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कम पानी में ज्यादा मुनाफा, जानें कैसे मालामाल हो सकते हैं किसान

कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को जल ही जीवन योजना के साथ जोड़ने का कार्य कर रहे है. प्रथम चरण में रादौर को भी पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर इस योजना में शामिल किया है.

रादौर को पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया गया शामिल
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Published : May 31, 2019, 9:14 AM IST

Updated : May 31, 2019, 9:27 AM IST

यमुनानगर: गिरते भू जलस्तर को बचाने के लिए सरकार ने जल ही जीवन है योजना की शुरूआत की है. इसके तहत रादौर को भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना में शामिल किया गया है. इस योजना के तहत प्रदेश के डार्क जोन वाले 7 जिलों के 8 ब्लॉकों को शामिल किया गया है.

pilot project
मक्का की फसल का लक्ष्य निर्धारित

मक्का की फसल का लक्ष्य निर्धारित
इन ब्लॉकों में 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्का फसल की पैदावार का लक्ष्य निर्धारित किया है. अहम पहलू ये है कि किसानों को सरकार की तरफ से नि:शुल्क बीज दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की किश्त सरकार की ओर से वहन की जाएगी और 31 अगस्त से पहले किसानों के खातों में 2 हजार रुपए की सब्सिडी दो किश्तों में डाल दी जाएगी. इतना ही नहीं राज्य सरकार किसानों के मक्के की फसल को निर्धारित मूल्य पर खरीदेगी.

क्लिक कर देखें वीडियो

कृषि विकास अधिकारी लोगों को कर रहे जागरूक
खंड कृषि अधिकारी राकेश अग्रवाल ने बताया की रादौर में इस योजना से किसानों को जोड़ने के लिए 82 गांव के आठ कलस्टर बनाए गए है. कृषि विकास अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

pilot project
किसानों के लिए फायदे का सौदा है मक्के की खेती

पानी का समझना होगा महत्व
अब तक रादौर खंड में 492 किसानों का ऑफलाइन और 68 का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया हैं. वहीं किसानों ने भी सरकार की इस योजना का स्वागत किया है. किसान भी मानते हैं की धान की फसल में पानी का ज्यादा दोहन होने से जलस्तर पर इसका असर पड़ता है. समय रहते अगर किसानों ने जल के महत्व को नहीं समझा तो आने वाले दिनों में जल संकट की समस्या और भी गहराती जाएगी.

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मक्का की खेती से किसानों को होगा दोगुना फायदा

यमुनानगर: गिरते भू जलस्तर को बचाने के लिए सरकार ने जल ही जीवन है योजना की शुरूआत की है. इसके तहत रादौर को भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना में शामिल किया गया है. इस योजना के तहत प्रदेश के डार्क जोन वाले 7 जिलों के 8 ब्लॉकों को शामिल किया गया है.

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मक्का की फसल का लक्ष्य निर्धारित

मक्का की फसल का लक्ष्य निर्धारित
इन ब्लॉकों में 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्का फसल की पैदावार का लक्ष्य निर्धारित किया है. अहम पहलू ये है कि किसानों को सरकार की तरफ से नि:शुल्क बीज दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की किश्त सरकार की ओर से वहन की जाएगी और 31 अगस्त से पहले किसानों के खातों में 2 हजार रुपए की सब्सिडी दो किश्तों में डाल दी जाएगी. इतना ही नहीं राज्य सरकार किसानों के मक्के की फसल को निर्धारित मूल्य पर खरीदेगी.

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कृषि विकास अधिकारी लोगों को कर रहे जागरूक
खंड कृषि अधिकारी राकेश अग्रवाल ने बताया की रादौर में इस योजना से किसानों को जोड़ने के लिए 82 गांव के आठ कलस्टर बनाए गए है. कृषि विकास अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

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किसानों के लिए फायदे का सौदा है मक्के की खेती

पानी का समझना होगा महत्व
अब तक रादौर खंड में 492 किसानों का ऑफलाइन और 68 का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया हैं. वहीं किसानों ने भी सरकार की इस योजना का स्वागत किया है. किसान भी मानते हैं की धान की फसल में पानी का ज्यादा दोहन होने से जलस्तर पर इसका असर पड़ता है. समय रहते अगर किसानों ने जल के महत्व को नहीं समझा तो आने वाले दिनों में जल संकट की समस्या और भी गहराती जाएगी.

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मक्का की खेती से किसानों को होगा दोगुना फायदा
Intro:स्टोरी - गिरते भू जलस्तर को बचाने के लिए सरकार ने शुरू की जल ही जीवन है योजना, योजना के तहत जिला यमुनानगर में रादौर को भी पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया है शामिल, कृषि विभाग ने कसी कमर, धान की जगह दे रहे मक्के व अरहर की फसल उगाने की सलाह Body:एंकर - प्रदेश में लगातार गिरते भू जलस्तर को बचाने के लिए सरकार ने जल ही जीवन है योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत पायलट प्रोजैक्ट के तहत प्रदेश के डार्क जोन वाले 7 जिलों के 8 ब्लाकों को शामिल किया गया है। इन ब्लाकों में 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्का फसल की पैदावार का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। अहम पहलू यह है कि किसानों को सरकारी की तरफ से बीज नि:शुल्क दिए जाएंगे, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की किश्त सरकार द्वारा वहन की जाएगी और 2 हजार रुपए की सबसीडी दो किश्तों में 31 अगस्त से पहले सीधे किसानों के खातों में डाल दी जाएगी। इतना ही नहीं राज्य सरकार द्वारा मक्के की फसल को निर्धारित मुल्य पर खरीदा भी जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी किसानो को योजन के साथ जोड़ने का कार्य कर रहे है।Conclusion:वीओ - प्रथम चरण में रादौर को भी पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर इस योजना में शामिल किया है। रादौर को पिछले लम्बे समय से डार्क जोन घोषित किया गया है, यहाँ पर भू जलस्तर लगातार गिर रहा है। खंड कृषि अधिकारी राकेश अग्रवाल ने बताया की रादौर में योजना से किसानो को जोड़ने के लिए 82 गांव के आठ क्लस्टर बनाए गए है, कृषि विकास अधिकारी गांव गांव जाकर किसानो को इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। इस योजना में खंड रादौर में विभाग का लक्ष्य 2500 एकड़ हैक्टेयर का है। अब तक रादौर खंड में 492 किसानो का ऑफलाइन व 68 का ऑनलाइन पंजीकरण किया गया है। वही किसानो ने भी सरकार की इस योजना का स्वागत किया है। किसान भी मानते है की धान की फसल में पानी का ज्यादा दोहन होने से जलस्तर पर इसका असर पड़ता है। समय रहते अगर किसानो ने जल के महत्व को नहीं समझा तो आने वाले दिनों में जल संकट की समस्या का भी सभी को समाना करना पढ़ सकता है।

बाईट - राजकुमार, किसान
बाईट - राकेश अग्रवाल, खंड कृषि अधिकारी
Last Updated : May 31, 2019, 9:27 AM IST
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