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यमुनानगर में दुकान ट्रांसफर करवाने के नाम पर धोखाधड़ी, इस तरह लगाया साढ़े 36 लाख का चूना

नगर निगम इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की दुकान ट्रांसफर करवाने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में एक शख्स ने नालागढ़ माजरा निवासी व्यक्ति से 36 लाख 50 हजार रुपए लिए, लेकिन ट्रस्ट में यह राशि जमा नहीं करवाई.

Yamunanagar
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Published : Apr 9, 2021, 11:42 AM IST

यमुनानगर: नगर निगम इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की दुकान ट्रांसफर करवाने के नाम पर एक शख्स ने नालागढ़ माजरा निवासी व्यक्ति से 36 लाख 50 हजार रुपए लिए लेकिन ट्रस्ट में यह राशि जमा नहीं करवाई और ना ही दुकान को उनके नाम ट्रांसफर किया. नगर निगम द्वारा जब इस दुकान की राशि बूथ होल्डर द्वारा जमा नहीं करवाने पर जब्त करने की सूचना जारी की गई तो पीड़ित को उसके साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला. उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति पर धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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नालागढ़ माजरा निवासी संजीव कुमार ने सेक्टर 17 पुलिस को शिकायत दी है कि उसके पिता श्यामलाल ने 7 अगस्त 2013 को महमूदपुर निवासी पन्नीलाल के साथ इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के शॉपिंग कंपलेक्स क्लब में दुकान का 36 लाख 50 हजार रुपए में इकरारनामा किया था. इकरारनामा के समय उसके पिता ने आरोपी को 6 लाख रुपए बतौर बयाना दिए थे. जिसके बाद आरोपी के साथ इकरारनामा तय हुआ कि आरोपी ट्रस्ट की सारी बकाया राशि ट्रस्ट में जमा कर देगा और 15 अक्टूबर 2013 तक दुकान उसके पिता के नाम ट्रांसफर करवा देगा

4 सितंबर 2013 को उसके पिता ने पन्नीलाल को 20 लाख 50 हजार रुपए नगद और 10 लाख रुपए का चेक दिया. इसके बाद आरोपी उसके पिता से मिला तो उसने बताया कि उसने ब्याज समेत ट्रस्ट जगाधरी में सारी बकाया राशि जमा करवा दी है. तब आरोपी ने उसके पिता को शपथ पत्र दिया कि वह समय रहते दुकान उसके पिता के नाम ट्रांसफर करवा देगा लेकिन आरोपी ने उसके पिता के नाम दुकान ट्रांसफर नहीं करवाई. जब भी उसके पिता आरोपी को दुकान ट्रांसफर करने के लिए बोलते तो आरोपी हर बार उसे झूठा आश्वासन देकर टाल देता था.

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30 जुलाई 2016 को उसके पिता श्यामलाल का स्वर्गवास हो गया जिसके बाद आरोपी से दुकान को उनके नाम करवाने की बात कही लेकिन आरोपी ने उसे कहा कि अभी ट्रस्ट में ट्रांसफर बंद की हुई है, कुछ और समय लगेगा. वहीं, कुछ दिन पहले उसने समाचार पत्र में नगर निगम ट्रस्ट सेल द्वारा जारी की गई एक सूचना देखी जिसमें ट्रस्ट ने 13 बूथों की राशि बूथ होल्डर द्वारा जमा नहीं करवाने पर जब्त करने के बारे में सूचना दी थी, इसमें उनके द्वारा ली गई दुकान का नंबर भी था.

जब उसने नगर निगम जगाधरी में पूछताछ की तो उसे पता चला कि आरोपी पन्नीलाल ने उसके पिता द्वारा दी गई राशि ट्रस्ट सेल में जमा नहीं करवाई है इसके बारे में जब उसने फोन पर आरोपी से बात की तो वह उसे जान से मारने की धमकी देने लगा. परेशान होकर उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी है. पुलिस ने मामले में आरोपी पन्नीलाल के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सेक्टर 17 थाना प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है जांच के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

यमुनानगर: नगर निगम इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की दुकान ट्रांसफर करवाने के नाम पर एक शख्स ने नालागढ़ माजरा निवासी व्यक्ति से 36 लाख 50 हजार रुपए लिए लेकिन ट्रस्ट में यह राशि जमा नहीं करवाई और ना ही दुकान को उनके नाम ट्रांसफर किया. नगर निगम द्वारा जब इस दुकान की राशि बूथ होल्डर द्वारा जमा नहीं करवाने पर जब्त करने की सूचना जारी की गई तो पीड़ित को उसके साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला. उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति पर धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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नालागढ़ माजरा निवासी संजीव कुमार ने सेक्टर 17 पुलिस को शिकायत दी है कि उसके पिता श्यामलाल ने 7 अगस्त 2013 को महमूदपुर निवासी पन्नीलाल के साथ इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के शॉपिंग कंपलेक्स क्लब में दुकान का 36 लाख 50 हजार रुपए में इकरारनामा किया था. इकरारनामा के समय उसके पिता ने आरोपी को 6 लाख रुपए बतौर बयाना दिए थे. जिसके बाद आरोपी के साथ इकरारनामा तय हुआ कि आरोपी ट्रस्ट की सारी बकाया राशि ट्रस्ट में जमा कर देगा और 15 अक्टूबर 2013 तक दुकान उसके पिता के नाम ट्रांसफर करवा देगा

4 सितंबर 2013 को उसके पिता ने पन्नीलाल को 20 लाख 50 हजार रुपए नगद और 10 लाख रुपए का चेक दिया. इसके बाद आरोपी उसके पिता से मिला तो उसने बताया कि उसने ब्याज समेत ट्रस्ट जगाधरी में सारी बकाया राशि जमा करवा दी है. तब आरोपी ने उसके पिता को शपथ पत्र दिया कि वह समय रहते दुकान उसके पिता के नाम ट्रांसफर करवा देगा लेकिन आरोपी ने उसके पिता के नाम दुकान ट्रांसफर नहीं करवाई. जब भी उसके पिता आरोपी को दुकान ट्रांसफर करने के लिए बोलते तो आरोपी हर बार उसे झूठा आश्वासन देकर टाल देता था.

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30 जुलाई 2016 को उसके पिता श्यामलाल का स्वर्गवास हो गया जिसके बाद आरोपी से दुकान को उनके नाम करवाने की बात कही लेकिन आरोपी ने उसे कहा कि अभी ट्रस्ट में ट्रांसफर बंद की हुई है, कुछ और समय लगेगा. वहीं, कुछ दिन पहले उसने समाचार पत्र में नगर निगम ट्रस्ट सेल द्वारा जारी की गई एक सूचना देखी जिसमें ट्रस्ट ने 13 बूथों की राशि बूथ होल्डर द्वारा जमा नहीं करवाने पर जब्त करने के बारे में सूचना दी थी, इसमें उनके द्वारा ली गई दुकान का नंबर भी था.

जब उसने नगर निगम जगाधरी में पूछताछ की तो उसे पता चला कि आरोपी पन्नीलाल ने उसके पिता द्वारा दी गई राशि ट्रस्ट सेल में जमा नहीं करवाई है इसके बारे में जब उसने फोन पर आरोपी से बात की तो वह उसे जान से मारने की धमकी देने लगा. परेशान होकर उसने इसकी शिकायत पुलिस को दी है. पुलिस ने मामले में आरोपी पन्नीलाल के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सेक्टर 17 थाना प्रभारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है जांच के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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