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व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए अधिकारियों की रेकी करते हैं खनन माफिया, इन कोड के जरिए पुलिस को देते हैं चकमा - रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी विभाग

यमुनानगर में अवैध खनन माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि माफिया अब व्हाट्सएप में ग्रुप बनाकर अधिकारियों की रेकी कर रहे हैं. कई जिलों के आरटीओ से लेकर खनन विभाग से जुड़े अधिकारियों को ये माफिया ट्रैक कर रहे हैं. खबर में विस्तार से समझें पूरा मामला

Yamunanagar Mafia WhatsApp group RTA officers reiki
यमुनानगर में नहीं रुक रहा अवैध खनन
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Published : May 10, 2023, 5:48 PM IST

यमुनानगर: यमुनानगर में सोशल मीडिया के जरिए अधिकारियों की रेकी करने का काम रुकने का नाम नहीं ले रहा. भले ही कई बार पुलिस और सीएम फ्लाइंग द्वारा ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई हो. लेकिन अवैध खनन और ओवरलोडिंग जैसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले माफिया बाज नहीं आ रहे. हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा.

हरियाणा के यमुनानगर जिले में बड़े स्तर पर खनन का काम होता है. लेकिन वैध खनन की आड़ में यहां अवैध खनन और ओवरलोडिंग भी किसी से छिपी नहीं है. ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए खनन विभाग, पुलिस, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी विभाग के साथ-साथ कई अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन फिर भी इन गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाना संभव नहीं हो पा रहा है.

Yamunanagar Mafia WhatsApp group RTA officers reiki
इन कोड के जरिए खनन माफिया जानकारी देते हैं कि कहां पुलिस नाका है और कहां नहीं.

क्योंकि कहीं तो सरकारी विभागों की मिलीभगत सामने आ जाती है तो वहीं इन गतिविधियों को अंजाम देने वाले माफिया सोशल मीडिया को भी अपना हथियार बनाए हुए हैं. व्हाट्सअप ग्रुपों के जरिए अधिकारियों की रेकी की जाती है. खनन माफिया ने अवैध गतिविधियों को अंजाम देने लिए स्पेशल लोग लगाए हुए हैं. जिन्हे फील्डर नाम दिया गया है. जिनका काम सिर्फ ये ही है कि कौन अधिकारी कहां की तरफ जा रहा है, कहां रुक रहा है.

उन्हे तुरंत इसकी जानकारी व्हाट्सअप ग्रुप में डालनी होती है. जिससे खनन माफिया से लेकर ट्रक ड्राइवरों तक सूचना पहुंच जाती है और वे बचकर निकल जाते हैं. इन गतिविधियों को ज्यादातर अंजाम दिया जा रहा है जठलाना इलाके में. जहां के कई ग्रुप्स की चैट और ऑडियो मीडिया के हाथ लगी है जो आपके सामने है. वहीं, इस मामले में जब जिला पुलिस अधीक्षक से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लगातार पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. भविष्य में भी यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

एंटी करप्शन सोसायटी के अध्यक्ष और काफी समय से अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खिलाफ आवाज उठा रहे जठलाना क्षेत्र निवासी एडवोकेट वरयाम सिंह का कहना है कि सरकार ने यदि जल्द ही ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कोई सख्त एक्शन नहीं लिया, तो खनन माफिया क्षेत्र की दशा ही बदल कर रख देगा. उन्होने कहा कि खनन माफिया लगातार सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा है और रोजाना हजारों ओवरलोड गाड़ियां सड़कों पर निकल रही हैं.

