यमुनानगर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश कर दिया. बजट में सोने पर लगने वाले 10 फीसदी आयात शुल्क को बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. वहीं महिलाओं का कहना है कि इस पर टैक्स बढ़ाने की बजाय और घटाना चाहिए था.
इसके साथ-साथ पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाए जाने पर महिलाओं का कहना है कि इसका अतिरिक्त भार घरेलू खर्चों पर पड़ेगा. क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर ट्रांसपोर्टेशन निर्भर करती है और उसी से ही आगे बहुत सी चीजें निर्भर करती हैं. जिनका मूल्य अब बढ़ जाएगा.
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पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से रसोई का सामान भी महंगा हो जाएगा
यमुनानगर से पार्षद निर्मला चौहान का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से रसोई का सामान भी महंगा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सोना के ऊपर जो शुल्क बढ़ा दिया है, उससे भी आम जनता को नुकसान है. क्योंकि इस सरकार ने दहेज प्रथा तो नहीं खत्म किया और इसी के चलते हर मां-बाप को अपनी बेटी की शादी पर गहने देने पड़ते हैं. ऐसे में सोने पर शुल्क बढ़ाना नहीं बल्कि घटाना चाहिए था.
प्रोफेसर डॉली का कहना है कि उनको इस बजट से बहुत उम्मीदें थी लेकिन इससे निराशा ही हाथ लगी है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा होने की वजह से सबसे ज्यादा भार रसोई पर पड़ता है. क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से दालें, सब्जियां और अन्य रसोई की वस्तुएं महंगी हो सकती हैं.