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गोरखा नेता सुभाष घीसिंग को पद्म पुरस्कार देने की मांग, विधायक ने अमित शाह को लिखा पत्र

दार्जिलिंग के विधायक नीरज तमांग जिम्बा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिवंगत गोरखा नेता सुभाष घीसिंग को पद्म पुरस्कार दिए जाने की मांग की है.

Gorkha Leader Subash Ghisingh
गोरखा नेता सुभाष घीसिंग
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Published : Nov 15, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 11:04 PM IST

दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से गोरखा नेशनल लिब्रेशन फ्रंट (GNLF) के विधायक नीरज तमांग जिम्बा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिवंगत गोरखा नेता सुभाष घीसिंग को पद्म पुरस्कार देने का अनुरोध किया है. जिम्बा ने कहा है कि सुभाष घीसिंग ने गोरखाओं के बीच राजनीतिक चेतना और राष्ट्रीय पहचान लाने का काम किया है.

  • GNLF MLA from Darjeeling, Neeraj Tamang Zimba writes to the Union Home Minister Amit Shah requesting to confer Padma Award on Gorkha Leader Subash Ghisingh for "bringing political consciousness and national identity among Gorkhas." pic.twitter.com/BJpnRPMvjJ

    — ANI (@ANI) November 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक सुभाष घीसिंग का साल 2015 में 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. वह दार्जिलिंग गोरखा हिल परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके थे. उन्होंने गोरखाओं के लिए अलग राज्य की मांग को लेकर लंबे समय तक आंदोलन किया था. घीसिंग का जन्म 22 जून, 1936 में दार्जिलिंग में हुआ था. उन्होंने 1954 में भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स ज्वाइन की. घीसिंग ने 1960 में सेना की नौकरी छोड़ दी और गोरखा अधिकारों की लड़ाई के लिए 1968 में नीलो झांडा नामक संगठन बनाया.

दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से गोरखा नेशनल लिब्रेशन फ्रंट (GNLF) के विधायक नीरज तमांग जिम्बा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिवंगत गोरखा नेता सुभाष घीसिंग को पद्म पुरस्कार देने का अनुरोध किया है. जिम्बा ने कहा है कि सुभाष घीसिंग ने गोरखाओं के बीच राजनीतिक चेतना और राष्ट्रीय पहचान लाने का काम किया है.

  • GNLF MLA from Darjeeling, Neeraj Tamang Zimba writes to the Union Home Minister Amit Shah requesting to confer Padma Award on Gorkha Leader Subash Ghisingh for "bringing political consciousness and national identity among Gorkhas." pic.twitter.com/BJpnRPMvjJ

    — ANI (@ANI) November 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक सुभाष घीसिंग का साल 2015 में 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. वह दार्जिलिंग गोरखा हिल परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके थे. उन्होंने गोरखाओं के लिए अलग राज्य की मांग को लेकर लंबे समय तक आंदोलन किया था. घीसिंग का जन्म 22 जून, 1936 में दार्जिलिंग में हुआ था. उन्होंने 1954 में भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स ज्वाइन की. घीसिंग ने 1960 में सेना की नौकरी छोड़ दी और गोरखा अधिकारों की लड़ाई के लिए 1968 में नीलो झांडा नामक संगठन बनाया.

Last Updated : Nov 15, 2022, 11:04 PM IST
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