ये भी पढ़ें: सरसों की सरकारी खरीद बंद होने से नाराज किसानों ने रेवाड़ी अनाज मंडी पर लगाया ताला, पुलिस के साथ हुई झड़प

बता दें कि रेकी करने वालों के खिलाफ करीब 2 महीने पहले सीएम फ्लाइंग ने एक्शन लिया था. लेकिन उसके बावजूद इसी तरह के व्हाट्सअप ग्रुप सक्रिय हैं. रोजाना यहां ओवरलोड गाड़ियां का जमावड़ा देखा जा सकता है. ओवरलोड गाड़ियों से एक तरफ तो हादसों का डर बना रहता है. वहीं दूसरी तरफ सड़कों को भी नुकसान होता है और ये लोग सीधे तौर पर सरकार के राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं.

यमुनानगर: यमुनानगर में सोशल मीडिया के जरिए अधिकारियों की रेकी करने का काम रुकने का नाम नहीं ले रहा. भले ही कई बार पुलिस और सीएम फ्लाइंग द्वारा ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई हो. लेकिन अवैध खनन और ओवरलोडिंग जैसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले माफिया बाज नहीं आ रहे. हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को कतई बख्शा नहीं जाएगा.

हरियाणा के यमुनानगर जिले में बड़े स्तर पर खनन का काम होता है. लेकिन वैध खनन की आड़ में यहां अवैध खनन और ओवरलोडिंग भी किसी से छिपी नहीं है. ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए खनन विभाग, पुलिस, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी विभाग के साथ-साथ कई अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन फिर भी इन गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाना संभव नहीं हो पा रहा है.

Yamunanagar Mafia WhatsApp group RTA officers reiki
इन कोड के जरिए खनन माफिया जानकारी देते हैं कि कहां पुलिस नाका है और कहां नहीं.

क्योंकि कहीं तो सरकारी विभागों की मिलीभगत सामने आ जाती है तो वहीं इन गतिविधियों को अंजाम देने वाले माफिया सोशल मीडिया को भी अपना हथियार बनाए हुए हैं. व्हाट्सअप ग्रुपों के जरिए अधिकारियों की रेकी की जाती है. खनन माफिया ने अवैध गतिविधियों को अंजाम देने लिए स्पेशल लोग लगाए हुए हैं. जिन्हे फील्डर नाम दिया गया है. जिनका काम सिर्फ ये ही है कि कौन अधिकारी कहां की तरफ जा रहा है, कहां रुक रहा है.

उन्हे तुरंत इसकी जानकारी व्हाट्सअप ग्रुप में डालनी होती है. जिससे खनन माफिया से लेकर ट्रक ड्राइवरों तक सूचना पहुंच जाती है और वे बचकर निकल जाते हैं. इन गतिविधियों को ज्यादातर अंजाम दिया जा रहा है जठलाना इलाके में. जहां के कई ग्रुप्स की चैट और ऑडियो मीडिया के हाथ लगी है जो आपके सामने है. वहीं, इस मामले में जब जिला पुलिस अधीक्षक से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लगातार पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. भविष्य में भी यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

एंटी करप्शन सोसायटी के अध्यक्ष और काफी समय से अवैध खनन और ओवरलोडिंग के खिलाफ आवाज उठा रहे जठलाना क्षेत्र निवासी एडवोकेट वरयाम सिंह का कहना है कि सरकार ने यदि जल्द ही ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कोई सख्त एक्शन नहीं लिया, तो खनन माफिया क्षेत्र की दशा ही बदल कर रख देगा. उन्होने कहा कि खनन माफिया लगातार सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा है और रोजाना हजारों ओवरलोड गाड़ियां सड़कों पर निकल रही हैं.

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बता दें कि रेकी करने वालों के खिलाफ करीब 2 महीने पहले सीएम फ्लाइंग ने एक्शन लिया था. लेकिन उसके बावजूद इसी तरह के व्हाट्सअप ग्रुप सक्रिय हैं. रोजाना यहां ओवरलोड गाड़ियां का जमावड़ा देखा जा सकता है. ओवरलोड गाड़ियों से एक तरफ तो हादसों का डर बना रहता है. वहीं दूसरी तरफ सड़कों को भी नुकसान होता है और ये लोग सीधे तौर पर सरकार के राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं.

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