ETV Bharat / bharat

कोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई फटकार, पीड़ित परिवार ने रखीं तीन मांगें

author img

By

Published : Oct 12, 2020, 6:52 AM IST

Updated : Oct 12, 2020, 6:16 PM IST

हाथरस में हुए कथित दुष्कर्म मामले में पीड़ित परिवार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लखनऊ पहुंचा. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस मामले पर सुनवाई हुई. पीड़ित परिवार ने अपनी तीन मांगें कोर्ट के सामने रखीं. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी, डीएम प्रवीण कुमार और तत्कालीन एसपी व कई अन्य अधिकारी हाईकोर्ट में मौजूद रहे. अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी.

हाथरसः कड़ी सुरक्षा में लखनऊ के लिए रवाना पीड़ित परिवार
हाथरसः कड़ी सुरक्षा में लखनऊ के लिए रवाना पीड़ित परिवार

लखनऊ : हाथरस कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई खत्म हो गई. सुनवाई के बाद एडिशनल एडवोकेट जनरल वीके शाही ने कहा कि अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी. कोर्ट में पीड़ित परिवार ने अपनी तीन मांगें रखीं हैं. जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस राजन राय की पीठ ने सुनवाई करते हुए दो नवंबर की अगली तारीख दी है.

पीड़ित के वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने अदालत के सामने तीन मांगें रखीं हैं. पहली मांग है कि सीबीआई की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाए. दूसरी मांग है कि मामला यूपी से बाहर ट्रांसफर किया जाए और तीसरी मांग यह है कि मामला जब तक पूरी तरह से खत्म नहीं होता, तब तक परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए.

लखनऊ मामले में सुनवाई के बाद वकील का बयान

पीड़ित परिवार की ओर से कोर्ट में मौजूद सीमा कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि, कोर्ट ने पीड़िता के शव को जलाए जाने के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल किए हैं और यह कहा है कि अपने परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार करना सभी का अधिकार है.

सीमा कुशवाहा के अनुसार, कोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई है. अधिकारियों ने बचाव करते हुए लॉ एंड ऑर्डर की बात करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही. बचाव पक्ष की इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर पहले से ही बिगड़ा था, तभी इस तरह की घटना हुई. लॉ एंड ऑर्डर का बहाना लेकर अंतिम संस्कार करना ठीक नहीं.

पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा के अनुसार, डीएम हाथरस ने लॉ एंड ऑर्डर की बात कहते हुए पीड़िता का अंतिम संस्कार करने की बात कही थी. सरकारी पक्ष ने अपनी बातें रखने के लिए अगली डेट मांगी, जिसके बाद 2 नवम्बर अगली डेट दी गई है.

सीमा कुशवाहा ने बताया कि पीड़ित परिवार ने मांग की है कि सीबीआई की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाए. दूसरी मांग यह थी कि मामला यूपी से बाहर ट्रांसफर किया जाए और तीसरी मांग यह है कि मामला जब तक पूरी तरह से खत्म नहीं होता तब तक परिवार को सुरक्षा प्रदान किया जाए.

हाथरस के लिए रवाना हुआ पीड़ित परिवार

पीड़ित परिवार हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हाथरस रवाना हो गया है.

इससे पहले पीड़ित परिवार को लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र अंतर्गत उत्तराखंड भवन एसटीएफ कार्यालय के पीछे रखा गया. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में करीब दो बजकर 30 मिनट से पहले पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच हाईकोर्ट में पेश किया गया.

लखनऊ के लिए रवाना हुआ परिवार

पीड़ित परिवार के घर से निकलते वक्त एसडीएम अंजलि गंगवार ने बताया कि वे पीड़ित परिवार के साथ जा रही हैं. सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि मेरे साथ जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी जा रहे हैं.

पहले परिवार को रविवार रात में ले जाने की तैयारी थी, लेकिन रात में जाने से इनकार के बाद उन्हें सुबह लखनऊ के लिए ले जाया गया. पीड़ित परिवार ने पुलिस की ओर से हुई देरी के बाद सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रात में लखनऊ जाने से इनकार कर दिया था. एसडीएम अंजलि गंगवार ने कहा कि मैं उनके साथ जा रही हूं. सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. डीएम और एसपी भी हमारे साथ हैं.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

पंचायत से एसपी का इनकार
एसपी ने पीड़िता के गांव में पंचायत होने के मामले में कहा कि अब तक वहां कोई पंचायतें नहीं हुई हैं. हम ऐसी किसी भी सभा को हतोत्साहित कर रहे हैं. अतिरिक्त पुलिस बल को एहतियात के तौर पर वहां रखा गया है.

बता दें कि, हाईकोर्ट ने स्वत: मामले का संज्ञान लेते हुए चंदपा कोतवाली इलाके में कथित गैंगरेप पीड़िता के परिवार को लखनऊ बेंच के सामने 12 अक्टूबर को पेश होने की बात कही थी. रविवार की दोपहर तक लखनऊ चलने के लिए परिवार से तैयार रहने के लिए कहा गया था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका. पीड़ित परिवार ने शाम को लखनऊ जाने पर अपनी जान को खतरा बताया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन पीड़ित परिवार को साथ लेकर सोमवार की सुबह करीब 5 बजे लखनऊ के लिए रवाना हुआ.

