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भिवानी में मजदूरों की समस्याओं को लेकर ट्रेड यूनियन का प्रदर्शन, 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा - TRADE UNION PROTEST

मजदूरों की समस्याओं को लेकर ट्रेड यूनियन ने भिवानी में प्रदर्शन किया और 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा.

TRADE UNION PROTEST
भिवानी में ट्रेड यूनियन का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 17, 2025, 4:14 PM IST

भिवानी: मजदूर-कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर भिवानी की केंद्रीय ट्रेड यूनियन और ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर की ओर से प्रदर्शन किया गया. यूनियन ने उपायुक्त के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष रामफल, जिला सचिव राजकुमार बासिया, जिला प्रधान धर्मवीर सिंह के अलावा सुशील कुमार, बबलू, राजेराम, सतबीर, बिल्लू आदि कई मौजूद रहे.

न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता : धर्मवीर सिंह ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के मजदूर-कर्मचारियों की कठिनाइयां आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं. महंगाई उनके घरेलू बजट को बिगाड़ रही है. भ्रष्टाचार व बेरोजगारी चरम पर होने से वे तबाही की कगार पर हैं. आलम ये है कि 12-12 घंटे लगातार काम लेने के बाद भी अधिकतर मजदूरों को न्यूनतम वेतन से भी महरूम रखा जा रहा है. उन्हें कभी भी नौकरी से निकाल दिया जाता है. उनकी नौकरी की कोई भी सुरक्षा नहीं है. इससे मजदूरों में भारी रोष व्याप्त है.

ये मांगें की गई : ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मजदूर-विरोधी चार लेबर कोड रद्द किए जाएं. मजदूरों के हित में श्रम कानूनों को लागू किया जाए. ट्रेड यूनियन अधिकारों को बहाल किया जाए. कार्य दिवस के घंटे बढ़ाने के बजाय 8 घंटे से घटाकर 6 घंटे का कार्य दिवस किया जाए. बिजली बिल-2023 वापस लिया जाए. प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाना बंद किए जाएं. रोजगार का अधिकार संविधान में मौलिक अधिकार के रूप में दर्ज किया जाए. आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, सहित अन्य मांगें प्रमुख हैं.

भिवानी: मजदूर-कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर भिवानी की केंद्रीय ट्रेड यूनियन और ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर की ओर से प्रदर्शन किया गया. यूनियन ने उपायुक्त के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम 18 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष रामफल, जिला सचिव राजकुमार बासिया, जिला प्रधान धर्मवीर सिंह के अलावा सुशील कुमार, बबलू, राजेराम, सतबीर, बिल्लू आदि कई मौजूद रहे.

न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता : धर्मवीर सिंह ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के मजदूर-कर्मचारियों की कठिनाइयां आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं. महंगाई उनके घरेलू बजट को बिगाड़ रही है. भ्रष्टाचार व बेरोजगारी चरम पर होने से वे तबाही की कगार पर हैं. आलम ये है कि 12-12 घंटे लगातार काम लेने के बाद भी अधिकतर मजदूरों को न्यूनतम वेतन से भी महरूम रखा जा रहा है. उन्हें कभी भी नौकरी से निकाल दिया जाता है. उनकी नौकरी की कोई भी सुरक्षा नहीं है. इससे मजदूरों में भारी रोष व्याप्त है.

ये मांगें की गई : ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मजदूर-विरोधी चार लेबर कोड रद्द किए जाएं. मजदूरों के हित में श्रम कानूनों को लागू किया जाए. ट्रेड यूनियन अधिकारों को बहाल किया जाए. कार्य दिवस के घंटे बढ़ाने के बजाय 8 घंटे से घटाकर 6 घंटे का कार्य दिवस किया जाए. बिजली बिल-2023 वापस लिया जाए. प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाना बंद किए जाएं. रोजगार का अधिकार संविधान में मौलिक अधिकार के रूप में दर्ज किया जाए. आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, सहित अन्य मांगें प्रमुख हैं.

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