गर्मी के मौसम में त्वचा या बालों की साफ-सफाई या उनकी देखभाल में अनदेखी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है. दरअसल इस मौसम में धूप, पसीना, हवा में नमी की कमी तथा वातावरण में धूल मिट्टी की अधिकता त्वचा के लिए कई तरह की परेशानियों विशेषकर एलर्जी का सबब बन सकती है. जैसे त्वचा एलर्जी, सन एलर्जी, घमौरियां, खुजली, शुष्क त्वचा, पैची स्किन, बालों में रूसी तथा सिर में फोड़े-फुंसी-दाने या रैश आदि. गर्मी के मौसम में किस तरह की त्वचा व बालों संबंधी समस्याएं ज्यादा परेशान करती हैं, तथा उनसे बचाव कैसे किया जा सकता है इस बारे में ज्यादा जानने के लिए ETV भारत सुखीभव ने अपने विशेषज्ञ से जानकारी ली.
कौन सी समस्याएं करती हैं परेशान
उत्तराखंड की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ आशा सकलानी बताती हैं कि गर्मी में मौसम में त्वचा व बालों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है. क्योंकि गर्मी के मौसम में धूप, पसीना, वातावरण में नमी की कमी व धूल की अधिकता सहित अन्य कई कारकों के प्रभाव के चलते बालों व त्वचा में कई तरह की समस्याओं के होने की आशंका ज्यादा रहती हैं. Summer - Heat Wave Tips . summer skin care and hair care tips .
त्वचा संबंधी समस्याएं
वह बताती हैं कि इस मौसम में त्वचा संबंधी कई तरह की समस्याएं परेशान कर सकती हैं. ऐसे लोग जो ज्यादा समय घर से बाहर या खुले स्थान पर तेज धूप के संपर्क में बिताते हैं उनमें आमतौर पर इस मौसम में स्किन बर्न, त्वचा के ज्यादा टैन होने, त्वचा में नमी की कमी होने के कारण खुश्की बढ़ जाने तथा अन्य कई प्रकार की समस्याओं के होने की आशंका बढ़ जाती है. वहीं इस मौसम में पसीना ज्यादा आने के कारण त्वचा में घमौरियों, रैश तथा दाद जैसी समस्याओं के मामले भी बढ़ जाते हैं.
घमौरी की समस्या : Prickly Heat Problems
घमौरी तथा रैश दरअसल एक तरह की स्किन एलर्जी ही होते हैं.घमौरी (Prickly heat ) आमतौर पर गर्दन, पीठ और चेहरे पर छोटे-छोटे लाल रंग के दानों के रूप में नजर आती है.घमौरी पसीने की वजह से रोम छिद्र बंद होने के कारण होती हैं. वहीं कई बार गर्मी के चलते पसीने और चिपचिपाहट की वजह से स्किन रैश भी हो जाते हैं. रैश में प्रभावित स्थान (त्वचा) पर लाल रंग के पैच बन जाते हैं, त्वचा खुरदुरी व शुष्क हो जाती है तथा कई बार उक्त स्थान पर छोटे-छोटे दाने भी हो जाते हैं. वहीं कई बार रैश होने पर त्वचा में ज्यादा खुजली, जलन तथा दर्द भी महसूस हो सकता है.
वहीं शरीर में ऐसे स्थान जहां ना सिर्फ पसीना ज्यादा आता हैं बल्कि जल्दी सूख नही पाता है जैसे जांघों के जोड़, प्राइवेट अंगों के आसपास तथा बगलों में गर्मी के कारण कई बार परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ जाती है. दरअसल ये स्थान सीधे हवा के संपर्क में नहीं आ पाते हैं और ऐसे में पसीना आराम से सूख नहीं पाता है. जिसके चलते कई बार पसीने के कण व उसके कारण जमा गंदगी इकट्ठा होने लगती है और इन स्थानों पर फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
वह बताती हैं कि कई लोगों को सन एलर्जी (धूप से एलर्जी) भी होती है. इसे सनलाइट सेंसिटिविटी भी कहा जाता है. इस समस्या में पीड़ित लोगों में तेज धूप के चलते एलरजिक रिएक्शन देखने में आते हैं. जैसे तेज धूप के संपर्क में आने पर उनकी त्वचा का रंग बदल जाता है ज्यादातर मामलों में काला हो जाता है. इसके अलावा त्वचा पर दाने या लाल चकत्ते बनने लगते हैं. डॉ आशा बताती हैं गर्मी के मौसम में त्वचा संबंधी समस्याओं में दाद, एथलीट फुट, नेल इंफेक्शन, उंगलियों के बीच के स्थान पर इन्फेक्शन जैसी समस्याओं के मामले तो बढ़ ही जाते हैं बल्कि सिरोसिस जैसे त्वचा रोग के मामलों में भी परेशानियां ज्यादा बढ़ जाती हैं.
