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119 करोड़ की लागत से बने यमुनानगर सिविल अस्पताल में डॉक्टर्स का टोटा, 96 पद खाली - यमुनानगर सिविल अस्पताल में डाक्टरों की कमी

119 करोड़ की लागत से बने यमुनानगर सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण आए दिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सिविल अस्पताल में 193 सीनियर डॉक्टर्स में सिर्फ 97 डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. (Shortage of doctors in Yamunanagar Civil Hospital)

Shortage of doctors in Yamunanagar Civil Hospital
यमुनानगर सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी
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Published : May 26, 2023, 8:16 PM IST

Updated : May 26, 2023, 8:29 PM IST

यमुनानगर: हरियाणा का यमुनानगर सिविल अस्पताल बीते कई महीनों से सुर्खियों में हैं. हाल ही में 119 करोड़ की लागत से बनी नई बिल्डिंग का सीएम मनोहर लाल ने उद्घाटन किया था. निर्माण के दौरान कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे चुके हैं. पिछले दिनों फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर महिला नर्स की गिरफ्तारी भी हुई थी. वहीं इन दिनों अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण आए दिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

96 पद लंबे समय से खाली: ऐसा भी नहीं है कि डॉक्टर छुट्टी पर हैं या कहीं बाहर गये हैं. डॉक्टर इसलिए उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि यहां डॉक्टरों आधे पद खाली पड़े हुए हैं. यमुनानगर जिले के 191 सीनियर डॉक्टर्स में से सिर्फ 97 ही डॉक्टर सेवा देने के लिए उपलब्ध हैं, बाकि 96 पोस्ट लंबे समय से खाली पड़ी हैं. सिर्फ सीनियर डॉक्टर्स के पद ही खाली नहीं हैं बल्कि पैरामेडिकल और बाकी पद भी खाली हैं. सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, लेकिन स्थाई तौर पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं हैं. वहीं, सिविल सर्जन मनजीत सिंह का कहना है कि नई बिल्डिंग में स्कैन और एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.

डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान: यमुनानगर की नई बिल्डिंग 119 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई है. अस्पताल में हर बीमारी के इलाज की लगभग हर मशीन मौजूद है. बिल्डिंग के भीतर आपको मरीजों की संख्या अच्छी खासी दिखाई देगी लोग दूर-दराज से बेहतर और सस्ते इलाज के लिए सिविल अस्पताल की ओर रुख करते हैं. लेकिन, मरीज और उनके परिजनों को मायूसी तब हाथ लगती है जब अस्पताल में पहुंचकर पता लगता है कि इस बीमारी का इलाज यहां नहीं हो पाएगा क्योंकि यहां डॉक्टर नहीं है. मरीज दिन अपने नंबर का या तो इंतजार करते हैं या फिर मरीज के कुछ दिन बाद आने के लिए बोला जाता है.

'हरियाणा में डॉक्टरों की कमी': सिर्फ यमुनानगर सिविल अस्पतालों में ही डॉक्टरों का टोटा नहीं है, बल्कि पूरे हरियाणा के सरकारी छोटे-बड़े अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है. हरियाणा सरकार नए डॉक्टरों का ध्यान सरकारी सेवाओं की तरफ मोड़ तो रही है, लेकिन अभी तक सफल नहीं हुई है. मरीजों का कहना है कि बडी-बड़ी सिविल अस्पतालों की बिल्डिंग खड़ी करने से स्वास्थ्य सेवाएं बाद में बेहतर होंगी पहले डॉक्टरों के रिक्त पदों को अगर भरा जाए. फिलहाल पूरे हरियाणा के सिविल अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में डॉक्टरों की कमी पर चौंकाने वाला खुलासा, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

यमुनानगर: हरियाणा का यमुनानगर सिविल अस्पताल बीते कई महीनों से सुर्खियों में हैं. हाल ही में 119 करोड़ की लागत से बनी नई बिल्डिंग का सीएम मनोहर लाल ने उद्घाटन किया था. निर्माण के दौरान कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे चुके हैं. पिछले दिनों फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर महिला नर्स की गिरफ्तारी भी हुई थी. वहीं इन दिनों अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण आए दिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

96 पद लंबे समय से खाली: ऐसा भी नहीं है कि डॉक्टर छुट्टी पर हैं या कहीं बाहर गये हैं. डॉक्टर इसलिए उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि यहां डॉक्टरों आधे पद खाली पड़े हुए हैं. यमुनानगर जिले के 191 सीनियर डॉक्टर्स में से सिर्फ 97 ही डॉक्टर सेवा देने के लिए उपलब्ध हैं, बाकि 96 पोस्ट लंबे समय से खाली पड़ी हैं. सिर्फ सीनियर डॉक्टर्स के पद ही खाली नहीं हैं बल्कि पैरामेडिकल और बाकी पद भी खाली हैं. सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन तो है, लेकिन स्थाई तौर पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं हैं. वहीं, सिविल सर्जन मनजीत सिंह का कहना है कि नई बिल्डिंग में स्कैन और एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.

डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान: यमुनानगर की नई बिल्डिंग 119 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई है. अस्पताल में हर बीमारी के इलाज की लगभग हर मशीन मौजूद है. बिल्डिंग के भीतर आपको मरीजों की संख्या अच्छी खासी दिखाई देगी लोग दूर-दराज से बेहतर और सस्ते इलाज के लिए सिविल अस्पताल की ओर रुख करते हैं. लेकिन, मरीज और उनके परिजनों को मायूसी तब हाथ लगती है जब अस्पताल में पहुंचकर पता लगता है कि इस बीमारी का इलाज यहां नहीं हो पाएगा क्योंकि यहां डॉक्टर नहीं है. मरीज दिन अपने नंबर का या तो इंतजार करते हैं या फिर मरीज के कुछ दिन बाद आने के लिए बोला जाता है.

'हरियाणा में डॉक्टरों की कमी': सिर्फ यमुनानगर सिविल अस्पतालों में ही डॉक्टरों का टोटा नहीं है, बल्कि पूरे हरियाणा के सरकारी छोटे-बड़े अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है. हरियाणा सरकार नए डॉक्टरों का ध्यान सरकारी सेवाओं की तरफ मोड़ तो रही है, लेकिन अभी तक सफल नहीं हुई है. मरीजों का कहना है कि बडी-बड़ी सिविल अस्पतालों की बिल्डिंग खड़ी करने से स्वास्थ्य सेवाएं बाद में बेहतर होंगी पहले डॉक्टरों के रिक्त पदों को अगर भरा जाए. फिलहाल पूरे हरियाणा के सिविल अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में डॉक्टरों की कमी पर चौंकाने वाला खुलासा, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

Last Updated : May 26, 2023, 8:29 PM IST
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