंद्रयान -3 की विजय 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और क्षमताओं को दर्शाती है. नये क्षितिज और उससे आगे तक! भारत के लिए गर्व का क्षण.

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भारत का तीसरा चंद्र मिशन, चंद्रयान-3 14 जुलाई, 2023 को आंध्र प्रदेश राज्य के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. यह चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जो चंद्रमा पर उतरने का भारत का पहला प्रयास था, जो6 सितंबर, 2019 को विफल हो गया था.

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