यमुनानगर: सूरत जैसा हादसा दोबारा कहीं न हो इसी की सच्चाई जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने यमुनानगर के फायर स्टेशन का दौरा किया और जाना कि अगर कहीं आग लग जाए तो उससे बचाने के लिए फायर स्टेशन के पास क्या इंतजाम है.
ईटीवी भारत की टीम ने फायर स्टेशन का किया दौरा
ईटीवी की टीम ने जब यमुनानगर के फायर स्टेशन का दौरा किया, तो वहां के फायर स्टेशन अधिकारी ने बताया कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में गाड़ियां मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि जिले में पांच फायर स्टेशन है जिसमें से दो मार्केटिंग कमेटी और 3 नगर निगम के फायर स्टेशन के है. उनके पास 17 गाड़ियां मौजूद हैं.
स्टाफ की कोई कमी नहीं
अगर स्टाफ की बात की जाए तो कॉन्ट्रैक्ट बेस पर लगे हुए 79 कर्मचारी इनके पास हैं और 21 कर्मचारी स्थाई रूप से कार्यरत हैं. यानि कि यहां पर्याप्त मात्रा में स्टाफ है. ऐसे में अगर कहीं आग लग जाए तो एक समय में सात से आठ गाड़ियां घटना स्थल पर भेज सकते हैं.
बड़ी गाड़ियों के साथ छोटी गाड़ियां भी उपलब्ध
इस पूरे मामले में फायर अधिकारी पीके दुग्गल ने बताया कि उनके पास 200 से लेकर 2000 क्षमता तक की गाड़ियां हैं, जोकि 4 से 5 घंटे तक आग पर काबू पा सकती हैं. इसके अलवा जिले में बहुत सी जगह ऐसी है, जहां पर बड़ी गाड़ी नहीं जा सकती, तो वहां के लिए छोटी गाड़ियां भी उनके पास उपलब्ध है और अब तो विभाग में मोटरसाइकिल भी आ गए हैं,