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प. बंगाल-ओडिशा में सबसे अधिक बढ़ा महिलाओं के खिलाफ अपराध : रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. वहीं दिल्ली और यूपी में कमी देखने को मिली है. दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में पिछले साल 24.18 फीसदी की गिरावट आई है. 2020 में दर्ज किए गए मामलों की कुल संख्या 2019 में 12,902 से कम 9,782 थी.. यह जानकारी एसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में दी है.

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Published : Sep 15, 2021, 6:11 PM IST

Updated : Sep 15, 2021, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2019 की तुलना में साल 2020 में शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 21.1 फीसदी की गिरावट आई है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35,331 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2019 में मामलों की संख्या 44,783 थी, जो 21.1 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है.

इसने यह भी खुलासा किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के 30.2 प्रतिशत मामले 'पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता' के तहत दर्ज किए गए , उसके बाद 19.7 प्रतिशत 'महिलाओं पर हमला करने के इरादे से, 19.0 प्रतिशत अपहरण और 7.2 प्रतिशत बलात्कार के मामले सामने आए है.

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. वहीं दिल्ली और यूपी में कमी देखने को मिली है. दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में पिछले साल 24.18 फीसदी की गिरावट आई है. 2020 में दर्ज किए गए मामलों की कुल संख्या 2019 में 12,902 से कम 9,782 थी.

मुंबई ने महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी कमी दर्ज की है क्योंकि पिछले साल 2019 में 6,519 मामलों की तुलना में 4,583 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि जयपुर में इसी अवधि के दौरान 3,417 के मुकाबले 2,369 मामले दर्ज किए गए थे.

पिछले साल, बेंगलुरु में 2019 में 3,486 के मुकाबले 2,730 मामले दर्ज किए गए, जबकि हैदराबाद ने इसी अवधि में 2,755 से कम 2,390 मामले दर्ज किए.

लगभग सभी शहरों में घटती प्रवृत्ति के बावजूद, कोलकाता और लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ अपराध में क्रमश: 35 और 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई.

2020 में, कोलकाता ने 2019 में 1,474 से अधिक 2,001 मामले दर्ज किए, जबकि लखनऊ में 2019 में 2,425 के मुकाबले 2,636 मामले दर्ज किए गए.

2020 में धारा 304 बी (आईपीसी) के तहत दहेज हत्या के मामलों के तहत, कुल 358 मामले दर्ज किए गए, जबकि दिल्ली में सबसे अधिक 109 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद लखनऊ में 48 मामले दर्ज किए गए, जबकि कानपुर और जयपुर में क्रमश: 30 और 26 मामले दर्ज किए गए.

2020 में शहरों में धारा 498 ए (आईपीसी) के तहत पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के कुल 10,733 मामले दर्ज किए गए और दिल्ली में 2,570 मामलों के साथ सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, इसके बाद हैदराबाद में 1,226 और जयपुर में 1,043 मामले दर्ज किए गए.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2019 की तुलना में साल 2020 में शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 21.1 फीसदी की गिरावट आई है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35,331 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2019 में मामलों की संख्या 44,783 थी, जो 21.1 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है.

इसने यह भी खुलासा किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के 30.2 प्रतिशत मामले 'पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता' के तहत दर्ज किए गए , उसके बाद 19.7 प्रतिशत 'महिलाओं पर हमला करने के इरादे से, 19.0 प्रतिशत अपहरण और 7.2 प्रतिशत बलात्कार के मामले सामने आए है.

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. वहीं दिल्ली और यूपी में कमी देखने को मिली है. दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में पिछले साल 24.18 फीसदी की गिरावट आई है. 2020 में दर्ज किए गए मामलों की कुल संख्या 2019 में 12,902 से कम 9,782 थी.

मुंबई ने महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी कमी दर्ज की है क्योंकि पिछले साल 2019 में 6,519 मामलों की तुलना में 4,583 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि जयपुर में इसी अवधि के दौरान 3,417 के मुकाबले 2,369 मामले दर्ज किए गए थे.

पिछले साल, बेंगलुरु में 2019 में 3,486 के मुकाबले 2,730 मामले दर्ज किए गए, जबकि हैदराबाद ने इसी अवधि में 2,755 से कम 2,390 मामले दर्ज किए.

लगभग सभी शहरों में घटती प्रवृत्ति के बावजूद, कोलकाता और लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ अपराध में क्रमश: 35 और 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई.

2020 में, कोलकाता ने 2019 में 1,474 से अधिक 2,001 मामले दर्ज किए, जबकि लखनऊ में 2019 में 2,425 के मुकाबले 2,636 मामले दर्ज किए गए.

2020 में धारा 304 बी (आईपीसी) के तहत दहेज हत्या के मामलों के तहत, कुल 358 मामले दर्ज किए गए, जबकि दिल्ली में सबसे अधिक 109 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद लखनऊ में 48 मामले दर्ज किए गए, जबकि कानपुर और जयपुर में क्रमश: 30 और 26 मामले दर्ज किए गए.

2020 में शहरों में धारा 498 ए (आईपीसी) के तहत पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के कुल 10,733 मामले दर्ज किए गए और दिल्ली में 2,570 मामलों के साथ सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, इसके बाद हैदराबाद में 1,226 और जयपुर में 1,043 मामले दर्ज किए गए.

(आईएएनएस)

Last Updated : Sep 15, 2021, 7:52 PM IST
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