यह भी पढ़ें : बक्सर में बर्बरता : महिला के साथ गैंगरेप, पांच साल के बेटे की हत्या

परिवार चाहता था कि दो-तीन सदस्य और उनके साथ चले, लेकिन पुलिस और प्रशासन के लोगों ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया.

लखनऊ : हाथरस कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई खत्म हो गई. सुनवाई के बाद एडिशनल एडवोकेट जनरल वीके शाही ने कहा कि अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी. कोर्ट में पीड़ित परिवार ने अपनी तीन मांगें रखीं हैं. जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस राजन राय की पीठ ने सुनवाई करते हुए दो नवंबर की अगली तारीख दी है.

पीड़ित के वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने अदालत के सामने तीन मांगें रखीं हैं. पहली मांग है कि सीबीआई की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाए. दूसरी मांग है कि मामला यूपी से बाहर ट्रांसफर किया जाए और तीसरी मांग यह है कि मामला जब तक पूरी तरह से खत्म नहीं होता, तब तक परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए.

लखनऊ मामले में सुनवाई के बाद वकील का बयान

पीड़ित परिवार की ओर से कोर्ट में मौजूद सीमा कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि, कोर्ट ने पीड़िता के शव को जलाए जाने के मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल किए हैं और यह कहा है कि अपने परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार करना सभी का अधिकार है.

सीमा कुशवाहा के अनुसार, कोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई है. अधिकारियों ने बचाव करते हुए लॉ एंड ऑर्डर की बात करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही. बचाव पक्ष की इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर पहले से ही बिगड़ा था, तभी इस तरह की घटना हुई. लॉ एंड ऑर्डर का बहाना लेकर अंतिम संस्कार करना ठीक नहीं.

पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा के अनुसार, डीएम हाथरस ने लॉ एंड ऑर्डर की बात कहते हुए पीड़िता का अंतिम संस्कार करने की बात कही थी. सरकारी पक्ष ने अपनी बातें रखने के लिए अगली डेट मांगी, जिसके बाद 2 नवम्बर अगली डेट दी गई है.

सीमा कुशवाहा ने बताया कि पीड़ित परिवार ने मांग की है कि सीबीआई की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाए. दूसरी मांग यह थी कि मामला यूपी से बाहर ट्रांसफर किया जाए और तीसरी मांग यह है कि मामला जब तक पूरी तरह से खत्म नहीं होता तब तक परिवार को सुरक्षा प्रदान किया जाए.

हाथरस के लिए रवाना हुआ पीड़ित परिवार

पीड़ित परिवार हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हाथरस रवाना हो गया है.

इससे पहले पीड़ित परिवार को लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र अंतर्गत उत्तराखंड भवन एसटीएफ कार्यालय के पीछे रखा गया. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में करीब दो बजकर 30 मिनट से पहले पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच हाईकोर्ट में पेश किया गया.

लखनऊ के लिए रवाना हुआ परिवार

पीड़ित परिवार के घर से निकलते वक्त एसडीएम अंजलि गंगवार ने बताया कि वे पीड़ित परिवार के साथ जा रही हैं. सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि मेरे साथ जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) भी जा रहे हैं.

पहले परिवार को रविवार रात में ले जाने की तैयारी थी, लेकिन रात में जाने से इनकार के बाद उन्हें सुबह लखनऊ के लिए ले जाया गया. पीड़ित परिवार ने पुलिस की ओर से हुई देरी के बाद सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रात में लखनऊ जाने से इनकार कर दिया था. एसडीएम अंजलि गंगवार ने कहा कि मैं उनके साथ जा रही हूं. सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. डीएम और एसपी भी हमारे साथ हैं.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

पंचायत से एसपी का इनकार
एसपी ने पीड़िता के गांव में पंचायत होने के मामले में कहा कि अब तक वहां कोई पंचायतें नहीं हुई हैं. हम ऐसी किसी भी सभा को हतोत्साहित कर रहे हैं. अतिरिक्त पुलिस बल को एहतियात के तौर पर वहां रखा गया है.

बता दें कि, हाईकोर्ट ने स्वत: मामले का संज्ञान लेते हुए चंदपा कोतवाली इलाके में कथित गैंगरेप पीड़िता के परिवार को लखनऊ बेंच के सामने 12 अक्टूबर को पेश होने की बात कही थी. रविवार की दोपहर तक लखनऊ चलने के लिए परिवार से तैयार रहने के लिए कहा गया था, लेकिन यह संभव नहीं हो सका. पीड़ित परिवार ने शाम को लखनऊ जाने पर अपनी जान को खतरा बताया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन पीड़ित परिवार को साथ लेकर सोमवार की सुबह करीब 5 बजे लखनऊ के लिए रवाना हुआ.

यह भी पढ़ें : बक्सर में बर्बरता : महिला के साथ गैंगरेप, पांच साल के बेटे की हत्या

परिवार चाहता था कि दो-तीन सदस्य और उनके साथ चले, लेकिन पुलिस और प्रशासन के लोगों ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया.

Last Updated : Oct 12, 2020, 6:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.