ETV Bharat / bharat

जगन रेड्डी ने नायडू सरकार का फैसला पलटा, CBI को राज्य में जांच की सहमति

आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने राज्य की पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार की ओर से जारी एक विवादित सरकारी आदेश को निरस्त कर दिया, जिससे सीबीआई राज्य में विभिन्न मामलों की जांच कर सकेगी.

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू
author img

By

Published : Jun 6, 2019, 10:30 PM IST

अमरावती: आंध्र प्रदेश की वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राज्य की पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार की ओर से जारी एक विवादित सरकारी आदेश निरस्त कर दिया. इसके बाद राज्य में विभिन्न मामलों की जांच करने के लिए सीबीआई का रास्ता साफ हो गया है.

आठ नवंबर 2018 को चंद्रबाबू नायडू सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी कर सीबीआई को दी गई 'सामान्य सहमति' वापस ले ली थी. सीबीआई द्वारा राज्य में किसी मामले की जांच करने और छापे मारने के लिए 'सामान्य सहमति' की जरूरत होती है.

सरकारी आदेश में कहा गया था, 'दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को आंध्र प्रदेश राज्य में इस कानून के तहत शक्तियों तथा क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल हेतु दी गई सामान्य सहमति वापस लेती है.'

आंध्र प्रदेश के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री (गृह) एन. सी. रजप्पा ने कहा था कि देश की शीर्ष जांच एजेंसी के आला अधिकारियों के खिलाफ आरोपों के कारण सामान्य सहमति वापस ली गई.

इस विवादित आदेश के जरिए आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के जरिए केंद्र सरकार के कर्मियों के भी खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने का अधिकार खुद को दे दिया था.

बीते 30 मई को सत्ता पर काबिज हुई वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने गुरूवार को ताजा आदेश जारी कर आठ नवंबर को जारी किया गया 'जीओ 176' रद्द कर दिया.

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के निर्देशों के आधार पर विशेष मुख्य सचिव मनमोहन सिंह ने इस बाबत 'जीओ 81' जारी किया.

पढ़ें: मुलाकातों का सिलसिला शुरू, नायडू बने सूत्रधार

इस आदेश के मुताबिक, 'दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून 1946 के तहत आठ नवंबर 2018 को जारी किया गया आदेश रद्द किया जाता है.'

अब सीबीआई को आंध्र प्रदेश में भ्रष्टाचार एवं अन्य मामलों की जांच का पूरा अधिकार होगा.

सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून 1946 के तहत काम करती है. इस कानून की धारा छह के तहत कोई राज्य सरकार सीबीआई को नियमित तौर पर 'सामान्य सहमति' देकर उसे राज्य में जांच का अधिकार देती है. आंध्र प्रदेश सरकार भी नियमित अंतराल पर ऐसे आदेश जारी करती रही है.

अमरावती: आंध्र प्रदेश की वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने राज्य की पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार की ओर से जारी एक विवादित सरकारी आदेश निरस्त कर दिया. इसके बाद राज्य में विभिन्न मामलों की जांच करने के लिए सीबीआई का रास्ता साफ हो गया है.

आठ नवंबर 2018 को चंद्रबाबू नायडू सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी कर सीबीआई को दी गई 'सामान्य सहमति' वापस ले ली थी. सीबीआई द्वारा राज्य में किसी मामले की जांच करने और छापे मारने के लिए 'सामान्य सहमति' की जरूरत होती है.

सरकारी आदेश में कहा गया था, 'दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को आंध्र प्रदेश राज्य में इस कानून के तहत शक्तियों तथा क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल हेतु दी गई सामान्य सहमति वापस लेती है.'

आंध्र प्रदेश के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री (गृह) एन. सी. रजप्पा ने कहा था कि देश की शीर्ष जांच एजेंसी के आला अधिकारियों के खिलाफ आरोपों के कारण सामान्य सहमति वापस ली गई.

