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हरियाणा के थर्मल प्लांट को झारखंड शिफ्ट करने के समर्थन में कैबिनेट मंत्री, जानें क्या कहा

यमुनानगर में लगने वाले 800 मेगावाट के पावर थर्मल प्लांट को अब झारखंड में लगाया जा सकता है. इस मुद्दे पर हरियाणा का सियासी पारा लागातर बढ़ रहा है. एक तरफ विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. वहीं अब हरियाणा के कैबिनेट मंत्री केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करते नजर आ रहे हैं.

kanwarpal gurjar cabinet minister
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Published : Jun 30, 2023, 4:39 PM IST

हरियाणा के थर्मल प्लांट को झारखंड शिफ्ट करने के समर्थन में कैबिनेट मंत्री, जानें क्या कहा

यमुनानगर में लगाए जाने वाले 800 मेगावाट के पावर थर्मल प्लांट को अब झारखंड में लगाया जा सकता है. इस मुद्दे पर हरियाणा की सियासत में घमासान मचा है. एक तरफ सरकार इस मुद्दे पर सफाई दे रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष भी सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. इस बीच हरियाणा के कैबिनेट मंत्री ने केंद्र सरकार के इस सुझाव का समर्थन किया है. कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि अगर पीएम मोदी ने ये सुझाव दिया है, तो उन्होंने कुछ सोच समझकर ही दिया होगा.

ये भी पढ़ें- क्या यमुनानगर में लगने वाला 800 मेगावॉट का पावर प्लांट झारखंड शिफ्ट हो रहा है? बिजली मंत्री ने बताई सच्चाई

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि 'वैसे तो हमें पावर प्लांट की जरूरत है. हमने उसके लिए सारी व्यवस्थाएं कर भी ली थी, लेकिन मेरा मानना है कि पीएम ने फैसला इसलिए किया है क्योंकि सारा कोयला तो झारखंड से आता है. झारखंड से हरियाणा में जो कोयला आता है उसपर ज्यादा रुपये खर्च होते हैं और उससे जो बिजली बनती है वो ग्रिड में दी जाती है. अगर वहीं से बनाकर बिजली ग्रिड में दी जाए तो भी कोई दिक्कत नहीं है. किराये और खर्चे से बचने के लिए शायद पीएम मोदी ने ये फैसला किया है.'

वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि इस प्रोजेक्ट को सूबे से छीना जा रहा है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार के सौतेले व्यवहार की वजह से कभी नंबर वन होने वाला हरियाणा अब पिछड़ेपन से ग्रसित है.

मामले पर बवाल को बढ़ता देख हरियाणा सरकार की तरफ से सफाई दी गई. हरियाणा सरकार का कहना है कि उनकी तरफ से केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी गई है. जिसमें इस बारे में बताया गया है कि झारखंड में बिजली प्लांट लगाने से हरियाणा पर सालाना 180 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. हरियाणा सरकार के मुताबिक उसने केंद्र से इस प्लांट को हरियाणा के यमुनानगर में ही लगाने की सिफारिश की है.

वहीं बिजली मंत्री रणजीत सिंह के मुताबिक सरकार ने यमुनानगर में प्लांट लगाने का फैसला इसलिए लिया था, क्योंकि पानीपत के प्लांट को बंद किया जा रहा है. इस प्लांट से लगभग 4500 करोड़ रुपये की बचत सरकार को होगी. इतना ही नहीं, अगर सरकार झारखंड में प्लांट लगाती है, तो इससे बिजली की लागत बढ़ेगी. झारखंड से यहां तक ग्रिड के जरिए बिजली लाने में काफी पैसा खर्च होगा. इसलिए सरकार ने दोबारा अपना पक्ष पीएम के सामने रखा है.

ये भी पढ़ें- बिजली विभाग ने माना, हरियाणा में 20 फीसदी बिजली की कमी, नहीं मिल रहा पूरा कोयला

क्या है पूरा मामला: वीरवार को नई दिल्ली में पावर प्लांट्स को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई थी. बैठक में हरियाणा से बिजली कंपनियों के चेयरमैन पीके दास ने हिस्सा लिया था. जिसमें हरियाणा सरकार को कहा गया था कि यमुनानगर में लगाए जाने वाले 800 मेगावाट के प्लांट को झारखंड के पिटहेड में शिफ्ट किया जाए. बता दें कि पहले ये प्लांट हरियाणा के यमुनानगर में प्रस्तावित हुआ था. हरियाणा सरकार यमुनानगर में 800 मेगावाट का पावर थर्मल प्लांट लगाने की तैयारी कर रही थी. इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया था. इस बीच केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को ये प्लांट हरियाणा की बजाय झारखंड में लगाने की सलाह दी है. माना जा रहा है कि अब ये प्लांट हरियाणा की जगह झारखंड में लगाया जा सकता है.

