यमुनानगर: यमुना नदी उफान पर है, नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यमुना में अब 5 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी है, पानी के साथ-साथ लकड़ी भी यमुना में बह रही हैं. पानी का बहाव तेज होने के कारण लकड़ियां बह कर हथिनी कुंड बैराज तक आ जाती हैं. इन्हीं लकड़ियों को निकालने के लिए लोग यमुना के किनारे व बीचों-बीच जा कर लकड़ी निकाल रहे हैं.
हालांकि प्रशासन ने नदी के आस-पास ना जाने की चेतावनी जारी कर रखी है. लेकिन लोग चेतावनी को नजरअंदाज कर जान जोखिम में डालकर यमुना में से लकड़ी निकाल रहे हैं. जिससे कोई भी अनहोनी होने का खतरा बना रहता है.
दिल्ली में बाढ़ का खतरा
हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और यमुनानगर कैचमेंट एरिया में हो रही लगातार बारिश से दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है. यमुना का जल स्तर शनिवार की शाम 203.27 मीटर से बढ़कर रविवार की सुबह 203.50 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से कुछ ही कम था.
इन सबके बीच प्रशासन ने अब खतरे का निशान ही बदल दिया. नए आदेश के मुताबिक खतरे का निशान अब 204.83 मीटर की बजाय 205.33 मीटर होगा. बीते कई सालों से 204.83 मीटर ही खतरे का निशान बना हुआ था.
एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि पुराने 204.83 मीटर को बदला गया है, क्योंकि जैसे ही नदी इस मानक को छूती थी वैसे ही अलर्ट जारी हो जाता था. अधिकारी ने बताया कि रविवार की सुबह 10 बजे हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके अलावा भी बैराज से लगभग 17 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है.