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शोध और विज्ञान को लेकर सोनीपत में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

सोनीपत के दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस कार्यशाला में शोध और विज्ञान के महत्व को बताया गया.

two day workshop in Sonipat on research and science
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Published : Feb 29, 2020, 9:22 AM IST

सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के रसायन विभाग के सेवानिवृत अमरेटिस प्रो. एस.पी. खटकड़ ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने की.

शोध पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन

इस दौरान प्रो.एस.पी.खटकड़ ने कहा कि कि विज्ञान का मानव जीवन में अहम योगदान है. गुणवत्ता परक शोध के माध्यम से हमारे राष्ट्र का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन होता है. हमारे देश का भविष्य युवा शोधकर्ताओं के हाथ में है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यक्ता है तो केवल प्रतिभा को तराशने की.

शोध और विज्ञान को लेकर सोनीपत में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन, देखें वीडियो

विज्ञान के महत्व के बारे में बताया गया

प्रो. खटकड़ ने कहा कि विज्ञान ने मानव जीवन को सुगम और सरल बनाने में अहम योगदान दिया है. विज्ञान को हम भोगौलिक सीमाओं में बांध कर नहीं रख सकते. उन्होंने कहा कि जिन देशों में शोध बेहतर हुए. वहीं राष्ट्र आगे जाकर विकसित राष्ट्र बने. हमारे युवा शोधार्थी आने वाले कल में देश के भविष्य का निर्माण करेंगे.

शोध को लेकर कही ये बात

प्रो.खटकड़ ने आगे कहा कि शोध की गुणवत्ता के आधार पर ही शोधपत्र बेहतरीन जनरल में प्रकाशित होते हैं, लेकिन शोधपत्र प्रकाशित कराते समय हमें जनरल का चुनाव बहुत ध्यानपूर्वक करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का समय है. युवा शोधकर्ताओं को कार्यशालाओं में बढ़चढ़कर भाग लेना चाहिए, ताकि अनुसंधानकर्ताओं के पास नवीनतम तकनीक और ज्ञान का पता चल सकें. इससे युवा अनुसंधानकर्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा.

ये भी जानें -सीएम की कथनी और करनी में फर्क इसलिए वापस लिया समर्थन- बलराज कुंडु

युवा शोधकर्ता भारत के भविष्य के निर्माणकर्ता

युवा शोधकर्ता शोध करते समय ध्यान रखें कि उनके अनुसंधान में प्लेगरिजम न हो. विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज दूहन ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि पांच राज्यों से आए प्रतिभागियों को कार्यशाला से निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा.

कुलपति प्रो.राजेंद्र कुमार अनायत ने कहा कि विज्ञान के माध्यम से ही हम मानव जीवन का कल्याण कर सकते है, लेकिन हमें अनुसंधान करते समय पर्यावरण का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा.

सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के रसायन विभाग के सेवानिवृत अमरेटिस प्रो. एस.पी. खटकड़ ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने की.

शोध पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन

इस दौरान प्रो.एस.पी.खटकड़ ने कहा कि कि विज्ञान का मानव जीवन में अहम योगदान है. गुणवत्ता परक शोध के माध्यम से हमारे राष्ट्र का नाम वैश्विक स्तर पर रोशन होता है. हमारे देश का भविष्य युवा शोधकर्ताओं के हाथ में है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यक्ता है तो केवल प्रतिभा को तराशने की.

शोध और विज्ञान को लेकर सोनीपत में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन, देखें वीडियो

विज्ञान के महत्व के बारे में बताया गया

प्रो. खटकड़ ने कहा कि विज्ञान ने मानव जीवन को सुगम और सरल बनाने में अहम योगदान दिया है. विज्ञान को हम भोगौलिक सीमाओं में बांध कर नहीं रख सकते. उन्होंने कहा कि जिन देशों में शोध बेहतर हुए. वहीं राष्ट्र आगे जाकर विकसित राष्ट्र बने. हमारे युवा शोधार्थी आने वाले कल में देश के भविष्य का निर्माण करेंगे.

शोध को लेकर कही ये बात

प्रो.खटकड़ ने आगे कहा कि शोध की गुणवत्ता के आधार पर ही शोधपत्र बेहतरीन जनरल में प्रकाशित होते हैं, लेकिन शोधपत्र प्रकाशित कराते समय हमें जनरल का चुनाव बहुत ध्यानपूर्वक करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का समय है. युवा शोधकर्ताओं को कार्यशालाओं में बढ़चढ़कर भाग लेना चाहिए, ताकि अनुसंधानकर्ताओं के पास नवीनतम तकनीक और ज्ञान का पता चल सकें. इससे युवा अनुसंधानकर्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा.

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युवा शोधकर्ता भारत के भविष्य के निर्माणकर्ता

युवा शोधकर्ता शोध करते समय ध्यान रखें कि उनके अनुसंधान में प्लेगरिजम न हो. विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज दूहन ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि पांच राज्यों से आए प्रतिभागियों को कार्यशाला से निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा.

कुलपति प्रो.राजेंद्र कुमार अनायत ने कहा कि विज्ञान के माध्यम से ही हम मानव जीवन का कल्याण कर सकते है, लेकिन हमें अनुसंधान करते समय पर्यावरण का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा.

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