ETV Bharat / state

Mining in yamunanagar: ई-बिलों में गड़बड़ी के चलते चार फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज, खनन ठेकेदार ने कहा-आदेशों की अनदेखी कर रहा विभाग

यमुनानगर में अवैध खनन का मामला सामने आया है. एसएचओ थाना बिलासपुर ने बताया कि फर्जी ई-रवाना बिल (illegal mining in yamunanagar) दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों से सामने आए हैं.

Mining in yamunanagar
ई-रवाना बिलों में गड़बड़ी के चलते चार फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज
author img

By

Published : Jul 17, 2022, 2:01 PM IST

यमुनानगर: यमुनानगर में अवैध खनन का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया (illegal mining in yamunanagar) है. आरोप है कि जिले के धनौरा इलाके में अवैध माइनिंग कर उसे करोड़ों रुपए में बेचा गया और फर्जी बिल बनाकर दिखाया गया. अवैध खनन मैटेरियल को गोवा गुजरात और जम्मू कशमीर से खरीदने का दावा भी किया जा रहा है. खनन अधिकारी के संज्ञान में मामला आते ही पंचकूला से एक टीम तैयार की गई और धनौरा इलाके के खनन क्षेत्र का दौरा किया गया. अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की और पाया कि इन इलाकों में खनन तो हुआ है लेकिन खनन किया हुआ स्टॉक कहीं नजर नहीं आया. लिहाजा अधिकारियों ने पैमाइश करने के बाद देखा कि किस प्लांट पर अवैध खनन हुआ है और उन प्लांट के मालिकों के खिलाफ कई धाराओं के तहत बिलासपुर थाने में मामला दर्ज कराया है.

अवैध खनन से करोड़ों का घोटला: खनन विभाग के मुताबिक अवैध खनन को लेकर करोड़ों का घोटला सामने आया है और यह घोटाला भी ऐसा कि यमुनानगर में अवैध खनन तो होता था लेकिन उस खनन के गोवा, गुजरात और जम्मू-कशमीर के ई-रवाना बिल बनाए जाते थे. जिसका खुलासा होते ही खनन अधिकारी ने चार जगहों को चिन्हित कर उनके मालिकों के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है. लेकिन खनन विभाग की इस कार्रवाई पर खनन ठेकेदारों ने सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने कहा है कि विभाग अपने ही आदेशों की अनदेखी कर गलतफहमी से यह कार्रवाई कर रहा है.

ई-रवाना बिलों में गड़बड़ी के चलते चार फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज
खनन कारोबारियों में हलचल: मामला दर्ज होते ही खनन कारोबारियों में हलचल हो गई है. एक तरफ धनौरा रणजीतपुर तो दूसरी तरफ ताजेवाला से भी कई ऐसे फर्जी बिलों के मामले सामने आने लगे हैं. यहां खुदाई तो जमीन के चालीस से पचास फिट तक हुई है पर इस खुदाई का आज तक कहीं पर भी इसका कोई ब्यौरा नहीं है. जिससे यह तो साफ है कि जिले में खनन क्षेत्र में अवैध खुदाई कर सरकार को अब तक करोड़ों का खनन माफियाओं ने चूना लगाया है. हालांकि, अभी महज चार प्लांट मालिकों के खिलाफ ही मामला दर्ज हुआ है, जबकि अभी कई ऐसे बड़े चेहरे भी सामने आने बाकी हैं.फर्जी ई-रवाना बिल के जरिए अवैध खनन: एसएचओ थाना बिलासपुर ने बताया कि फर्जी ई-रवाना बिल (fake e-offing bill) दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों से सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि इनमें से कई राज्य तो ऐसे हैं जिनमें खनन होता ही नहीं है. ऐसे में खनन से जुड़े लोग फेक इलेक्ट्रिक परचेज दिखाकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे थे. जिला खनन अधिकारी के आदेश पर 4 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, जिनमें एक स्क्रीनिंग प्लांट है और बाकी तीन खनन से जुड़ी फर्मे हैं. जिनके नाम कालूवास कंस्ट्रक्शन कंपनी नंबर 1074, कालूवास कंस्ट्रक्शन कंपनी नंबर 405, एसपीसीसी स्क्रीनिंग प्लांट एम आर ट्रेडर्स के खिलाफ 406, 419, 420, 468, 467, 471 के अतिरिक्त माइनिंग एक्ट की धारा 21(1), 21(2) और 21 (4) के तहत मामला दर्ज किया है, जिन पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.खनन ठेकेदारों की सफाई : वहीं जब इस मामले में खनन ठेकेदारों से बातचीत करने की कोशिश की गई तो दिलबाग ग्रुप के एक ठेकेदार ने बताया कि विभाग अपने ही आदेशों की अनदेखी कर रहा है. उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक एक रॉयल्टी ठेकेदार ने इसी मामले से जुड़े जितने भी विभाग द्वारा उन पर जुर्माना लगाया गया था उसे भर दिया गया है, लेकिन बावजूद इसके खनन ठेकेदारों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. उन्होंने अपने बयान के कागजात भी मीडिया के सामने दिखाएं.

