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हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में फंसे करीब 25 हजार लोगों को निकाला गया सुरक्षित, चंद्रताल में फंसे 250 सैलानियों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लगातार भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बुधवार को लाहौल-स्पीति जिला के सिस्सू, चंद्रताल और लोसर और कुल्लू जिले के मनाली क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया. इस दौरान सीएम ने बताया कि राज्य सरकार ने लाहौल घाटी के सिस्सू में फंसे मनाली के एक स्कूल के 52 बच्चों को सुरक्षित निकाला है. इसके अलावा पिछले 3 दिनों से फंसे लगभग 25,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. वहीं, अभी चंद्रताल लेक के आसपास के इलाके में 250 सैलानी फंसे हुए हैं. जिन्हें निकाला जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Pradesh Rain) (himachal pradesh flood) (Tourists stranded in Himachal).

Himachal Pradesh Rain
हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में फंसे करीब 25 हजार लोगों को निकाला गया सुरक्षित
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Published : Jul 12, 2023, 10:15 PM IST

Updated : Jul 12, 2023, 10:20 PM IST

कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश के थमने के बाद अब राहत और बचाव कार्य तेज हो गए हैं. कुल्लू घाटी में फंसे सैंकड़ों सैलानियों सहित अन्य नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है. अभी चंद्रताल लेक के आसपास के इलाके में 250 सैलानी फंसे हुए हैं. इसके अलावा कुछ स्थानीय लोग भी हैं. कुल संख्या 293 है. वे सभी सुरक्षित हैं और राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत नेगी व सीपीएस संजय अवस्थी बचाव अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. खुद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं कुल्लू घाटी में बचाव कार्यों की समीक्षा की है.

चंद्रताल लेक में फंसे सैलानियों को निकालने के रास्ते में बर्फ की बाधा है. वहां दो से ढाई फीट बर्फ है. जिला लाहौल-स्पीति प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. इससे पहले कुल्लू घाटी के कसोल में से रूस के 14 सैलानियों को सुरक्षित निकाल कर चंडीगढ़ रवाना कर दिया गया था. उनके साथ कुछ अन्य विदेशी सैलानी भी थे. कुल्लू घाटी से बुधवार देर शाम तक दस हजार वाहन निकाले जा चुके हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से बचाव कार्यों का ब्यौरा देने के लिए कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर को तैनात किया गया है.

Himachal Pradesh Rain
चंद्रताल लेक के लिए रास्ता बनाते हुए टीम.

मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सैलानियों को निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. अब सिर्फ चंद्रताल लेक के आसपास के इलाके में 250 सैलानी फंसे हुए हैं. उन तक सुरक्षित पहुंचा जा रहा है. वहीं, हिमाचल प्रदेश पुलिस के जवाब मनाली चंडीगढ़ मार्ग पर तैनात हैं और सुरक्षित निकाले गए सैलानियों को पानी, जूस व खाने के पैकेट बांट रहे हैं. कार्यवाहक डीजीपी सतवंत अटवाल ने बताया कि सैलानियों की सुरक्षा का ख्याल किया जा रहा है. उन्हें खाने-पीने की वस्तुएं दी जा रही हैं. पुलिस के जवान सभी संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं और सैलानियों की मदद कर रहे हैं.

Himachal Pradesh Rain
चंद्रताल लेक के लिए रास्ता बनाते हुए टीम.

ये भी पढ़ें- हिमाचल को आपदा राहत के तौर पर केंद्र ने जारी किए 180 करोड़ रुपये, मंत्री रोहित ठाकुर बोले, ऊंट के मुंह में जीरा

वहीं, बुधवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लाहौल-स्पीति जिला के सिस्सू, चंद्रताल और लोसर के अलावा कुल्लू के मनाली का हवाई सर्वे किया. मुख्यमंत्री ने सिस्सू और मनाली में फंसे लोगों की सकुशल वापसी के बाद उनसे बातचीत भी की. सीएम ने नेहरू कुंड के पास स्थित हिमपात एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (सासे) का दौरा कर वहां हुए नुकसान की जानकारी ली. सीएम ने बताया कि राज्य सरकार ने लाहौल घाटी के सिस्सू में फंसे मनाली के एक स्कूल के 52 बच्चों को सुरक्षित निकाला है. इसके अलावा पिछले तीन दिनों से फंसे लगभग 25,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. सीएम ने बताया कि बुधवार शाम 4 बजे तक लगभग 6552 वाहन कुल्लू को पार कर चंडीगढ़ रवाना हो गए थे. देर शाम शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने अपडेट किया कि करीब दस हजार वाहन सुरक्षित चंडीगढ़ चले गए हैं. कसोल और आस-पास के क्षेत्रों से जिला प्रशासन ने करीब 3,000 लोगों को सुरक्षित निकाला है. ढुंखड़ा के पास भारी भूस्खलन के कारण कसोल भुंतर सड़क अभी भी बंद है और जिला प्रशासन मलबे को हटाने के लिए लगातार काम कर रहा है.

