यमुनानगर: झूठे नारे नहीं प्यार चाहिए, मार नहीं बाबा तेरा दुलार चाहिए. जिले में ऐसी ही एक दर्द भरी कहानी उस वक्त सामने आई जब आशा वर्कर की सूचना पर जिला बाल संरक्षण टीम की ओर से स्वास्थ्य विभाग ने एक छह महीने की मासूम बच्ची का रेस्क्यू किया.
पिता बना जल्लाद
आशा वर्कर की माने तो इस बच्ची का पिता कभी उसे चूल्हे से जलाता था तो कभी सिगरेट से और अगर इतने से मन नहीं भरता तो बच्ची को पटक-पटककर मारता भी था.
बच्ची की हालत गंभीर
इस दर्दनाक मंजर के बारे बात करते हुए बाल संरक्षण अधिकारी का कहना है कि यह जगाधरी का केस है. जहां बच्ची को इतनी यातनाएं दी गई कि वो जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है. फिलहाल इस बच्ची का रेस्क्यू कर इसे सिविल अस्पताल के नीकु वार्ड में रखा गया है. इस बच्ची की हालत में सुधार होने पर इसे शिशु गृह पंचकूला भेजा जाएगा.