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यमुनानगर: जेल में कैदी की मौत के मामले में SIT से जांच की मांग

जगाधरी जेल में हुई हिमांशु नाम के कैदी की मौत के मामले में एसआइटी गठित कर जांच की मांग उठाई गई है. राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी की ओर से डीपीपी को इस संबंध में पत्र भेजा गया है. जिसमें हिमांशु को हिरासत में रखकर पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

national human rights committee raised SIT to investigate case of death of prisoner in yamunanagar jail
यमुनानगर: जेल में हुई कैदी की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी ने उठाई एसआइटी से जांच की मांग.
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Published : Sep 22, 2020, 9:14 AM IST

यमुनानगर: बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव गाजदीनपुर निवासी हिमांशु की जेल में मौत के मामले में एसआइटी गठित कर जांच की मांग उठाई गई है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी की ओर से डीपीपी को इस संबंध में पत्र भेजा गया है. जिसमें हिमांशु को हिरासत में रखकर पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. साथ ही राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली में भी याचिका दायर किए जाने की तैयारी में है. इस मामले में स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की टीम पर आरोप लगे हैं.

पुलिस पर लगे अमानवीय व्यवहार करने के आरोप

राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी के राष्ट्रीय कन्वीनर सेवानिवृत्त जज आनंद वर्धन और प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष अधिवक्ता आलोक भारद्वाज ने बताया कि यमुनानगर पुलिस ने हिमांशु के साथ अमानवीय व्यवहार किया है. उसे गैरकानूनी तरीके से थर्ड डिग्री तक टॉर्चर किया गया है, जिससे उसकी जेल में ही मौत हो गई. आलोक भारद्वाज ने कहा कि उसके शरीर के जख्म पुलिस की क्रूरता को बयां कर रहे हैं. इस मामले की जांच के लिए स्पेशल एसआइटी गठित करने की मांग डीजीपी से की गई है.

आलोक भारद्वाज ने मांग करते हिए कहा कि हिमांशु के परिवार को भी मुआवजा मिलना चाहिए, क्योंकि वो परिवार में इकलौता बेटा था. इससे पहले इस मामले में महाकाल ग्रुप की ओर से गृहमंत्री को ज्ञापन भेजा जा चुका है, जिसमें आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

हिमांशु को थर्ड डिग्री तक किया गया टॉर्चर

बता दें कि 11 सितंबर को हिमांशु को स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की टीम घर से उठाकर ले गई थी. 16 सितंबर की रात नौ बजे उसे जगाधरी जेल में भेजा गया. जहां उसे पेट में दर्द हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई.

जज की मौजूदगी में बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया. चिकित्सकों के मुताबिक, हिमांशु के शरीर में खून के थक्के बने हुए थे और शरीर की खाल उतरी हुई थी. मृतक के ताऊ ईश्वर सिंह ने बताया कि पुलिस ने हिमांशु को बेरहमी से पीटा है. जब पुलिस उसे लेकर गई थी तब वो पूरी तरह से स्वस्थ था.

ये भी पढ़िए: लॉरेंस बिश्नोई को प्रोडक्शन वारंट पर हरियाणा लाने का मामला, पुलिस को हाईकोर्ट से फिर लगा झटका

यमुनानगर: बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव गाजदीनपुर निवासी हिमांशु की जेल में मौत के मामले में एसआइटी गठित कर जांच की मांग उठाई गई है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी की ओर से डीपीपी को इस संबंध में पत्र भेजा गया है. जिसमें हिमांशु को हिरासत में रखकर पीटने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. साथ ही राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली में भी याचिका दायर किए जाने की तैयारी में है. इस मामले में स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की टीम पर आरोप लगे हैं.

पुलिस पर लगे अमानवीय व्यवहार करने के आरोप

राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी के राष्ट्रीय कन्वीनर सेवानिवृत्त जज आनंद वर्धन और प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष अधिवक्ता आलोक भारद्वाज ने बताया कि यमुनानगर पुलिस ने हिमांशु के साथ अमानवीय व्यवहार किया है. उसे गैरकानूनी तरीके से थर्ड डिग्री तक टॉर्चर किया गया है, जिससे उसकी जेल में ही मौत हो गई. आलोक भारद्वाज ने कहा कि उसके शरीर के जख्म पुलिस की क्रूरता को बयां कर रहे हैं. इस मामले की जांच के लिए स्पेशल एसआइटी गठित करने की मांग डीजीपी से की गई है.

आलोक भारद्वाज ने मांग करते हिए कहा कि हिमांशु के परिवार को भी मुआवजा मिलना चाहिए, क्योंकि वो परिवार में इकलौता बेटा था. इससे पहले इस मामले में महाकाल ग्रुप की ओर से गृहमंत्री को ज्ञापन भेजा जा चुका है, जिसमें आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

हिमांशु को थर्ड डिग्री तक किया गया टॉर्चर

बता दें कि 11 सितंबर को हिमांशु को स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की टीम घर से उठाकर ले गई थी. 16 सितंबर की रात नौ बजे उसे जगाधरी जेल में भेजा गया. जहां उसे पेट में दर्द हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई.

जज की मौजूदगी में बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया. चिकित्सकों के मुताबिक, हिमांशु के शरीर में खून के थक्के बने हुए थे और शरीर की खाल उतरी हुई थी. मृतक के ताऊ ईश्वर सिंह ने बताया कि पुलिस ने हिमांशु को बेरहमी से पीटा है. जब पुलिस उसे लेकर गई थी तब वो पूरी तरह से स्वस्थ था.

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