हरियाणा के थर्मल प्लांट को झारखंड शिफ्ट करने के समर्थन में कैबिनेट मंत्री, जानें क्या कहा

यमुनानगर में लगाए जाने वाले 800 मेगावाट के पावर थर्मल प्लांट को अब झारखंड में लगाया जा सकता है. इस मुद्दे पर हरियाणा की सियासत में घमासान मचा है. एक तरफ सरकार इस मुद्दे पर सफाई दे रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष भी सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. इस बीच हरियाणा के कैबिनेट मंत्री ने केंद्र सरकार के इस सुझाव का समर्थन किया है. कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि अगर पीएम मोदी ने ये सुझाव दिया है, तो उन्होंने कुछ सोच समझकर ही दिया होगा.

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कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि 'वैसे तो हमें पावर प्लांट की जरूरत है. हमने उसके लिए सारी व्यवस्थाएं कर भी ली थी, लेकिन मेरा मानना है कि पीएम ने फैसला इसलिए किया है क्योंकि सारा कोयला तो झारखंड से आता है. झारखंड से हरियाणा में जो कोयला आता है उसपर ज्यादा रुपये खर्च होते हैं और उससे जो बिजली बनती है वो ग्रिड में दी जाती है. अगर वहीं से बनाकर बिजली ग्रिड में दी जाए तो भी कोई दिक्कत नहीं है. किराये और खर्चे से बचने के लिए शायद पीएम मोदी ने ये फैसला किया है.'

वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि इस प्रोजेक्ट को सूबे से छीना जा रहा है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार के सौतेले व्यवहार की वजह से कभी नंबर वन होने वाला हरियाणा अब पिछड़ेपन से ग्रसित है.

मामले पर बवाल को बढ़ता देख हरियाणा सरकार की तरफ से सफाई दी गई. हरियाणा सरकार का कहना है कि उनकी तरफ से केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी गई है. जिसमें इस बारे में बताया गया है कि झारखंड में बिजली प्लांट लगाने से हरियाणा पर सालाना 180 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. हरियाणा सरकार के मुताबिक उसने केंद्र से इस प्लांट को हरियाणा के यमुनानगर में ही लगाने की सिफारिश की है.

वहीं बिजली मंत्री रणजीत सिंह के मुताबिक सरकार ने यमुनानगर में प्लांट लगाने का फैसला इसलिए लिया था, क्योंकि पानीपत के प्लांट को बंद किया जा रहा है. इस प्लांट से लगभग 4500 करोड़ रुपये की बचत सरकार को होगी. इतना ही नहीं, अगर सरकार झारखंड में प्लांट लगाती है, तो इससे बिजली की लागत बढ़ेगी. झारखंड से यहां तक ग्रिड के जरिए बिजली लाने में काफी पैसा खर्च होगा. इसलिए सरकार ने दोबारा अपना पक्ष पीएम के सामने रखा है.

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क्या है पूरा मामला: वीरवार को नई दिल्ली में पावर प्लांट्स को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई थी. बैठक में हरियाणा से बिजली कंपनियों के चेयरमैन पीके दास ने हिस्सा लिया था. जिसमें हरियाणा सरकार को कहा गया था कि यमुनानगर में लगाए जाने वाले 800 मेगावाट के प्लांट को झारखंड के पिटहेड में शिफ्ट किया जाए. बता दें कि पहले ये प्लांट हरियाणा के यमुनानगर में प्रस्तावित हुआ था. हरियाणा सरकार यमुनानगर में 800 मेगावाट का पावर थर्मल प्लांट लगाने की तैयारी कर रही थी. इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया था. इस बीच केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को ये प्लांट हरियाणा की बजाय झारखंड में लगाने की सलाह दी है. माना जा रहा है कि अब ये प्लांट हरियाणा की जगह झारखंड में लगाया जा सकता है.

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