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बिन नेता प्रतिपक्ष चलेगा विधानसभा सत्र या कांग्रेस किसी को देगी मौका? - विधानसभा का मानसून सत्र

विधानसभा का मानसून सत्र 2 अगस्त से शुरू होने जा रहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ये सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के चलेगा या कांग्रेस किसी नेता के नाम को आगे करेगी.

हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर
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Published : Jul 19, 2019, 5:16 PM IST

यमुनानगरः प्रदेश में विपक्ष को लेकर हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि इसमें विपक्षी पार्टी ही जिम्मेदार है. उन्होंने बताया कि हमने तो विपक्ष को पत्र लिखा था कि वो कोई कोई भी एक रेजुलेशन पास कर हमारे पास भेज दें. जिसका भी नाम विपक्ष भेजेंगे हम उसे तुरंत स्वीकार कर लेंगे, लेकिन विपक्ष की तरफ से हमें कोई भी इस प्रकार का रेजुलेशन अभी तक नहीं मिला.

क्लिक कर सुनें विधानसभा अध्यक्ष का बयान

हालांकि सीएलपी लीडर किरण चौधरी ने कहा है कि वो पहले से ही विपक्ष की नेता हैं, लेकिन विपक्षी दलों का नेता और नेता प्रतिपक्ष अलग-अलग होते हैं. उन्होंने बताया कि जिस भी पार्टी का नेता विपक्ष का नेता बनता है वो अपनी मीटिंग बुलाकर एक प्रस्ताव लेकर आता है. उस प्रस्ताव को पास विधायकों के हस्ताक्षर से पास किया जाता है और फिर वो उस प्रस्ताव को स्पीकर के पास भेजते हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि कांग्रेस से ही विपक्ष का नेता बनना है. ऐसे में जो भी नाम पार्टी विधानसभा में भेजेंगे हम उसे स्वीकार कर लेंगे. उन्होंने बताया कि सेशन से थोड़ी देर पहले भी अगर वो नाम भेजेंगे तो हम उसे मान्यता दे देंगे.

यमुनानगरः प्रदेश में विपक्ष को लेकर हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि इसमें विपक्षी पार्टी ही जिम्मेदार है. उन्होंने बताया कि हमने तो विपक्ष को पत्र लिखा था कि वो कोई कोई भी एक रेजुलेशन पास कर हमारे पास भेज दें. जिसका भी नाम विपक्ष भेजेंगे हम उसे तुरंत स्वीकार कर लेंगे, लेकिन विपक्ष की तरफ से हमें कोई भी इस प्रकार का रेजुलेशन अभी तक नहीं मिला.

क्लिक कर सुनें विधानसभा अध्यक्ष का बयान

हालांकि सीएलपी लीडर किरण चौधरी ने कहा है कि वो पहले से ही विपक्ष की नेता हैं, लेकिन विपक्षी दलों का नेता और नेता प्रतिपक्ष अलग-अलग होते हैं. उन्होंने बताया कि जिस भी पार्टी का नेता विपक्ष का नेता बनता है वो अपनी मीटिंग बुलाकर एक प्रस्ताव लेकर आता है. उस प्रस्ताव को पास विधायकों के हस्ताक्षर से पास किया जाता है और फिर वो उस प्रस्ताव को स्पीकर के पास भेजते हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि कांग्रेस से ही विपक्ष का नेता बनना है. ऐसे में जो भी नाम पार्टी विधानसभा में भेजेंगे हम उसे स्वीकार कर लेंगे. उन्होंने बताया कि सेशन से थोड़ी देर पहले भी अगर वो नाम भेजेंगे तो हम उसे मान्यता दे देंगे.

Intro:एंकर विधानसभा का मानसून सत्र…
2 अगस्त से शुरू होने वाला विधानसभा सत्र..
विधानसभा का मानसून सत्र कितने दिन का होगा. इस बारे में भी अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. यह जानकारी हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने पत्रकारों से बातचीत में दी. कहा कि कल कैबिनेट की मीटिंग थी …. सेशन का अभी फाइनल नही है कि कितने दिन सेशन चलेगा.
अभी सरकार की तरफ से प्रस्ताव आना है. फिर उसकी सही जानकारी मिलेगी कि सरकार कितने दिन का प्रस्ताव भेजती है. उसके बाद भी बीएसी की मीटिंग होती है बीएसी की मीटिंग में फाइनल होता है की सेशन कितने टाइम चलता है. Body:वीओ विधानसभा अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए कहा कि कल ही कैबिनेट ने फैसला किया है कि 2 अगस्त से सेशन है. जिस प्रकार की तैयारियां हर बार होती है … उसी प्रकार से तैयारियां की जाएंगी. अभी हमारे पास टाइम है. जो मेंबर हैं वह अपने प्रशन अभी हमें देंगे उनके प्रशन को विभागों के पास भेजना और उनके सही टाइम पर उत्तर आना हमारी जिम्मेदारी है…