इस विवादित आदेश के जरिए आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के जरिए केंद्र सरकार के कर्मियों के भी खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने का अधिकार खुद को दे दिया था.

बीते 30 मई को सत्ता पर काबिज हुई वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने गुरूवार को ताजा आदेश जारी कर आठ नवंबर को जारी किया गया 'जीओ 176' रद्द कर दिया.

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के निर्देशों के आधार पर विशेष मुख्य सचिव मनमोहन सिंह ने इस बाबत 'जीओ 81' जारी किया.

पढ़ें: मुलाकातों का सिलसिला शुरू, नायडू बने सूत्रधार

इस आदेश के मुताबिक, 'दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून 1946 के तहत आठ नवंबर 2018 को जारी किया गया आदेश रद्द किया जाता है.'

अब सीबीआई को आंध्र प्रदेश में भ्रष्टाचार एवं अन्य मामलों की जांच का पूरा अधिकार होगा.

सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून 1946 के तहत काम करती है. इस कानून की धारा छह के तहत कोई राज्य सरकार सीबीआई को नियमित तौर पर 'सामान्य सहमति' देकर उसे राज्य में जांच का अधिकार देती है. आंध्र प्रदेश सरकार भी नियमित अंतराल पर ऐसे आदेश जारी करती रही है.

ZCZC
PRI GEN NAT
.AMRAVATI MDS7
AP-CBI
Jagan reverses Naidu govt order, allows CBI to conduct probe in AP
         Amaravati, Jun 6 (PTI) The Y S Jagan Mohan Reddy government Thursday cancelled a controversial government order issued by the previous Chandrababu Naidu-led dispensation, paving the way for the CBI to probe various cases in Andhra Pradesh.
          On November 8, 2018, the ruling Telugu Desam Party had issued a government order (GO) withdrawing the "general consent" accorded to the Central Bureau of Investigation (CBI) to carry out investigations and raids in the state.
          "In exercise of the powers conferred by Section 6 of the Delhi Special Police Establishment Act, 1946, the government hereby withdraws the general consent accorded (in GO Ms 109) to all the members of the Delhi Special Police Establishment to exercise the powers and jurisdiction under the said Act in the state of Andhra Pradesh," the GO had said.
          The then Andhra Pradesh Deputy Chief Minister (Home) N China Rajappa had said the reason to withdraw the consent was allegations against the top officials of the country's premier investigation agency.
          The Andhra Pradesh government bestowed powers upon itself to launch a corruption probe against central government employees as well through the state's Anti-Corruption Bureau.
          The YSR Congress Party that assumed power on May 30, issued a fresh order Thursday cancelling the GO 176 issued on November 8.
          Based on the directions of Y S Jagan Mohan Reddy, Special Chief Secretary Manmohan Singh issued GO 81 to this effect.
          "The order issued on November 8, 2018 is hereby cancelled under the provisions of the Delhi Special Police Establishment Act, 1946," it said.
          The CBI will now have all powers to take up corruption and other cases in AP.
          The premier investigative agency functions under the Delhi Special Police Establishment Act.
          Under Section 6 of the Act, a state government "routinely" grants consent to the CBI for exercising its authority in the state and the AP government, too, had issued relevant orders periodically.
          Ever since he snapped ties with the Narendra Modi-led NDA government in March last year, Naidu had been alleging that the Centre was misusing agencies like the CBI to target political opponents.
          The raids by Income Tax authorities on some business establishments, run by those close to the ruling Telugu Desam Party in the state, had left Naidu red-faced.
          Subsequently, he announced that his government would not provide police cover to the IT officials for conducting the raids.
          The state government's move was seen as further intensification of confrontation between the Modi government and Naidu, who was striving to forge a non-BJP front to take on the saffron party in 2019 Lok Sabha elections.
          Opposition parties decried the move and asserted the state government did not have the authority to bar the CBI.
          The YSR Congress, the main opposition party then, had alleged the controversial decision was taken only because the chief minister was scared of the CBI. PTI DBV BN
RHL
06061658
NNNN
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.