नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष में पहली बार भारतीय रेलवे की यात्री सेवाओं से आय, व्यय से अधिक रही है. दूसरी तिमाही में रेलवे का इस श्रेणी से राजस्व 2,325 करोड़ रुपये रहा है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के अनुसार रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कमाई मजबूत बनी रही. पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में यह 5,873.64 करोड़ रुपये बढ़ गई. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में कोरोना वायरस संकट के चलते रेलवे की यात्री सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं.
ऐसे में रेलवे को यात्री खंड में अप्रैल में 531.12 करोड़ रुपये, मई में 145.24 करोड़ रुपये और जून में 390.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. यह जानकारी मध्य प्रदेश के चंद्र शेखर गौड़ ने आरटीआई के तहत मांगी थी.
आंकड़ों के मुताबिक यात्री सेवाएं बहाल होने और चरणबद्ध तरीके से 800 रेलगाड़ियों का परिचालन करने के चलते रेलवे की यात्री सेवा खंड से आय में सुधार हुआ है. रेलवे ने इस खंड से जुलाई में 560.99 करोड़ रुपये, अगस्त में 830.55 करोड़ रुपये और सितंबर में 934.16 करोड़ रुपये की आय दर्ज की. इस प्रकार 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में रेलवे की यात्री सेवाओं से कुल आय 2,325.7 करोड़ रुपये रही.
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चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की समाप्ति पर भारतीय रेलवे की यात्री किराये से कुल आय 1,258.74 करोड़ रुपये रही. जबकि माल ढुलाई से आय 49,347.62 करोड़ रुपये रही.
167 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय रेलवे ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टिकट बुकिंग से हुई आय से ज्यादा राशि लोगों को रिफंड की. इस तरह रेलवे की आय खर्च के मुकाबले कम यानी 1,066 करोड़ रुपये नुकसान में रही.