यमुनानगर: कोविड-19 के चलते सरकार और प्रशासन ने इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर कपाल मोचन में लगने वाले राज्यस्तरीय मेले को ना लगाने का निर्णय लिया है. मेले के दिनों में प्रशासन ने यहां के पवित्र सरोवर की मरम्मत करने और उनका गंदा पानी निकालने की योजना बनाई है. वहीं मेले से 1 सप्ताह पहले कपाल मोचन आने वाली सड़कों पर बैरिकेड लगाए जाएंगे.
जिला उपायुक्त ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में जिला अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें स्थानीय धार्मिक स्थलों और धर्मशालाओं के संचालकों को भी आमंत्रित किया गया. सभी ने मेला ना लगाने का सुझाव दिया. जिला उपायुक्त ने कहा कि कोरोना के चलते कपाल मोचन मेले के आयोजन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि कपाल मोचन के तीनों पवित्र सरोवर को खाली कर उनकी मरम्मत की जाए और सरोवर में पानी ना भरा जाए.
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कब और क्यों लगता है कपाल मोचन में मेला?
बता दें कि कपाल मोचन भारत के पवित्र स्थलों में से एक है. हरियाणा प्रांत के यमुनानगर जिले में स्थित इस तीर्थ के बारे में मान्यता है कि कपाल मोचन स्थित सोम सरोवर में स्नान करने से भगवान शिव ब्रह्म दोष से मुक्त हुए थे. इसी वजह से हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर यहां मेला लगता है जिसमें लाखों लोग पाप मुक्ति के लिए सरोवर में स्नान करने पहुंचते हैं. ये कपाल मोचन मेला के नाम से विख्यात है.