यमुनानगर: यमुनानगर में अवैध खनन का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया (illegal mining in yamunanagar) है. आरोप है कि जिले के धनौरा इलाके में अवैध माइनिंग कर उसे करोड़ों रुपए में बेचा गया और फर्जी बिल बनाकर दिखाया गया. अवैध खनन मैटेरियल को गोवा गुजरात और जम्मू कशमीर से खरीदने का दावा भी किया जा रहा है. खनन अधिकारी के संज्ञान में मामला आते ही पंचकूला से एक टीम तैयार की गई और धनौरा इलाके के खनन क्षेत्र का दौरा किया गया. अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की और पाया कि इन इलाकों में खनन तो हुआ है लेकिन खनन किया हुआ स्टॉक कहीं नजर नहीं आया. लिहाजा अधिकारियों ने पैमाइश करने के बाद देखा कि किस प्लांट पर अवैध खनन हुआ है और उन प्लांट के मालिकों के खिलाफ कई धाराओं के तहत बिलासपुर थाने में मामला दर्ज कराया है.

अवैध खनन से करोड़ों का घोटला: खनन विभाग के मुताबिक अवैध खनन को लेकर करोड़ों का घोटला सामने आया है और यह घोटाला भी ऐसा कि यमुनानगर में अवैध खनन तो होता था लेकिन उस खनन के गोवा, गुजरात और जम्मू-कशमीर के ई-रवाना बिल बनाए जाते थे. जिसका खुलासा होते ही खनन अधिकारी ने चार जगहों को चिन्हित कर उनके मालिकों के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है. लेकिन खनन विभाग की इस कार्रवाई पर खनन ठेकेदारों ने सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने कहा है कि विभाग अपने ही आदेशों की अनदेखी कर गलतफहमी से यह कार्रवाई कर रहा है.

ई-रवाना बिलों में गड़बड़ी के चलते चार फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज
खनन कारोबारियों में हलचल: मामला दर्ज होते ही खनन कारोबारियों में हलचल हो गई है. एक तरफ धनौरा रणजीतपुर तो दूसरी तरफ ताजेवाला से भी कई ऐसे फर्जी बिलों के मामले सामने आने लगे हैं. यहां खुदाई तो जमीन के चालीस से पचास फिट तक हुई है पर इस खुदाई का आज तक कहीं पर भी इसका कोई ब्यौरा नहीं है. जिससे यह तो साफ है कि जिले में खनन क्षेत्र में अवैध खुदाई कर सरकार को अब तक करोड़ों का खनन माफियाओं ने चूना लगाया है. हालांकि, अभी महज चार प्लांट मालिकों के खिलाफ ही मामला दर्ज हुआ है, जबकि अभी कई ऐसे बड़े चेहरे भी सामने आने बाकी हैं.फर्जी ई-रवाना बिल के जरिए अवैध खनन: एसएचओ थाना बिलासपुर ने बताया कि फर्जी ई-रवाना बिल (fake e-offing bill) दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों से सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि इनमें से कई राज्य तो ऐसे हैं जिनमें खनन होता ही नहीं है. ऐसे में खनन से जुड़े लोग फेक इलेक्ट्रिक परचेज दिखाकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे थे. जिला खनन अधिकारी के आदेश पर 4 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, जिनमें एक स्क्रीनिंग प्लांट है और बाकी तीन खनन से जुड़ी फर्मे हैं. जिनके नाम कालूवास कंस्ट्रक्शन कंपनी नंबर 1074, कालूवास कंस्ट्रक्शन कंपनी नंबर 405, एसपीसीसी स्क्रीनिंग प्लांट एम आर ट्रेडर्स के खिलाफ 406, 419, 420, 468, 467, 471 के अतिरिक्त माइनिंग एक्ट की धारा 21(1), 21(2) और 21 (4) के तहत मामला दर्ज किया है, जिन पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.खनन ठेकेदारों की सफाई : वहीं जब इस मामले में खनन ठेकेदारों से बातचीत करने की कोशिश की गई तो दिलबाग ग्रुप के एक ठेकेदार ने बताया कि विभाग अपने ही आदेशों की अनदेखी कर रहा है. उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक एक रॉयल्टी ठेकेदार ने इसी मामले से जुड़े जितने भी विभाग द्वारा उन पर जुर्माना लगाया गया था उसे भर दिया गया है, लेकिन बावजूद इसके खनन ठेकेदारों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. उन्होंने अपने बयान के कागजात भी मीडिया के सामने दिखाएं.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.