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यमुनानगर के सिविल अस्पताल में मनाया गया विश्व कैंसर दिवस

4 फरवरी को यमुनानगर के सिविल अस्पताल में विश्व कैंसर दिवस मनाया गया. इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने की. उन्होंने कहा कि कैंसर को समझना बहुत जरूरी है, लेकिन इससे डरना नहीं है.

World Cancer Day
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Published : Feb 4, 2021, 9:03 PM IST

यमुनानगर: जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुकंद लाल सिविल अस्पताल में विश्व कैंसर दिवस मनाया गया. सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि इन दिनों दुनियाभर में कैंसर तेजी से फैल रहा है और दुनियाभर मे हर साल करीब 12.7 मिलियन लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि शुरुआती स्टेज मे ही कैंसर का पता चल जाए तो बचने की संभावना बढ़ जाती है.

उन्होंने कहा कि अगर कैसंर की स्थिति दर्दनाक है तो इसके इलाज करने के लिए इस्तेमाल तरीके भी समान रूप से पीड़ादायक हैं, इसलिए जागरूक रहना और समस्या को पहली बार में ही पहचान कर दूर किया जा सकता है और साथ ही ये भी बताया कि इसके लक्ष्णों की पहचान कर अनदेखी करना भी बहुत बड़ी भूल है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के कई जिलों में दम तोड़ रही आयुष्मान भारत योजना, अंबाला में करीब 35 फीसदी ही लाभार्थी

उन्होंने आगे बताया कि धूम्रपान, तम्बाकू और अल्कोहल का उपयोग नहीं करना चाहिए. भारतवर्ष में करीब 10 लाख कैंसर के नए मामले हर साल मिलते हैं. करीबन 7 मिलियन लोग कैंसर रोग से मर जाते हैं. जिले में भी कैंसर रोगियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है.

आंकड़ों के मुताबिक इस साल में ही 44 नए रोगी सामने आए हैं. कैंसर का सबसे प्रमुख कारण सिगरेट, तम्बाकू का सेवन है. 100 में से 40 कैंसर के रोगी सिगरेट और तम्बाकू का सेवन करने वाले पाए गए हैं. डॉ. छवि ने बताया गया कि आजकल जंक फूड का अत्याधिक इस्तेमाल किया जाने लगा है जिससे आहार मे फाइबर की मात्रा बहुत कम हो गई. जिससे कैसंर का खतरा बहुत अधिक बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें- करनाल में 4 लाख पशुओं के लिए महज 34 वेटनरी डॉक्टर, पशुपालकों से मोटी रकम वसूल रहे निजी डॉक्टर

यमुनानगर: जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुकंद लाल सिविल अस्पताल में विश्व कैंसर दिवस मनाया गया. सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि इन दिनों दुनियाभर में कैंसर तेजी से फैल रहा है और दुनियाभर मे हर साल करीब 12.7 मिलियन लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि शुरुआती स्टेज मे ही कैंसर का पता चल जाए तो बचने की संभावना बढ़ जाती है.

उन्होंने कहा कि अगर कैसंर की स्थिति दर्दनाक है तो इसके इलाज करने के लिए इस्तेमाल तरीके भी समान रूप से पीड़ादायक हैं, इसलिए जागरूक रहना और समस्या को पहली बार में ही पहचान कर दूर किया जा सकता है और साथ ही ये भी बताया कि इसके लक्ष्णों की पहचान कर अनदेखी करना भी बहुत बड़ी भूल है.

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उन्होंने आगे बताया कि धूम्रपान, तम्बाकू और अल्कोहल का उपयोग नहीं करना चाहिए. भारतवर्ष में करीब 10 लाख कैंसर के नए मामले हर साल मिलते हैं. करीबन 7 मिलियन लोग कैंसर रोग से मर जाते हैं. जिले में भी कैंसर रोगियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है.

आंकड़ों के मुताबिक इस साल में ही 44 नए रोगी सामने आए हैं. कैंसर का सबसे प्रमुख कारण सिगरेट, तम्बाकू का सेवन है. 100 में से 40 कैंसर के रोगी सिगरेट और तम्बाकू का सेवन करने वाले पाए गए हैं. डॉ. छवि ने बताया गया कि आजकल जंक फूड का अत्याधिक इस्तेमाल किया जाने लगा है जिससे आहार मे फाइबर की मात्रा बहुत कम हो गई. जिससे कैसंर का खतरा बहुत अधिक बढ़ गया है.

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