  • These visuals are from Chandra Taal , Lahaul. The tents that you see here are the tourist camps.

    Due to heavy snowfall and bad weather, it has become very difficult to evacuate them. We are exploring all possible options. pic.twitter.com/wU9vsQDoAS

    — Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें- Solan Landslide: शामती में पहाड़ी खिसकने से 30 घरों में दरार, धनीराम शांडिल और बिंदल ने प्रभावितों से की मुलाकात

इन क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को वाहनों में ढुंखड़ा लाया जा रहा है और वहां से उन्हें भुंतर तक पहुंचाया जा रहा है. जिभी-बंजार-औट से चंडीगढ़ की ओर जाने के लिए सड़क वाहनों के लिए खोल दी गई है. कसोल, तीर्थन और सैंज सड़कों को साफ करने का निर्देश दिया गया है. यह मार्ग एक-दो दिन के भीतर बहाल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ट्रैकर्स को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

अटल टनल खुली, चंद्रताल में फंसे सभी 293 लोग सुरक्षित: अटल टनल वाहनों के आवागमन के लिए खुली है और बुधवार शाम 4 बजे तक 300 से अधिक वाहन इस सुरंग से निकलकर गैमन ब्रिज से मंडी की ओर भेजे जा चुके हैं. चंडीगढ़ जाने के लिए सैलानी इस रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं. स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से रामशिला चौक के पास सुरक्षित निकाले गए लोगों के खाने की व्यवस्था की थी. मनाली में लोगों को 6,000 से अधिक भोजन के पैकेट बांटे गए. अभी लाहौल में चंद्रताल में फंसे सैलानियों को निकालने के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन राज्य सरकार वहां शिविरों में मौजूद सैलानियों सहित सभी 293 लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है. लाहौल स्पीति के एडीसी राहुल जैन के मुताबिक चंद्रताल लेक तक अभी तक 12 किलोमीटर मार्ग बहाल किया जा चुका है. अभी और 25 किलोमीटर सड़क से बर्फ को हटाए जाने का काम चल रहा है. चंद्रताल में फंसे सैलानियों को आश्वस्त करने के लिए कुंजम पास से होते हुए एक पैदल टीम चंद्रताल के शिविर में पहुंची है और उक्त टीम ने सैलानियों का हौसला बढ़ाया है. जल्दी ही सैलानी सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे.

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कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश के थमने के बाद अब राहत और बचाव कार्य तेज हो गए हैं. कुल्लू घाटी में फंसे सैंकड़ों सैलानियों सहित अन्य नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है. अभी चंद्रताल लेक के आसपास के इलाके में 250 सैलानी फंसे हुए हैं. इसके अलावा कुछ स्थानीय लोग भी हैं. कुल संख्या 293 है. वे सभी सुरक्षित हैं और राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत नेगी व सीपीएस संजय अवस्थी बचाव अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. खुद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं कुल्लू घाटी में बचाव कार्यों की समीक्षा की है.

चंद्रताल लेक में फंसे सैलानियों को निकालने के रास्ते में बर्फ की बाधा है. वहां दो से ढाई फीट बर्फ है. जिला लाहौल-स्पीति प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. इससे पहले कुल्लू घाटी के कसोल में से रूस के 14 सैलानियों को सुरक्षित निकाल कर चंडीगढ़ रवाना कर दिया गया था. उनके साथ कुछ अन्य विदेशी सैलानी भी थे. कुल्लू घाटी से बुधवार देर शाम तक दस हजार वाहन निकाले जा चुके हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से बचाव कार्यों का ब्यौरा देने के लिए कैबिनेट मंत्री रोहित ठाकुर को तैनात किया गया है.

Himachal Pradesh Rain
चंद्रताल लेक के लिए रास्ता बनाते हुए टीम.

मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सैलानियों को निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. अब सिर्फ चंद्रताल लेक के आसपास के इलाके में 250 सैलानी फंसे हुए हैं. उन तक सुरक्षित पहुंचा जा रहा है. वहीं, हिमाचल प्रदेश पुलिस के जवाब मनाली चंडीगढ़ मार्ग पर तैनात हैं और सुरक्षित निकाले गए सैलानियों को पानी, जूस व खाने के पैकेट बांट रहे हैं. कार्यवाहक डीजीपी सतवंत अटवाल ने बताया कि सैलानियों की सुरक्षा का ख्याल किया जा रहा है. उन्हें खाने-पीने की वस्तुएं दी जा रही हैं. पुलिस के जवान सभी संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं और सैलानियों की मदद कर रहे हैं.

Himachal Pradesh Rain
चंद्रताल लेक के लिए रास्ता बनाते हुए टीम.

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वहीं, बुधवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लाहौल-स्पीति जिला के सिस्सू, चंद्रताल और लोसर के अलावा कुल्लू के मनाली का हवाई सर्वे किया. मुख्यमंत्री ने सिस्सू और मनाली में फंसे लोगों की सकुशल वापसी के बाद उनसे बातचीत भी की. सीएम ने नेहरू कुंड के पास स्थित हिमपात एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (सासे) का दौरा कर वहां हुए नुकसान की जानकारी ली. सीएम ने बताया कि राज्य सरकार ने लाहौल घाटी के सिस्सू में फंसे मनाली के एक स्कूल के 52 बच्चों को सुरक्षित निकाला है. इसके अलावा पिछले तीन दिनों से फंसे लगभग 25,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. सीएम ने बताया कि बुधवार शाम 4 बजे तक लगभग 6552 वाहन कुल्लू को पार कर चंडीगढ़ रवाना हो गए थे. देर शाम शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने अपडेट किया कि करीब दस हजार वाहन सुरक्षित चंडीगढ़ चले गए हैं. कसोल और आस-पास के क्षेत्रों से जिला प्रशासन ने करीब 3,000 लोगों को सुरक्षित निकाला है. ढुंखड़ा के पास भारी भूस्खलन के कारण कसोल भुंतर सड़क अभी भी बंद है और जिला प्रशासन मलबे को हटाने के लिए लगातार काम कर रहा है.

  • These visuals are from Chandra Taal , Lahaul. The tents that you see here are the tourist camps.

    Due to heavy snowfall and bad weather, it has become very difficult to evacuate them. We are exploring all possible options. pic.twitter.com/wU9vsQDoAS

    — Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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इन क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को वाहनों में ढुंखड़ा लाया जा रहा है और वहां से उन्हें भुंतर तक पहुंचाया जा रहा है. जिभी-बंजार-औट से चंडीगढ़ की ओर जाने के लिए सड़क वाहनों के लिए खोल दी गई है. कसोल, तीर्थन और सैंज सड़कों को साफ करने का निर्देश दिया गया है. यह मार्ग एक-दो दिन के भीतर बहाल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ट्रैकर्स को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

अटल टनल खुली, चंद्रताल में फंसे सभी 293 लोग सुरक्षित: अटल टनल वाहनों के आवागमन के लिए खुली है और बुधवार शाम 4 बजे तक 300 से अधिक वाहन इस सुरंग से निकलकर गैमन ब्रिज से मंडी की ओर भेजे जा चुके हैं. चंडीगढ़ जाने के लिए सैलानी इस रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं. स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से रामशिला चौक के पास सुरक्षित निकाले गए लोगों के खाने की व्यवस्था की थी. मनाली में लोगों को 6,000 से अधिक भोजन के पैकेट बांटे गए. अभी लाहौल में चंद्रताल में फंसे सैलानियों को निकालने के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण है, लेकिन राज्य सरकार वहां शिविरों में मौजूद सैलानियों सहित सभी 293 लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है. लाहौल स्पीति के एडीसी राहुल जैन के मुताबिक चंद्रताल लेक तक अभी तक 12 किलोमीटर मार्ग बहाल किया जा चुका है. अभी और 25 किलोमीटर सड़क से बर्फ को हटाए जाने का काम चल रहा है. चंद्रताल में फंसे सैलानियों को आश्वस्त करने के लिए कुंजम पास से होते हुए एक पैदल टीम चंद्रताल के शिविर में पहुंची है और उक्त टीम ने सैलानियों का हौसला बढ़ाया है. जल्दी ही सैलानी सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे.

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Last Updated : Jul 12, 2023, 10:20 PM IST
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