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रादौर: बारिश और ओलावृष्टि ने बढ़ाई अन्नदाता की मुश्किल, फसलों को हुआ भारी नुकसान

ओलावृष्टि से जहां सब्जी और सरसों की फसल को ज्यादा नुक्सान हुआ है. वहीं बार-बार हो रही बरसात से अब इसका असर गेहूं की फसल पर भी साफ देखने को मिल रहा है. गेहूं की फसल में बरसाती पानी जमा हो जाने से पत्ते पीले पड़ने लगे हैं.

hail and  rain affected crop in radaur
बारिश और ओलावृष्टि ने बढ़ाई 'अन्नदाता' की मुश्किल
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Published : Jan 14, 2020, 1:33 PM IST

यमुनानगर: सोमवार को प्रदेश में जमकर मेघ बरसे. बारिश ने जहा पारा और गिरा दिया तो वहीं ओलावृष्टि से फसल खराब होने की संभावना बढ़ गई है. किसानों की माने तो ओलावृष्टि की वजह से सब्जी के साथ-साथ गेहूं की फसल को भी नुक्सान पंहुचा है.

ओलावृष्टि से जहां सब्जी और सरसों की फसल को ज्यादा नुक्सान हुआ है. वहीं बार-बार हो रही बरसात से अब इसका असर गेंहू की फसल पर भी साफ देखने को मिल रहा है. गेहूं की फसल में बरसाती पानी जमा हो जाने से पत्ते पीले पड़ने लगे है, जिससे फसल की पैदावार कम होने की आशंका से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं, हालांकि कृषि विशेषज्ञ इस समस्या को गेहूं की फसल को नुक्सान न होने की बात कह रहे है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

कृषि अधिकारी बोले- नहीं होगा फसल को नुकसान
रादौर खंड कृषि अधिकारी का कहना है की अगर बरसात और होती है तो फसल को नुकसान जरूर हो सकता है, लेकिन गेहूं के जो पत्ते पीले पड़े हैं. उससे किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जैसे ही मौसम साफ होगा, इसमें सुधार होता चला जाएगा.

ये भी पढ़िए: पानीपत में लगातार हो रही है नवजात बच्चों की मौत, जानिए क्या है कारण

बारिश ने बढ़ाई किसानों की टेंशन

वहीं सब्जी की अगर बात करें तो किसानो ने बताया कि ओलावृष्टि से गोभी, बैंगन, टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस भी फूल या फ्रूट पर ओले पड़े हैं. उससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी, जिससे उन्हें फसल बेचने में दिक्क्त के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा.

यमुनानगर: सोमवार को प्रदेश में जमकर मेघ बरसे. बारिश ने जहा पारा और गिरा दिया तो वहीं ओलावृष्टि से फसल खराब होने की संभावना बढ़ गई है. किसानों की माने तो ओलावृष्टि की वजह से सब्जी के साथ-साथ गेहूं की फसल को भी नुक्सान पंहुचा है.

ओलावृष्टि से जहां सब्जी और सरसों की फसल को ज्यादा नुक्सान हुआ है. वहीं बार-बार हो रही बरसात से अब इसका असर गेंहू की फसल पर भी साफ देखने को मिल रहा है. गेहूं की फसल में बरसाती पानी जमा हो जाने से पत्ते पीले पड़ने लगे है, जिससे फसल की पैदावार कम होने की आशंका से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं, हालांकि कृषि विशेषज्ञ इस समस्या को गेहूं की फसल को नुक्सान न होने की बात कह रहे है.

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कृषि अधिकारी बोले- नहीं होगा फसल को नुकसान
रादौर खंड कृषि अधिकारी का कहना है की अगर बरसात और होती है तो फसल को नुकसान जरूर हो सकता है, लेकिन गेहूं के जो पत्ते पीले पड़े हैं. उससे किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जैसे ही मौसम साफ होगा, इसमें सुधार होता चला जाएगा.

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बारिश ने बढ़ाई किसानों की टेंशन

वहीं सब्जी की अगर बात करें तो किसानो ने बताया कि ओलावृष्टि से गोभी, बैंगन, टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस भी फूल या फ्रूट पर ओले पड़े हैं. उससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी, जिससे उन्हें फसल बेचने में दिक्क्त के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ेगा.

Intro:बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि के बाद किसानो का हाल, सब्जी के साथ गेंहू की फसल पर भी दिखा असर, कृषि विशेषज्ञों ने भी माना सब्जी की फसल को हुआ नुकसान, गेंहू की फसल के पत्ते पीले पड़ने पर बोले किसानो को नहीं घबराने की जरूरत। Body:सोमवार को तेज बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से सब्जी के साथ साथ गेहूं की फसल को भी नुक्सान पंहुचा है। ओलावृष्टि से जहाँ सब्जी व सरसों की फसल को ज्यादा नुक्सान हुआ है, वही बार बार हो रही बरसात से अब इसका असर गेंहू की फसल पर भी साफ़ देखने को मिल रहा है। गेहूं की फसल में बरसाती पानी जमा हो जाने से पत्ते पीले पड़ने लगे है, जिससे फसल की पैदावार कम होने की आशंका से किसान चिंतित नजर आ रहे है। हालकीं कृषि विशेषज्ञ इस समस्या को गेहूं की फसल को नुक्सान न होने की बात कह रहे है। रादौर खंड कृषि अधिकारी का कहना है की अगर बरसात और होती है, तो फसल को नुक्सान जरूर हो सकता है, लेकिन गेहूं के जो पत्ते पीले पड़े है उससे किसानो को घबराने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा की जैसे ही मौसम साफ़ होगा इसमें सुधार होता चला जाएगा। Conclusion:वही सब्जी की अगर बात करे तो किसानो ने बताया की ओलावृष्टि से गोभी, बैंगन, टमाटर की फसल को नुक्सान है। उन्होंने कहा की जिस भी फूल या फ्रूट पर ओला पड़ा है उससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी, जिससे उन्हें फसल बेचने में दिक्क्त के साथ साथ आर्थिक नुक्सान भी झेलना पड़ेगा। कभी फसलों के सही दाम न मिलने, तो कभी प्रकृति की किसानो पर मार पड़ रही है। ऐसे में सरकार को इन प्रभावित किसानो की मुआवजे की रूप में भरपाई कर कुछ राहत दी जानी चाहिए।

बाईट 1 - राजकुमार , किसान
बाईट 2 - रणजीत, किसान
बाईट 3 - राकेश अग्रवाल,खंड कृषि अधिकारी
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