यमुनानगर: खेल, शिक्षा या बात करें मनोरंजन की तो हरियाणा ने हर जगह अपनी अलग पहचान बनाई है. महिला सशक्तिकरण की बात करें तो हरियाणा की लड़कियों पर 'दंगल' जैसी फिल्म ने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है. बता दें कि दंगल के बाद अब एक और फिल्म जो कि हरियाणा की नई सोच को दर्शाएगी, वो बड़े पर्दे पर जल्द आने वाली है.
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता, कॉमेडियन और निर्देशक सतीश कौशिक हरियाणवी फिल्म 'छोरियां छोरों से कम नहीं होती' लेकर आ रहे हैं. ये फिल्म 17 मई को रिलीज की जाएगी. इस फिल्म को लेकर कॉमेडियन सतीश कौशक ने सोमवार को यमुनानगर में पत्रकारों से बातचीत की. जहां उन्होंने फिल्म को लेकर काफी बातें पत्रकारों से साझा की.
सतीश कौशिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अब जल्द ही हरियाणवी सिनेमा का विकास होगा. जिस तरह पंजाबी, भोजपुरी, बंगाली सिनेमा ने अपनी अलग पहचान बनाई है. उसी तरह अब हरियाणा में भी इंडस्ट्री बनेगी. वहीं सतीश कौशिक ने कहा कि लड़कियां लड़कों से कम नहीं हैं और उनकी ये फिल्म महिला सशक्तिकरण और बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के संदेश को भी दर्शाती है.
सतीश कौशिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हरियाणवी सिनेमा को विकास करने के लिए कोई सीरियस आदमी नहीं आया. उन्होंने कहा कि आज के टाइम में डिजिटल सिनेमा पावरफुल होता जा रहा है. आप देखो 10 हजार करोड़ रुपए से ऊपर का भोजपुरी सिनेमा हो गया है. पंजाबी सिनेमा कितना जबरदस्त हो गया है. बंगाली सिनेमा कितना एस्टेब्लिश हो गया है, लेकिन हमारा हरियाणवी सिनेमा फिल्म और सिनेमा के बारे में बहुत पीछे है.
सतीश कौशिक ने बताया कि इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे घरवालों के ना चाहते हुए भी एक लड़की स्कूल में टॉप करती है और आईपीएस ऑफिसर बनती है और पिता की उस सोच को गलत साबित करती है कि तू गलत सोचता था कि बेटे ही सारी प्रॉब्लम सॉल्व कर सकते हैं.
अब देखना होगा कि सतीश कौशिक की यह फिल्म हरियाणा के लोगों को कितनी पसंद आती है. फिलहाल हरियाणवी भाषा को आगे लाने और हरियाणवी सिनेमा को आगे बढ़ाने में सतीश कौशिक ने एक अच्छी पहल की है.