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लगातार बढ़ रहा है यमुना का जलस्तर, हरियाणा समेत दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा

प्रशासन की चेतावनी के बाद भी यमुनानगर में जान को जोखिम में डाल कर लोग यमुना के अंदर से लकड़ी पकड़ रहे हैं.

यमुना में से लकड़ी पकड़ते लोग
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Published : Aug 18, 2019, 4:40 PM IST

यमुनानगर: यमुना नदी उफान पर है, नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना में अब 5 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी है, पानी के साथ-साथ लकड़ी भी यमुना में बह रही हैं. पानी का बहाव तेज होने के कारण लकड़ियां बह कर हथिनी कुंड बैराज तक आ जाती हैं. इन्हीं लकड़ियों को निकालने के लिए लोग यमुना के किनारे व बीचों-बीच जा कर लकड़ी निकाल रहे हैं.

यमुना का जलस्तर बढ़ा

हालांकि प्रशासन ने नदी के आस-पास ना जाने की चेतावनी जारी कर रखी है. लेकिन लोग चेतावनी को नजरअंदाज कर जान जोखिम में डालकर यमुना में से लकड़ी निकाल रहे हैं. जिससे कोई भी अनहोनी होने का खतरा बना रहता है.

दिल्ली में बाढ़ का खतरा

हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और यमुनानगर कैचमेंट एरिया में हो रही लगातार बारिश से दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है. यमुना का जल स्तर शनिवार की शाम 203.27 मीटर से बढ़कर रविवार की सुबह 203.50 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से कुछ ही कम था.

इन सबके बीच प्रशासन ने अब खतरे का निशान ही बदल दिया. नए आदेश के मुताबिक खतरे का निशान अब 204.83 मीटर की बजाय 205.33 मीटर होगा. बीते कई सालों से 204.83 मीटर ही खतरे का निशान बना हुआ था.

एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि पुराने 204.83 मीटर को बदला गया है, क्योंकि जैसे ही नदी इस मानक को छूती थी वैसे ही अलर्ट जारी हो जाता था. अधिकारी ने बताया कि रविवार की सुबह 10 बजे हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके अलावा भी बैराज से लगभग 17 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है.

यमुनानगर: यमुना नदी उफान पर है, नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना में अब 5 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी है, पानी के साथ-साथ लकड़ी भी यमुना में बह रही हैं. पानी का बहाव तेज होने के कारण लकड़ियां बह कर हथिनी कुंड बैराज तक आ जाती हैं. इन्हीं लकड़ियों को निकालने के लिए लोग यमुना के किनारे व बीचों-बीच जा कर लकड़ी निकाल रहे हैं.

यमुना का जलस्तर बढ़ा

हालांकि प्रशासन ने नदी के आस-पास ना जाने की चेतावनी जारी कर रखी है. लेकिन लोग चेतावनी को नजरअंदाज कर जान जोखिम में डालकर यमुना में से लकड़ी निकाल रहे हैं. जिससे कोई भी अनहोनी होने का खतरा बना रहता है.

दिल्ली में बाढ़ का खतरा

हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और यमुनानगर कैचमेंट एरिया में हो रही लगातार बारिश से दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है. यमुना का जल स्तर शनिवार की शाम 203.27 मीटर से बढ़कर रविवार की सुबह 203.50 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से कुछ ही कम था.

इन सबके बीच प्रशासन ने अब खतरे का निशान ही बदल दिया. नए आदेश के मुताबिक खतरे का निशान अब 204.83 मीटर की बजाय 205.33 मीटर होगा. बीते कई सालों से 204.83 मीटर ही खतरे का निशान बना हुआ था.

एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि पुराने 204.83 मीटर को बदला गया है, क्योंकि जैसे ही नदी इस मानक को छूती थी वैसे ही अलर्ट जारी हो जाता था. अधिकारी ने बताया कि रविवार की सुबह 10 बजे हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके अलावा भी बैराज से लगभग 17 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है.

Intro:

एंकर यमुना नदी उफान पर है यमुना में अबे 5 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी यमुना में बह रहा है , लेकिन इसके बावजूद भी यमुना के साथ सटे इलाकों के लोग यमुना में लकड़ी पकड़ने जैसा खतरनाक काम कर रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने नदी के आसपास ना जाने की चेतावनी भी दे रखी है , लेकिन फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर ऐसे कार्य कर रहे हैं।Body:वीओ यमुनानगर में यमुना नदी उफान पर है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग यमुना नदी के अंदर लकड़ी उठाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं दरअसल पानी का बहाव तेज होने के कारण लकड़ी बह बह कर हथिनी कुंड बैराज तक आ जाती है और ऐसे में लोग पानी के बीचो बीच जाकर यह लकड़िय पकड़ते हैं लेकिन यह कार्य काफी जोखिम भरा है हालांकि प्रशासन बाढ़ के दिनों में यमुना के किनारों के पास जाने की ना जाने की चेतावनी देता रहता है लेकिन इसके बावजूद भी हथिनी कुंड बैराज के पास लोग शरेआम लकड़ी पकड़ने के लिए जमुना के बीचो-बीच जा रहे हैं, जिससे कोई भी अनहोनी होने का खतरा बना रहता है।Conclusion:
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