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बजट 2019: यमुनानगर की महिलाओं को नहीं रास आया बजट, कहा- पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाने चाहिए - hindi latest news

यमुनानगर के एक निजी कॉलेज की प्रोफेसर डॉली का कहना है कि उनको इस बजट से बहुत उम्मीदें थी. लेकिन इससे निराशा ही हाथ लगी है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा होने से सबसे ज्यादा भार रसोई पर पड़ता है.

बजट 2019
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Published : Jul 5, 2019, 10:32 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 11:17 PM IST

यमुनानगर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश कर दिया. बजट में सोने पर लगने वाले 10 फीसदी आयात शुल्क को बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. वहीं महिलाओं का कहना है कि इस पर टैक्स बढ़ाने की बजाय और घटाना चाहिए था.

इसके साथ-साथ पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाए जाने पर महिलाओं का कहना है कि इसका अतिरिक्त भार घरेलू खर्चों पर पड़ेगा. क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर ट्रांसपोर्टेशन निर्भर करती है और उसी से ही आगे बहुत सी चीजें निर्भर करती हैं. जिनका मूल्य अब बढ़ जाएगा.

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ये भी पढ़ें- अशोक तंवर ने बजट को बताया दिशा विहीन, बोले- सरकार ने नहीं निभाया अपना वादा

पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से रसोई का सामान भी महंगा हो जाएगा

यमुनानगर से पार्षद निर्मला चौहान का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से रसोई का सामान भी महंगा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सोना के ऊपर जो शुल्क बढ़ा दिया है, उससे भी आम जनता को नुकसान है. क्योंकि इस सरकार ने दहेज प्रथा तो नहीं खत्म किया और इसी के चलते हर मां-बाप को अपनी बेटी की शादी पर गहने देने पड़ते हैं. ऐसे में सोने पर शुल्क बढ़ाना नहीं बल्कि घटाना चाहिए था.

प्रोफेसर डॉली का कहना है कि उनको इस बजट से बहुत उम्मीदें थी लेकिन इससे निराशा ही हाथ लगी है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा होने की वजह से सबसे ज्यादा भार रसोई पर पड़ता है. क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से दालें, सब्जियां और अन्य रसोई की वस्तुएं महंगी हो सकती हैं.

यमुनानगर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश कर दिया. बजट में सोने पर लगने वाले 10 फीसदी आयात शुल्क को बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. वहीं महिलाओं का कहना है कि इस पर टैक्स बढ़ाने की बजाय और घटाना चाहिए था.

इसके साथ-साथ पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाए जाने पर महिलाओं का कहना है कि इसका अतिरिक्त भार घरेलू खर्चों पर पड़ेगा. क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर ट्रांसपोर्टेशन निर्भर करती है और उसी से ही आगे बहुत सी चीजें निर्भर करती हैं. जिनका मूल्य अब बढ़ जाएगा.

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ये भी पढ़ें- अशोक तंवर ने बजट को बताया दिशा विहीन, बोले- सरकार ने नहीं निभाया अपना वादा

पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से रसोई का सामान भी महंगा हो जाएगा

यमुनानगर से पार्षद निर्मला चौहान का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से रसोई का सामान भी महंगा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सोना के ऊपर जो शुल्क बढ़ा दिया है, उससे भी आम जनता को नुकसान है. क्योंकि इस सरकार ने दहेज प्रथा तो नहीं खत्म किया और इसी के चलते हर मां-बाप को अपनी बेटी की शादी पर गहने देने पड़ते हैं. ऐसे में सोने पर शुल्क बढ़ाना नहीं बल्कि घटाना चाहिए था.

प्रोफेसर डॉली का कहना है कि उनको इस बजट से बहुत उम्मीदें थी लेकिन इससे निराशा ही हाथ लगी है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा होने की वजह से सबसे ज्यादा भार रसोई पर पड़ता है. क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से दालें, सब्जियां और अन्य रसोई की वस्तुएं महंगी हो सकती हैं.

Intro:एंकर सोने के आयात पर लगने वाले 10 फीसदी शुल्क को 12.5 फीसदी कर दिया। वित्त मंत्री की इस घोषणा के साथ ही सोने के दाम में 600 रुपए प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हो गई। सीमा शुल्क या कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी की घोषणा के साथ ही कीमत में बदलाव हो जाता है। इससे जहां ज्वैलरी क्षेत्र के रोजगार पर असर पड़ेगा वहीं महिलाओं का कहना है के इस पर टैक्स बढ़ाने की बजाय और घटाना चाहिए था।
इसके साथ-साथ पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत पर भी कुछ महिलाओं का कहना है कि इसका अतिरिक्त भार घरेलू खर्चों पर पड़ेगा क्योंकि पेट्रोल डीजल की कीमतों पर ट्रांसपोर्टेशन निर्भर करती है और उसी से ही आगे बहुत सी चीजें निर्भर करती हैं जिनका मूल्य अब बढ़ जाएगाBody:यमुना नगर से पार्षद निर्मला चौहान का कहना है के पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ने से रसोई का सामान भी महंगा हो जाएगा उन्होंने कहा कि सोना सोने के ऊपर जो शुल्क बढ़ा दिया है उससे भी आम जनता को नुकसान है ।क्योंकि इस सरकार ने दहेज प्रथा तो नहीं खत्म कर दी और इसी के चलते हर मां बाप को अपनी बेटी की शादी पर गहने देने पड़ते हैं। ऐसे में सोने पर शुल्क बढ़ाना नहीं बल्कि - चाहिए था

बाइट निर्मल चौहान ( पार्षद सूट में
बाइट अंजू वाजपाई ( बाइट 2

वीओ यमुनानगर के एक निजी कॉलेज की प्रोफेसर डोली का कहना है कि उनको इस बजट से बहुत उम्मीदें थी लेकिन इस लेकिन निराशा ही हाथ लगी है। पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफा होने की वजह से सबसे ज्यादा भार रसोई पर पड़ता है क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन महंगी होने से दालें सब्जियां और अन्य रसोई की वस्तुएं महँगी हो सकती है। बाहर काम करने के लिए जाने के लिए भी अब जेब और ढीली करनी पड़ेगी जिसका सबसे ज्यादा नुकसान मध्यवर्ग को होता है

बाइट डॉली ( प्रोफ़ेसर काली साडी में
बाइट अलका शर्मा ( सोशल वर्करConclusion:null
Last Updated : Jul 5, 2019, 11:17 PM IST
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