बालों संबंधी समस्याएं
Dr. Asha Shakalani कहती हैं कि गर्मी के मौसम में सिर में ज्यादा पसीना आता है जिस कारण से लोग रोजाना सिर धोने लगते हैं.ऐसे में अगर सिर धोने के लिए तेज केमिकल वाले शैंपू का इस्तेमाल किया जा रहा हो तो सिर की त्वचा रूखी होने लगती है, और सिर में रूसी, फुंसियां, खुजली और बालों का कमजोर होना, ज्यादा टूटना जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं. वहीं सिर में ज्यादा पसीना आने की अवस्था में यदि पसीना सूख ना पाए तो बालों की जड़ों में उसके कण जमने लगते हैं . जो धूल मिट्टी और कई बार हेयर केयर या हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट के कणों के साथ मिलकर बालों की जड़ों तथा सिर की त्वचा पर गंदगी के एकत्रित होने का कारण बन जाते हैं.जिससे बालों के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं.ऐसे में सिर में फोड़े-फुंसी होने, खुजली होने व कई बार जुंए पड़ने की आशंका भी बढ़ जाती है.
कैसे करें बचाव
डॉ आशा बताती हैं कि गर्मी के मौसम में वैसे तो सभी लोगों को त्वचा की साफ-सफाई व पूरे शरीर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, लेकिन ऐसे लोग जिनकी त्वचा बहुत ज्यादा संवेदनशील हो, जिन्हे सन एलर्जी हो तथा जो पहले से किसी विशेष त्वचा संबंधी स्थिति या त्वचा रोग (जैसे सिरोसिस व एग्जिमा) का शिकार हो उन्हे इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने जरूरत होती है. वह बताती हैं कि समस्याओं से बचने के लिए साफ सफाई व स्वच्छता के साथ आहार का भी खास ध्यान रखना चाहिए जिससे त्वचा में नमी बनी रहें तथा शरीर को जरूरी पोषण भी मिलता रहे. जिससे किसी भी समस्या का प्रभाव कम से कम प्रभावित कर सके. वह बताती हैं कि गर्मी के मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखना लगभग सभी प्रकार की समस्याओं से बचाव में मदद कर सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- हमेशा सरलता से पचने वाला हल्का व ताजा आहार ग्रहण करें . साथ ही आहार दिनचर्या में फल व पानी के साथ स्वस्थ व प्राकृतिक तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं. जैसे नारियल पानी,दही, छाछ, मट्ठा, गर्मी की असर को कम कम करने वाले शरबत जैसे खस, गुलाब तथा बेल का शरबत आदि.
- गर्मियों में नियमित रूप से नहाएं. ज्यादा पसीना आने की अवस्था में सुबह शाम नहाना भी अच्छा रहता है. लेकिन कोशिश करें कि नहाने से पहले एक बार पसीना सूख जाए.
- नहाते समय ज्यादा केमिकल वाले साबुन या शैम्पू के उपयोग से बचना चाहिए. यह त्वचा व बालों में ज्यादा ड्राइनेस का कारण बन सकता है.
- त्वचा को रोजाना जरूरी तौर पर मॉइश्चराइजर या क्रीम की मदद से मॉइस्चराइज करें.
- पुरुष हो या महिलाएं,घर से निकलने से पहले जरूरी तौर पर अच्छी गुणवत्ता वाला सनस्क्रीन लगाएं.
- जहां तक संभव हो पसीने वाले कपड़ों में ज्यादा देर तक ना रहे.इससे फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ता है.
- गर्मियों में सूती व ढीले कपड़ों को ज्यादा प्राथमिकता दें क्योंकि ऐसे कपड़ों में पसीना जल्दी सूख जाता है.
- महिला हो या पुरुष, अंतःवस्त्र हमेशा सूती तथा कम कसे हुए ही पहने.
- बालों को रोजाना धोने से बचे. इसकी बजाय घर से बाहर निकलने समय विशेषकर दोपहिया वाहन पर या पैदल घूमते समय बालों पर सूती दुपट्टा या कपड़ा बांधे. और यदि सिर में ज्यादा पसीना आ रहा हो तो बालों को खोल कर उन्हे हवा में सुखाने का प्रयास करें.
- यदि नियमित रूप से सिर धोना जरूरी हो तो बहुत ही माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल करें.
- यदि घमौरियां परेशान कर रही हो तो उन पर विशेष रूप से घमौरी से राहत दिलाने वाले पाउडर ,एलोवेरा जेल या लैक्टो कैलेमाइन लोशन का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन खुजली तथा परेशानी ज्यादा बढ़ जाए तो चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है.
Dr Asha Sakalani बताती हैं कि त्वचा पर एलर्जी या किसी तरह की समस्या होने की अवस्था में एक बार चिकित्सक से संपर्क जरूरी होता है. क्योंकि यदि समस्या फंगस या बैक्टीरिया के कारण से हो रही हो या किसी संक्रमित स्थान पर ज्यादा खुजली, जलन, सूजन या दर्द हो तो उसका चिकित्सीय इलाज बेहद जरूरी होता है.
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