लंदन : द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जिनियोस ( Zynios ) वैक्सीन की एक खुराक सिम्प्टोमैटिक एमपॉक्स संक्रमण के खिलाफ 78 प्रतिशत प्रभावी है. Mpox (पहले Monkeypox के रूप में जाना जाता था) एक वायरस के कारण होता है जो उस वायरस से संबंधित होता है जो चेचक का कारण बनता है. Zynios (जायनियोस), मॉडिफाइड वैक्सीनिया अंकारा ( Modified vaccinia Ankara - MVA ) आधारित लाइव, नॉन-रेप्लिकेटिंग और टू-डोज वैक्सीन है, जिसे Mpox संक्रमण के उच्च जोखिम वाले वयस्कों के लिए मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए अनुमोदित किया गया था. लोगों को एमपॉक्स के खिलाफ सर्वोत्तम सुरक्षा के लिए टीके की दोनों खुराक लेने की जरूरत है. पहली खुराक के 4 सप्ताह बाद दूसरी खुराक दी जानी चाहिए.
लेकिन अध्ययन से पता चला है कि कम से कम 14 दिनों के बाद रोगसूचक एमपॉक्स के खिलाफ अनुमानित एक-खुराक Zynios वैक्सीन प्रभावकारिता 78 प्रतिशत थी. जेमी लोपेज बर्नल, टीकाकरण और टीका निवारक रोग प्रभाग, यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी सहित शोधकर्ताओं ने लिखा- एमवीए-बीएन ( Zynios ) की एक खुराक सिम्प्टोमैटिक एमपॉक्स डिजीज अमंग एट-रिस्क (एमएसएम) के खिलाफ अत्यधिक सुरक्षात्मक थी, जिससे यह तेजी से सुरक्षा की आवश्यकता होने पर एमपॉक्स प्रकोप नियंत्रण के लिए एक उपयोगी उपकरण बन गया.
ऐसे मामलों के लिए जिनमें संक्रमण के उच्चतम जोखिम की संख्या टीके की आपूर्ति से अधिक है, पहली खुराक के वितरण को प्राथमिकता देने में लाभ हो सकता है. एमपॉक्स एक वायरल जूनोटिक रोग है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में निर्यात किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने पिछले महीने कहा था कि 1 जनवरी, 2022 से 110 देशों में एमपॉक्स ( monkeypox ) के कम से कम 85,765 मामलों की पुष्टि हुई है और 1,382 संभावित मामले सामने आए हैं.
--आईएएनएस
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