नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से विस्फोट कर अरूणाचल प्रदेश में सेला सुरंग के अंतिम चरण के कार्य की शुरुआत की. उन्होंने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 20,000 किलोमीटर के मोटरसाइकिल अभियान को भी बृहस्पतिवार को हरी झंडी दिखाई.
सिंह ने यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से सुरंग में विस्फोट किया और अभियान को हरी झंडी दिखाई. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सेला सुरंग 13,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे बड़ी ‘बाइ-लेन’ सुरंग होगी. उन्होंने इस सुरंग के निर्माण के कार्य के लिए सीमा सड़क संगठन की प्रशंसा की.
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस सुरंग के बन जाने से न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आवागमन सुविधा में भी वृद्धि होगी तथा उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.
सिंह ने कहा, 'अत्याधुनिक खूबियों के साथ बनाई जा रही यह सुरंग न केवल तवांग के लिए बल्कि पूरे अरूणाचल प्रदेश के लिए जीवनरेखा साबित होगी.'
सेला दर्रे से गुजरने वाली इस सुरंग के जरिए अरूणाचल प्रदेश में तवांग जिले से होते हुए चीन सीमा तक की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जाएगी. सुरंग का निर्माण कार्य जून 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है.
रक्षा मंत्री ने कहा, 'सेला मुख्य सुरंग में कार्य के अंतिम चरण की शुरुआत के लिए किया गया विस्फोट आपकी (बीआरओ) कड़ी मेहनत और देश की सुरक्षा एवं सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आपके संकल्प की अभिव्यक्ति करता है.'
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सिंह ने बीआरओ के मोटरसाइकिल अभियान को भी हरी झंडी दिखाई. उन्होंने कहा कि मोटरसाइकिल अभियान में बीआरओ तथा सेना के 75 कर्मी कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए 20,000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.
सेला सुरंग से असम के तेजपुर और अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थित सेना के 4 कोर मुख्यालयों के बीच यात्रा के समय में कम से कम एक घंटे की कमी आयेगी. इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग 13, खासकर बोमडिला और तवांग के बीच का 171 किमी का रास्ता हर मौसम में खुला रहेगा.
(पीटीआई-भाषा)