यमुनानगर: 'प्यार न जाने धर्म मजहब न देखे जात पात'. साक्षी मिश्रा के प्रेम विवाह के चर्चे पूरे देश में है. वहीं हरियाणा के यमुनानगर में भी प्रेम प्रसंग का ऐसा मामला सामने आया है. जहां एक संघ वर्कर की बेटी जो हिन्दू धर्म से सम्बंध रखती है, उस लड़की से प्रेम करने वाला युवक मुस्लिम धर्म से है. हालांकि जब लड़की घर से इस युवक के साथ गयी थी तो इस मामले को हिन्दू संगठनों ने लव जिहाद से जुड़ा मामला बताया.
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लड़की ने दिया लड़के के पक्ष में बयान
मंगलवार को कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच प्रेमी जोड़े को पेश किया गया. कोर्ट ने कहा कि लड़की बालिग है. लड़की अपनी मर्जी से जहां चाहे जा सकती है. कोर्ट ने पुलिस को कहा कि लड़की जहां जाना चाहती है, उसे वहां सुरक्षित छोड़ा जाए. कोर्ट में लड़की ने यही कहा कि वो अपनी मर्ज़ी से गयी थी. वहीं मामला संवेदनशील होने के चलते कोर्ट को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. कहते हैं ना कि प्यार की जीत होती है और इस मामले में भी यही हुआ है.
जानें क्या है मामला?
दरअसल इन दोनों का पिछले काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था और अब ये परिणय सूत्र में बंधना चाह रहे थे लेकिन इनके आड़े धर्म-मजहब की दीवार आ गई. क्योंकि लड़की हिन्दू धर्म से है और इसके पिता संघ वर्कर हैं और लंबे समय से संघ से जुड़े हैं.
वहीं लड़का मुस्लिम धर्म से हैं. धर्म से दूर अपने प्यार का आशियाना बनाने के लिए लड़की घर से बिना बताए चली गयी थी, जिसके बाद लड़की के परिवार ने लड़के पर उसको घर से भगाने के आरोप लगाए थे. वहीं मामला संघ वर्कर की बेटी से जुड़ा होने के चलते सुर्खियों में पहुंच गया, जिसके बाद एडीजीपी तक को यहां आना पड़ा.
सुरक्षा के लिए याचिका लगाई
इधर परिवार और पुलिस लड़की को ढूंढने में लगे थे, वहां लड़के और लड़की ने पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट में सुरक्षा याचिका लगाई. जिसके कुछ दिन बाद लड़की के वहां से किडनैप होने की सूचना मिली. पुलिस फिर से लड़की की तलाश करने में जुटी रही. लड़की का कुछ पता नहीं चल रहा था, फिर कुछ दिनों की मेहनत के बाद लड़की को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के एक मदरसे से बरामद किया और फिर कोर्ट में पेश किया.
जानें पूरा घटनाक्रम
- 10 जून को घर से गई थी लड़की
- 12 जून को लड़का और लड़की ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में लगाई थी याचिका
- 17 जून को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी
- उस दिन लड़की का वहां से अपहरण हो गया था
- 2 जुलाई को उत्तरप्रदेश के बिहारीगढ़ के मदरसे से लड़की को यमुनानगर पुलिस लेकर आई
- जिसके बाद उसने कोर्ट में कहा था कि वो अपनी मर्जी से गई. लड़की ने किसी के खिलाफ भी बयान अंकित नहीं करवाए.
- पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि लड़के का कुछ पता नहीं और लड़की परिवार के साथ नहीं जाना चाहती थी. इसके लिए उसे 15 जुलाई तक करनाल नारी निकेतन में भेजा गया
- जहां से उसे उसकी मर्जी जानने के लिए एक नहीं दो नहीं तीन बार पेश किया गया. उसका जवाब यही था कि मैं लड़के के साथ जाऊंगी.
- यमुनानगर में 15 जुलाई को फिर सुनवाई हुई.
- 16 जुलाई को फिर सुनवाई हुई. लड़का और लड़की दोनों को कड़ी सुरक्षा के पहरे में पेश किया गया
- लड़की को करनाल नारी निकेतन से कोर्ट में लाया गया तो लड़के को फिल्मी अंदाज से छिपते-छिपाते पुलिस अधिकारी ने एक दम कोर्ट में दाखिल करवाया
- जानकारी के अनुसार लड़के ने हाईकोर्ट में याचिका लगाने से पहले लड़की से निकाह भी किया. वहीं जब लड़की का अपहरण हुआ तब लड़के ने सोशल मीडिया पर अपने वीडियो संदेश वायरल किए कि किसी तरह लड़की उसे मिल जाए
- आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका इंतज़ार लड़के और लड़की को था. हालांकि लड़की के पिता ने लड़की को घर लाने के लिए कड़ा संघर्ष किया और विरोध किया.