BITE: कँवरपाल गुर्जर, अध्यक्ष हरियाणा विधानसभा

वीओ आगे बात करते हुए विधानसभा स्पीकर ने बताया कि देखिए सेशन की अभी निश्चित कोई अवधि नहीं है. सरकार एक प्रस्ताव लेकर आएगी और वह सेशन के दौरान ही होता है जिस दिन सेशन शुरू होता है उसी दिन सरकार की तरफ से एक प्रस्ताव आता है की सेशन कितने दिन का है. लेकिन सरकार घोषणा पहले भी कर देती है सेशन जो होता है वह सरकार के कामकाज के लिए होता है और सरकार ही अपने कामकाज के लिए टाइम निश्चित करती है और दूसरी तरफ से भी विपक्ष के पास भी कुछ मुद्दे होते हैं विपक्ष भी डिमांड करता है कि हमारे पास भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर हम चर्चा करना चाहते हैं … हमें भी कुछ टाइम चाहिए. दोनों की सहमति से ही जो बीएसी की मीटिंग होती है उसमें ही टाइम निश्चित किया जाता है.

बाइट कँवरपाल गुर्जर, अध्यक्ष हरियाणा विधानसभा

वीओ क्या बिन नेता विपक्ष चलेगा सदन … कांग्रेस किस नाम को करेगी आगे ?
स्पीकर ने कहा कि देखें इसमें तो विपक्षी पार्टी ही जिम्मेदार है. हमने तो उन्हें पत्र लिखा था कि वह कोई कोई भी एक रेजुलेशन पास कर हमारे पास भेज दें. जिसका भी नाम विपक्ष भेजेंगे हम उसे तुरंत स्वीकार कर लेंगे. लेकिन विपक्ष की तरफ से हमें कोई भी इस प्रकार का रेजुलेशन अभी नहीं मिला. जैसा उनका कहना है कि सीएलपी लीडर किरण चौधरी ने कहा कि मैं पहले से ही विपक्ष की नेता हूं. जो विपक्ष का नेता पार्टी नियुक्त करती है उसकी अलग बात होती है. आज तक की परंपरा ऐसी रही है. जो भी पार्टी का विपक्ष का नेता बनता है वह अपनी मीटिंग बुलाते हैं और मीटिंग में एक प्रस्ताव लेकर आते हैं उस प्रस्ताव को पास करते हैं जो विधायक को होते हैं उन सभी के उसमें हस्ताक्षर होते हैं उसको पास करके वह फिर स्पीकर के पास भेजते हैं. यह परंपरा शुरु से ही ऐसी चली आ रही है. कांग्रेस का ही विपक्ष का नेता बनना है और कांग्रेस ने ही पास करना है उन्होंने ही निश्चित करना है कि कौन हमारा विपक्ष का नेता होगा. जो भी वह नाम विधानसभा में भेजेंगे हम उसे स्वीकार कर लेंगे. मुझे नहीं पता उनका क्या निर्णय है. शासन से थोड़ी देर पहले भी अगर वह नाम भेजेंगे तो हम उसे मान्यता दे देंगे..

BITE: कँवरपाल गुर्जर, अध्यक्ष हरियाणा विधानसभा (FILE NO. 3)

वीओ क्या मानसून शासन खत्म होते ही हरियाणा विधानसभा भी भंग कर दी जाएगी…
स्पीकर ने कहा कि नहीं देखे अभी विधानसभा तो नहीं भंग होगी लेकिन जो वर्तमान सरकार है उसका यह आखरी सेशन है. क्योंकि अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा की चुनाव है. उससे पहले यह सरकार का लास्ट सेशन है. चुनाव की जो डेट होती है वह चुनाव आयोग का काम होता है सरकार का उसमें कुछ नहीं होता सरकार से तो केवल चुनाव आयोग तैयारियों के बारे में ही पूछता है…

बाइट। कँवरपाल गुर्जर, अध्यक्ष हरियाणा विधानसभा Conclusion:
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