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Delhi: कॉलोनियों के सीवर का गंदा पानी यमुना के प्रदूषण का मुख्य कारण: विजेंद्र गुप्ता - POLLUTION IN YAMUNA

-विजेंद्र गुप्ता ने कहा अधिकांश एसटीपी काम नहीं कर रहे. -सीवर का गंदा पानी कर रहा यमुना को प्रदूषित.

नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 1, 2024, 10:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने यमुना के प्रदूषण के लिए आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यमुना को प्रदूषित होने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने कोई सार्थक उपाय नहीं किए हैं. कॉलोनियों के सीवरों से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए दिल्ली सरकार पर्याप्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाने में नाकाम रही है और यही कारण है कि यमुना आज इतनी प्रदूषित हो गई है. सरकार ने जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगा भी रखे हैं उनकी क्षमता इतनी कम है कि वे सीवरों के पानी को ट्रीट करने में नाकाम हैं या फिर उनमें से अधिकांश काम नहीं कर रहे हैं.

दरअसल, विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को यमुना में गिर रहे सीवरों के पानी का जायजा लेने के लिए गांधीनगर, शास्त्री पार्क, आईटीओ क्रॉसिंग और चिल्ला के 'सिवर आउट फॉल्स' का दौरा किया, जहां से प्रदूषित पानी सीधा यमुना नदी में जा रहा है. निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में कॉलोनियों के सीवरों का गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट किए ही यमुना नदी में जा रहा है. कुछ जगह पर दिल्ली सरकार ने जो एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगा रखे हैं, उनकी क्षमता इतनी कम है कि वह सारा गंदा पानी ट्रीट ही नहीं कर पा रहे हैं. जैसे चिल्ला में सीवर के पानी को ट्रीट करने के लिए केवल नौ एमएलडी की क्षमता वाला प्लांट लगाया गया है, जबकि वहां से सीवर का 101 एमएलडी पानी यमुना में जा रहा है.

केजरीवाल के क्षेत्र में भी यही स्थिति: शास्त्री पार्क और कैलाश नगर के इलाकों में भी कमोबेश यही हालत है. यहां भी कॉलोनियों के सीवर का गंदा पानी सीधा यमुना में जा रहा है, जिससे यमुना प्रदूषित हो रही है. आईटीओ क्रॉसिंग के सीवर ऑउट फॉल की भी यही स्थिति है, जहां पर एसटीपी तो लगाया गया है, लेकिन वह सीवर से निकलकर यमुना में गिर रहे 50 एमएलडी पानी में से सिर्फ 10 एमएलडी पानी को ही ट्रीट कर पा रहा है. बाकी 40 एमएलडी गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है. इसके अलावा अरविंद केजरीवाल के विधानसभा क्षेत्र, नई दिल्ली के सीवर का पानी भी इसी आउट फॉल से होकर यमुना में जा रहा है. बारिश में ये ऑउट फॉल ओवरफ्लो हो जाता है और पानी सड़कों पर आ जाने से जलभराव जैसे हालात बन जाते हैं.

रिपोर्ट का दिया हवाला: उन्होंने दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की अगस्त में जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी यमुना की गंदगी को कम करने में ज्यादा असरदार साबित नहीं हुए हैं. दिल्ली सरकार के इन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) में से अधिकांश प्लांट, मानक के अनुसार सीवर के पानी को ट्रीटमेंट नहीं कर रहे. इनके कारणों की जांच के लिए दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) को आदेश दिया गया है.

यह भी पढ़ें- अगली दिवाली तक और प्रदूषित हो जाएगी यमुना, जानिए- बीजेपी नेता ने क्यों किया ये दावा

यह भी पढ़ें- गोपाल राय की स्वास्थ्य कामना पर वीरेंद्र सचदेवा का जवाब- 'मेरी एक डुबकी ने खोली आप की पोल'

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने यमुना के प्रदूषण के लिए आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यमुना को प्रदूषित होने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने कोई सार्थक उपाय नहीं किए हैं. कॉलोनियों के सीवरों से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए दिल्ली सरकार पर्याप्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाने में नाकाम रही है और यही कारण है कि यमुना आज इतनी प्रदूषित हो गई है. सरकार ने जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स लगा भी रखे हैं उनकी क्षमता इतनी कम है कि वे सीवरों के पानी को ट्रीट करने में नाकाम हैं या फिर उनमें से अधिकांश काम नहीं कर रहे हैं.

दरअसल, विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को यमुना में गिर रहे सीवरों के पानी का जायजा लेने के लिए गांधीनगर, शास्त्री पार्क, आईटीओ क्रॉसिंग और चिल्ला के 'सिवर आउट फॉल्स' का दौरा किया, जहां से प्रदूषित पानी सीधा यमुना नदी में जा रहा है. निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में कॉलोनियों के सीवरों का गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट किए ही यमुना नदी में जा रहा है. कुछ जगह पर दिल्ली सरकार ने जो एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगा रखे हैं, उनकी क्षमता इतनी कम है कि वह सारा गंदा पानी ट्रीट ही नहीं कर पा रहे हैं. जैसे चिल्ला में सीवर के पानी को ट्रीट करने के लिए केवल नौ एमएलडी की क्षमता वाला प्लांट लगाया गया है, जबकि वहां से सीवर का 101 एमएलडी पानी यमुना में जा रहा है.

केजरीवाल के क्षेत्र में भी यही स्थिति: शास्त्री पार्क और कैलाश नगर के इलाकों में भी कमोबेश यही हालत है. यहां भी कॉलोनियों के सीवर का गंदा पानी सीधा यमुना में जा रहा है, जिससे यमुना प्रदूषित हो रही है. आईटीओ क्रॉसिंग के सीवर ऑउट फॉल की भी यही स्थिति है, जहां पर एसटीपी तो लगाया गया है, लेकिन वह सीवर से निकलकर यमुना में गिर रहे 50 एमएलडी पानी में से सिर्फ 10 एमएलडी पानी को ही ट्रीट कर पा रहा है. बाकी 40 एमएलडी गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है. इसके अलावा अरविंद केजरीवाल के विधानसभा क्षेत्र, नई दिल्ली के सीवर का पानी भी इसी आउट फॉल से होकर यमुना में जा रहा है. बारिश में ये ऑउट फॉल ओवरफ्लो हो जाता है और पानी सड़कों पर आ जाने से जलभराव जैसे हालात बन जाते हैं.

रिपोर्ट का दिया हवाला: उन्होंने दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की अगस्त में जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी यमुना की गंदगी को कम करने में ज्यादा असरदार साबित नहीं हुए हैं. दिल्ली सरकार के इन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) में से अधिकांश प्लांट, मानक के अनुसार सीवर के पानी को ट्रीटमेंट नहीं कर रहे. इनके कारणों की जांच के लिए दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) को आदेश दिया गया है.

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